VIDEO: भारत का करीबी देश तैयार कर रहा 'स्पेस फोर्स', इस वजह से चांद के पास करेगा पेट्रोलिंग
नई दिल्ली: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने चंद्रमा पर अब तक दो बड़े मिशन लॉन्च किए हैं। अगले साल तक इसरो गगनयान मिशन लॉन्च करेगा, जिसके तहत पहली बार भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जाएंगे। हालांकि हमारे बहुत से करीबी देश जैसे- अमेरिका, रूस स्पेस सेक्टर में हमसे काफी आगे हैं। अब अमेरिका ने एक स्पेस फोर्स बनाने का प्लान बनाया है।

खतरों का लगाया जाएगा अनुमान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी वायुसेना स्पेस फोर्स बनाने की तैयारी में है, जो चंद्रमा के चारों ओर गश्त करेगी। इसका मकसद संभावित खतरों को पहले से आंकना है। हाल ही में अमेरिकी वायुसेना अनुसंधान प्रयोगशाला (AFRL) ने एक नए वीडियो में इसका खुलासा किया था। (वीडियो-नीचे)

CHPS है नाम
वीडियो में एक नए उपग्रह की जानकारी दी गई है, जिसे अंतरिक्ष में लॉन्च किया जाएगा। इसको किस्लुनार हाईवे पेट्रोल सिस्टम (CHPS) कहा जाता है। जिसे सिस्लुनर स्पेस में लॉन्च किया जाएगा, जो चंद्रमा के आसपास पेट्रोलिंग करेगा। वहीं एएफआरएल की वेबसाइट के मुताबिक किस्लुनार हाईवे पेट्रोल सिस्टम (सीएचपीएस) एक अंतरिक्ष-उड़ान प्रयोग है, जिसे सिस्लुनर में मूलभूत अंतरिक्ष डोमेन क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए डिजाइन किया गया है।

क्या है सिस्लुनर स्पेस?
AFRL के मुताबिक अंतरिक्ष में यातायात बढ़ रहा है। ऐसे में गश्त करने वाला सिस्टम संभावित टकरावों को ट्रैक करेगा और उसके बारे में वक्त रहते जानकारी कंट्रोल सेंटर को देगा। मामले में सिक्योर वर्ल्ड फाउंडेशन के प्रोग्राम प्लानिंग के निदेशक ब्रायन वीडेन ने बताया कि सिस्लुनर स्पेस चंद्रमा की कक्षा को घुमाकर बनाया गया एक गोला है। वहीं पर ये पेट्रोलिंग होगी।

गतिविधियों की जानकारी देगा
उन्होंने कहा कि ये उनके लिए पहला कदम है कि वे ये जान सकें कि सिस्लुनर स्पेस में क्या हो रहा है और फिर अमेरिकी गतिविधियों के लिए किसी भी संभावित खतरों की पहचान करें। उन्होंने ये भी माना कि CHPS का उपयोग खतरों को टारगेट करने के लिए नहीं किया जाएगा, उससे सिर्फ जानकारी दी जाएगी।
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