क्यों खशोग्गी की मौत पर सऊदी के खिलाफ कार्रवाई करने से डर रहा अमेरिका?
वॉशिंगटन। वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोग्गी दो सप्ताह पहले इस्तानबुल में सऊदी कॉन्सुलेट में गायब हो गए थे, जिसके बाद अब यह आशंका जताई जा रही है कि उनकी हत्या हो चुकी है। खशोग्गी की मौत पर तुर्की और सऊदी दोनों एक दूसरे के सामने आ गए हैं और अमेरिका अपने दोनों सहयोगी देशों के बीच में ऊहापोह की स्थिति में दिखाई दे रहा है। तुर्की सबूत देने में जुटा है कि खशोग्गी की मौत में सऊदी का हाथ है, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप खुलकर स्वीकार करने से कतरा रहे हैं। हालांकि, खुद ट्रंप को शक है कि खशोग्गी की मौत हो चुकी है और लेकिन उन्होंने किसी को भी जिम्मेदारी नहीं ठहराया है। मीडिल ईस्ट में अमेरिका के लिए सऊदी शुरू से ही एक सहयोगी देश रहा है, लेकिन इस 'खशोग्गी सकंट' ने ट्रंप की विदेश नीति को भी मुश्किल में डाल दिया है।
यूएस के लिए मिडिल ईस्ट में नींव की तरह सऊदी
सऊदी अरब को दंड देने के लिए डोनाल्ड ट्रंप सरकार पर विपक्ष और मीडिया जबरदस्त दबाव बना रहा है। विपक्ष ने सऊदी पर प्रतिबंध की लगाने तक की बात कही है। मिडिल ईस्ट में अमेरिकी विदेश नीति के लिए सऊदी अरब के नींव की तरह खड़ा है और ऐसे में अगर ट्रंप ने किंगडम के खिलाफ एक्शन लिया तो एक जबरदस्त विद्रोह देखने को मिलेगा, जो ईरान का सामना करने के लिए ट्रंप की रणनीति पर पानी फेर सकता है। सऊदी के खिलाफ कार्रवाई कर अमेरिका अपने रिश्तों को दांव पर लगाकर मिडिल ईस्ट में अपनी रणनीतिक ताकत बिल्कुल नहीं खोना चाहेगा। फिलहाल, खशोग्गी मामले में जांच चल रही है और अगर इसके पुख्ता सबूत में यह साबित हुआ कि मोहम्मद बिन सलमान की नजर में खशोग्गी की मौत हुई तो निश्चित रूप से व्हाइट हाउस में सऊदी के खिलाफ बहुत कुछ तैयार हो जाएगा।
ट्रंप के दामाद ने दी खशोग्गी मामले में दूर रहने की सलाह
खशोग्गी की मौत पर डोनाल्ड ट्रंप ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा है कि जो भी इसके लिए जिम्मेदार होगा, उसे सजा मिलेगी। हालांकि, उन्होंने जांच पूरी होने तक इतंजार करने के लिए कहा है। वहीं, खशोग्गी के गायब होने के बाद उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने सबसे गंभीर चेतावनी देते हुए कहा, 'अगर एक पत्रकार किसी हिंसा का शिकार हुआ है, तो यह पूरी दुनिया में प्रेस की आजादी के लिए खतरा है और उसके लिए गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।' सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प के एडवाइजर और दामाद जेर्ड कुशनर ने अमेरिकी राष्ट्रपति को सऊदी मामले में अपने आप को चुप रहने और धीरे-धीरे किनारे होने की सलाह दी है। कुशनर ने ट्रंप को क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की आलोचना भी नहीं करने के लिए कहा है।
ट्रंप को मिडिल ईस्ट में अपना वफादार खोने डर
ईरान पर दबाव बनाने के लिए मीडिल ईस्ट में सऊदी को अपने साथ लेकर चलना अमेरिका के लिए जरुरी हो चुका है। अमेरिका अगले महीने से ईरान पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है और दुनिया में ऑयल मार्केट को संतुलित बनाए रखने के लिए सऊदी की जिम्मेदारी है, ऐसे में अगर ट्रंप दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक मुल्क पर कार्रवाई करते हैं तो खाड़ी देशों में एक नया सकंट पैदा हो सकता है। ट्रंप ने कहा कि अगर वे सऊदी के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, तो न सिर्फ अमेरिका में लाखों नौकरियां खतरें में पड़ जाएगी, बल्कि रूस और चीन सऊदी को हथियार देकर मु्श्किलें खड़ी कर देगा। ट्रंप ने कहा कि वे किसी भी हालत में सऊदी के साथ हुई 100 बिलियन डॉलर की हथियार डील को कैंसिल नहीं कर सकते।