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H-1B वीजाधारकों को झटका! अमेरिकी कोर्ट ने H-4 वीजाधारक जीवनसाथियों के काम करने वाले फैसले पर मांगी रिपोर्ट

अमेरिकी कोर्ट ने H-1B वीजाधारकों के परिवारवालों यानि H-4 वीजाधारकों को काम करने की अनुमति देने वाले सरकार के फैसले पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।

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वाशिंगटन: H-1B वीजाधारकों को आने वाले वक्त में अमेरिकी कोर्ट से बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, अमेरिकी कोर्ट ने H-1B वीजाधारकों के परिवारवालों यानि H-4 वीजाधारकों को काम करने की अनुमति देने वाले सरकार के फैसले को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांग ली है। अमेरिका की एक अदालत ने ज्वाइंट स्टेटस रिपोर्ट मांगते हुए पूछा है कि H-4 वीजाधारक अमेरिका में काम करने का आधार क्या होगा? दरअसल कोर्ट में अलग अलग याचिकाओं के जरिए कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से अमेरिका के मूल निवासियों के सामने रोजगार का संकट खड़ा होगा।

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कोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट

दरअसल, जो बाइडेन प्रशासन ने अमेरिका में रहने वाले H-1B वीजाधारकों को बड़ी राहत देते हुए उनके जीवनसाथियों को भी अमेरिका में रहकर काम करने की अनुमति दे दी थी। जिसके बाद कैलिफोर्निया की अदालत में जो बाइडेन सरकार के इस फैसले को चुनौती दी गई। जिसके बाद अदालत ने सुनवाई करते हुए सरकार से कोर्ट में ज्वाइंट स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा है। जज तान्या एस चुटकन (Tanya S Chutkan) ने 5 मार्च तक कोर्ट में ज्वाइंट स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस यानि USCIS को कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। अमेरिका में विदेशियों को को USCIS ही H-1B और H4 वीजा जारी करता है।

दरअसल, ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट ऑफ बजट और ऑफिस ऑफ इनफॉर्मेशन एंड रेग्यूलेट्री अफेयर्स ने पहले कोर्ट में कहा था कि H-4 वीजाधारकों को अमेरिका में काम करने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, मगर बाद में इन्होंने अपने फैसले को वापस ले लिया था। जिसके बाद अब कोर्ट ने ज्वाइंट स्टेटस रिपोर्ट मांग लिया है। इसका मतलब ये होता है कि बाइडेन प्रशासन और ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट ऑफ बजट और ऑफिस ऑफ इनफॉर्मेशन एंड रेग्यूलेट्री अफेयर्स के फैसले अलग अलग हैं। जो बाइडेन H-4 वीजाधारकों को नौकरी करने देने के पक्ष में है, जबकि ये दोनों विभाग इन्हें नौकरी करने पर रोक लगाने के पक्ष में है। जिसे लेकर अब कोर्ट ने दोनों पक्षों से 5 मार्च तक ज्वाइंट स्टेटस रिपोर्ट जमा करने को कहा है।

क्या है पूर्व सरकारों का फैसला?

H-1B वीजा उन्हें दिया जाता है, जो अमेरिका में रहकर किसी अमेरिकी कंपनी में काम करते हैं, वहीं H4 वीजा उनके जीवनसाथियों को जारी किया जाता है। जब ओबामा प्रशासन ने H4 वीजाधारकों को काम करने में छूट देने का फैसला किया था, उस वक्त उनकी काफी आलोचना की गई थी। और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओबामा प्रशासन द्वारा लिए गये फैसले पर रोक लगाने का एलान किया था। डोनाल्ड ट्रंप ने फैसले को रिव्यू करने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया था। लेकिन, ट्रंप के कार्यकाल खत्म होने तक इसपर फैसला नहीं लिया जा सका। अब जो बाइडेन ने अपने कार्यकाल के सातवें दिन ही H-1B वीजाधारकों को बड़ी राहत दी है। अब अमेरिका में चार साल से ज्यादा वक्त रहने वाले H-1B वीजाधारकों के जीवनसाथी भी अमेरिका में रहकर काम कर सकते हैं। अमेरिकन कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन से भी H-4 वीजाधारकों को लेकर स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा था, मगर डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट नहीं सौपी गई।

दिसंबर 2017 में USCIS ने एक लाख 26 हजार 853 लोगों के H-4 वीजा को मान्यता दी थी। कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस CRS के डेटा के मुताबिक 93% H-4 वीजाधारक भारतीय होते हैं जबकि 5% H-4 वीजाधारक चीनी निवासी होते हैं।

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English summary
The US court has sought a status report on the government's decision to allow H-1B visa holders, ie H-4 visa holders, to work.
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