अमेरिका की पाक को दो-टूक, आतंक का समर्थन करने वाले नहीं हो सकते हमारे दोस्त
नई दिल्ली। अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि आतंक का समर्थन करने वाले और उन्हें पालने वाले कभी भी अमेरिका के दोस्त नहीं हो सकते। हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा सहायता रोके जाने के बाद व्हाइट हाउस की तरफ से ये बयान सामने आया है। ट्रंप ने हाल ही में पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग ना करने का आरोप लगाकर उसको दी जाने वाली सहायता रोक दी थी। पिछले महीने ही ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर के सुरक्षा सहायता पर रोक लगा दी थी।
ट्रंप ने रोकी सहायता राशि
व्हाइट हाउस ने अपनी विदेश नीति को लेकर कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने हमारे सहयोगियों को यह साफ कर दिया है कि आतंकियों से मेल-मिलाप करने और समर्थन करने वाले अमेरिका के मित्र नहीं हो सकते। ट्रंप के मंगलवार को दिए स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन के बाद वाइट हाउस ने अपने बयान में कहा है कि राष्ट्रपति ने पाकिस्तान की सुरक्षा सहायता पर रोक लगा दी है जो कि सहायता प्राप्त करने वालों को लंबित संदेश है कि हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारा पूरा साथ देंगे।
डोनाल्ड ने कहा, पाक से मिला धोखा
डोनाल्ड ट्रंप ने 1 जनवरी को ट्वीट कर कहा था कि पाकिस्तान को दी जाने वाली 2 बिलियन डॉलर की सैन्य मदद रोक दी है। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका पानी की तरह पाकिस्तान में पैसा बहा रहा है, लेकिन बदले में उन्हें झूठ और धोखे के अलावा कुछ नहीं मिला है।
रूस और चीन से दोस्ती बढ़ा रहा पाक
अमेरिका के साथ रिश्तों में पहले जैसी बात ना रहने के बाद पाकिस्तान भी रूस और चीन के साथ अपने रिश्तों को मजबूती दे रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान की सैन्य सहायता रोकने के बाद अब इस्लामाबाद ने रूस और चीन से मदद मांगी है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि जिस तरह से अमेरिका ने उनके साथ बर्ताव किया है, उसको देखते हुए नए सैन्य हथियारों के लिए इस्लामाबाद अब रूस और चीन के साथ-साथ यूरोपीय देशों से मदद लेगा।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान ने अंग्रेजी न्यूजपेपर फाइनेंसियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि पिछले तीन सालों में हमने रूस से कुछ हेलिकॉप्टर खरीदे हैं, जो कि पाकिस्तान की क्षेत्रीय और रणनीतिक रिश्तों को भी मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। दस्तगीर खान ने कहा कि अमेरिका के दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार के खातिर हमें इस प्रकार का निर्णय लेना पड़ रहा है।
अमेरिका ने रोकी सैन्य सहायता, तो पाकिस्तान ने चीन और रूस के सामने फैलाए हाथ