अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लगा तगड़ा झटका, दूसरी तिमाही में GDP करीब 33 फीसदी लुढ़का
नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी प्रेरित लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है और पूरी दुनिया की जीडीपी ग्रोथ में इसका घातक असर देखने को मिल रहा है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में दूसरी तिमाही में भी रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली है। गुरूवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से जून तिमाही के दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 32.9 फीसदी की तेज गिरावट दर्ज हुई है।
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वर्ष 1947 के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था में किसी तिमाही में बड़ी गिरावट
वर्ष 1947 के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था में किसी तिमाही में हुआ यह सबसे बड़ा गिरावट दर्ज किया गया है। खास बात यह है कि 1947 से ही अमेरिकी सरकार ने इन आंकड़ों को जमा करना शुरू किया था। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट की वजह कोरोनावायरस महामारी है, जिसकी वजह से तिमाही के दौरान मांग और कारोबारी गतिविधियों पर नकारात्मक असर पड़ा है।
दूसरी तिमाही में 1958 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक गिरावट हुई थी
इससे पहले, वर्ष 1958 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा गिरावट दूसरी तिमाही में देखने को मिली थी, तब जीडीपी 10 फीसदी तक सिकुड़ गईथी। वहीं, इस साल की पहली तिमाही में जीडीपी 5 फीसदी की दर से गिरी थी। हालांकि अप्रैल जून में आई गिरावट अर्थशास्त्रियों के अनुमानों से बेहतर रही है। रॉयटर्स के द्वारा किए गए एक सर्वे में अर्थशास्त्रियों ने 34 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया था।
तिमाही के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान अप्रैल के महीने में दर्ज हुआ
रिपोर्ट्स के मुताबिक तिमाही के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान अप्रैल के महीने में दर्ज हुआ जब अर्थव्यवस्था में लगभग कोई गति देखने को नहीं मिली थी। वहीं, मई महीने से शुरू हुई गतिविधियों में कोरोना के नए मामलों की वजह से यह असर देखने को मिल रहा है। हालांकि अर्थव्यवस्था रिकवरी के लिए तेजी से संघर्ष कर रही है।
अमेरिकी सरकार पर जल्द एक और राहत पैकेज के ऐलान का दबाव बना
अमेरिकी अर्थव्यवस्था की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 33 फीसदी गिरावट और रिकवरी की उम्मीदों को झटके लगने के बाद अब अमेरिकी सरकार पर जल्द एक और राहत पैकेज के ऐलान का दबाव बन गया है। अर्थशास्त्री मान रहे हैं कि बिना पिछले राहत पैकेज के दूसरी तिमाही के आंकड़े और बुरे हो सकते थे। ऐसे में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले और कारोबारी गतिविधियों पर असर के बीच सरकार जल्द पैकेज का ऐलान नहीं करती तो तीसरी तिमाही में भी मुश्किलें बढ़ेंगीं।