South China Sea को लेकर ड्रैगन के खिलाफ अमेरिका का बड़ा कदम, इन लोगों के वीजा पर बैन
नई दिल्ली- अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में चीन की नापाक हरकतों के खिलाफ बहुत बड़ा कदम उठाया है। उसने दक्षिण चीन सागर के विवादित इलाकों में किसी तरह की गतिविधियों में शामिल चीन के लोगों को वीजा देने पर पाबंदी लगा दी है। यह घोषणा अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने की है। गौरतलब है कि चीन दक्षिण सागर में लगातार कृत्रिम द्वीप विकसित कर उसपर कब्जा करता जा रहा है और उसने वहां पर बड़े इलाके में पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी का एक बहुत बड़ा बेस भी तैयार कर लिया है।
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अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने दक्षिण चीन सागर में निर्माण कार्यों में जुटे चीन के लोगों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए कहा है, 'आज विदेश मंत्रालय पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के उन लोगों को वीजा देने पर प्रतिबंध लगा रहा है, जो साउथ चाइना सी में विवादित आउटपोस्ट के निर्माण या सैनिकीकरण के लिए या तो बड़े पैमाने पर भूमि सुधार के लिए या मिलीभगत के लिए जिम्मेदार हैं। '
अमेरिका की इस कार्रवाई की चपेट में चीन की 24 कंपनियां और उसके अधिकारी भी आ गए हैं। अमेरिका इन सबको दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम तरीके से द्वीपों के निर्माण के लिए जिम्मेदार मानता है। माइक पोम्पियो ने एक बयान में कहा है कि 2013 से चीन ने अपने देश के स्वामित्व वाली कंपनियों का इस्तेमाल दक्षिण चीन सागर के 3 हजार एकड़ से अधिक विवादित क्षेत्र में अपने दावे को मजबूत करने के लिए किया है। इसके चलते यह क्षेत्र अस्थिर हो रहा है, वह पड़ोसियों के संप्रभुता के अधिकारों को खत्म कर रहा है और पर्यावरण की तबाही का भी कारण बन रहा है।
यही नहीं पोम्पियो ने अमेरिकी जनता से यह भी कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ही ऐसे अकेले ऐसे शख्स हैं, जो चीन की आक्रामक इरादों का सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप तबतक चैन से नहीं बैठेंगे, जबतक दुनिया को कोरोना वायरस के जरिए मौत और तबाही बांटने वाले इस कम्युनिस्ट देश के खिलाफ न्याय नहीं हो जाता।
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