अमेरिकी रिसर्चर के शोध ने बढ़ाई टेंशन, चमगादड़ों में सैकड़ों किस्म के Coronavirus, फिर हो सकता है हमला
नई दिल्ली कोरोना वायरस की चपेट में बुरी तरह से उलझे अमेरिका की मुश्किल लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना संक्रमण से मौत के आंकड़े कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं तो वहीं अमेरिकी रिसर्चर के नए शोध ने अमेरिका की परेशानी बढ़ा दी है। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया के प्रोसेफर के ताजा शोध ने अमेरिका की टेंशन और बढ़ा दी है। अब तक के सभी शोध में ये बात सामने आई हैं कि कोरोना वायरस के उत्पति में कहीं न कहीं चमगादड़ का हाथ है। चीन के शोधकर्ताओं ने भी इसका खुलासा किया तो अब अमेरिका यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न केलीफोर्निया की प्रोफेसर पाउली केनन के शोध में नई बात सामने निकल कर आई है।
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कोरोना का चमगादड़ों से कनेक्शन
यूनिवर्सिटी
की
वेबसाइट
पर
मौजूद
रिपोर्ट
के
मुताबिक
संक्रामक
रोगों
में
शामिल
कोरोना
वायरस
की
बीमारी
का
संबंध
जानवरों
से
है।
यूनिवर्सिटी
में
प्रफेसर
पाउला
कैनन
ने
अपने
रिसर्च
में
दावा
किया
है
कि
अभी
यह
बात
सामने
नहीं
आई
है
कि
कोरोना
का
संक्रमण
कैसे
शुरू
हुआ
लेकिन
जो
जानकारी
सामने
आई
है
उसके
मुताबिक
कोरोना
वायरस
घोड़े
की
नाल
के
आकार
के
चमगादड़ों
से
फैला
है।
क्या कहता है अमेरिकी प्रोफेसर का शोध
कैनन के मुताबिक शोध के जरिए इस बात के पर्याप्त साक्ष्य सामने आए हैं कि कोरोना वायरस चमगादड़ों के जरिए ही इंसान में फैला है। ये संक्रमण एक इंसान से दूसरे इंसान में होते हुए पूरे विश्व में फैल गया। कैनन के मुताबिक चीन के वुहान शहर के एक मीट मार्केट से इंसानों में कोरोना वायरस फैला। चीन के इस सबसे बड़े मीट बाजार में जिंदा जीवों को बेचा जाता है। यहीं से कोरोना का संक्रमण दुनियाभर में फैला। इसी तरह से कुछ साल पहले भी कई देशों में मर्स और सार्स जैसे संक्रमण फैले थे।
ऐसे फैला संक्रमण
रिसर्च
टीम
के
वैज्ञानिक
इस
बात
में
एक
राय
रखते
हैं
कि
इबोला
वायरस
भी
चमगादड़ों
से
ही
इंसानों
में
आया
था।
वहीं
मर्स
वायरस
चमगादड़ों
से
ऊंटों
में
फैला
और
ऊंटों
से
इंसानों
में।
जबकि
सार्स
चमगादड़
से
बिल्लियों
में
फैला
और
बिल्लियों
से
इंसानों
तक
पहुंचा।
केनन
की
मानें
तो
शोध
के
दौरान
उन्हें
कोरोना
वायरस
के
ऐसे
कई
जेनेटिक
कोड
मिले
हैं
जो
चमगादड़ों
में
पाए
जाते
हैं।
चमगादड़ में कोरोना वायरस के सैकड़ों किस्म
केनन ने अपने शोध में लिखा है कि चमगादड़ में सैकड़ों किस्म के कोरोना वायरस पाए जाते हैं। ये कोराना वायरस अलग-अलग तरीकों से दूसरे जीवों पर असर डालते हैं। उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि कोरोना का ये संक्रमण यहीं खत्म होने वाला नहीं है। बल्कि भविष्य में और ज्यादा कोरोना वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने ये बी कहा है कि ऐसा 100 वर्षों में एक बार ही होता है। लेकिन यह जब होगा तब इसी तरह से तेज रफ्तार से इंसानों में फैलेगा।
चीन की लैब में बना कोरोना
वहीं
कोरोना
वायरस
की
वजह
से
चीन
पर
गंभीर
आरोप
लग
रहे
हैं।
अमेरिका
ने
तो
इसी
चीनी
वायरस
का
नाम
ने
दिया।
वहीं
अमेरिका
की
खुफिया
एजेंसी
और
वैज्ञानिक
इसकी
जांच
रहे
हैं।
डेली
मेल
की
खबर
के
मुताबिक
वुहान
इंस्टिट्यूट
ऑफ
वीरोलॉजी
में
यह
वायरस
तैयार
किया
गया
है।
अमेरिकी
सरकार
ने
इस
शोध
के
लिए
उसे
करीब
10
करोड़
रुपये
का
ग्रांट
दिया
था।
चीन
की
इस
लैब
पर
कोरोना
वायरस
तैयार
करने
और
उससे
संक्रमण
फैलाने
का
आरोप
लगा
है।
लैब
ने
अपने
शोध
के
लिए
1000
मील
दूर
गुफाओं
से
चमगादड़ों
पकड़े
थे।
जिसके
बाद
अब
ये
कोरोना
वायरस
दुनियाभर
के
लिए
खतरा
बन
गया
है।