क्या वेनेजुएला में तख्तापलट की योजना बना रहा अमेरिका?
वॉशिंगटन। लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला और अमेरिका के बीच टकराव पिछले कई सालों से जारी है, लेकिन इस वक्त दोनों ही देशों के रिश्तें सबसे निम्न स्तर पर है। अमेरिकी अधिकारियों और वेनेजुएलाई पूर्व मिलिट्री कमांडर के मुताबिक, निकोलस मादुरो की सरकार का तख्तापलट करने के लिए ट्रंप प्रशासन पिछले एक साल से वेनेजुएला के विद्रोहियों से बातचीत कर रही है। लैटिन अमेरिका में अमेरिकी दखलंदाजी का एक लंबा इतिहास रहा है। शीत युद्ध के दौरान क्यूबा, निकारागुआ, ब्राजील और चिली जैसे देशों में अमेरिका ने विद्रोहियों की मदद से कई बार तख्तापलट की कोशिश की है।
अमेरिका ने की बातचीत
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, वेनेजुएला में मादुरो के खिलाफ तख्तापलट प्लान को लेकर व्हाइट हाउस ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन इतना जरूर कहा है कि उन सभी वेनेजुएलाई से अच्छी बातचीत हुई है, जो लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं, ताकि किसी ऐसे देश में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके जो मादुरो के दौर में पीड़ित है। लेकिन इस सीक्रेट डायलॉग में शामिल वेनेजुएला सैन्य कमांडरों में से शायद ही एक आदर्श व्यक्ति था, जो लोकतंत्र को बहाल करने में मदद करते हो, जिसे अमेरिका ने वेनेजुएलाई भ्रष्ट अधिकारियों की सूची में रखा है।
ट्रंप प्रशासन को विद्रोहियों पर भरोसा?
ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन के साथ मीटिंग कर रहे वेनेजुएलाई विद्रोही इससे पहले भी कई बार अमेरिकी राष्ट्रपतियों से तख्तापलट की बात कर चुके हैं। लेकिन अमेरिका ने उन्हें कई गंभीर अपराधों में दोषी पाया है, जिनमें आलोचकों को यातना देने, सैकड़ों राजनीतिक कैदियों को जेल में डालना, हजारों नागरिकों को घायल करने, ड्रग्स की तस्करी और कोलंबिया की क्रांतिकारी सशस्त्र बलों या एफएआरसी के साथ सहयोग करने, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा एक आतंकवादी संगठन माना जाता है। लेकिन ट्रंप प्रशासन इन्हीं विद्रोहियों के साथ कई बार मुलाकात कर, मादुरो को सत्ता से बेदखल करने की योजना बना चुकी है।
विद्रोहियों ने मांगी मदद
ट्रंप प्रशासन के साथ हुई मिटिंग में वेनेजुएला के कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा कि वे सैकड़ों सैनिकों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो अपने देश में मादुरो की तानाशाही से परेशान हो चुके हैं। अधिकारियों ने अमेरिका से कहा कि जब तक वेनेजुएला में चुनाव नहीं हो जाते, तब तक उन्हें सुरक्षित रूप से संवाद करने के लिए एन्क्रिप्टेड रेडियो की आपुर्ति की जाए, ताकि एक ट्रांजिशनल गवर्नमेंट को चलाया जा सके। फिलहाल, अमेरिका ने वेनेजुएलाई विद्रोहियों को ऐसा कोई सपोर्ट नहीं किया है, जिससे कि मादुरो के खिलाफ तख्तापलट को अंजाम दिया जा सके।
हाल ही में मादुरो पर हुए हैं अटैक
वेनेजुएला और अमेरिका के बीच पिछले कई सालों से विवाद चल रहा है। 2010 से दोनों देशों ने अपने-अपने राजदूतों को नहीं भेजा है। ट्रंप के सत्ता में आने के बाद तो मादुरो और उनके अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंधों को और ज्यादा कड़ा कर दिया। पिछले कुछ महीनों में मादुरो पर अटैक भी हुए हैं। पिछले माह अगस्त में एक स्पीच के दौरान मादुरो पर ड्रोन अटैक हुआ था। वेनेजुएला ने कोलंबिया और अमेरिका को इसके लिए दोषी ठहराया है।
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