Special Report: चीन से ‘युद्ध’ के लिए अमेरिका के नेतृत्व में बनेगी टीम, हिंद-प्रशांत क्षेत्र का ‘कैप्टन’ भारत
चीन की साम्राज्यवादी और अंहाकारी रवैये को रोकने के लिए अमेरिका सहयोगी देशों के साथ टीम बनाने पर विचार कर रहा है।
वाशिंगटन: चीन (China) की साम्राज्यवादी और अंहाकारी रवैये को रोकने के लिए अमेरिका (America) सहयोगी देशों के साथ टीम बनाने पर विचार कर रहा है। व्हाइट हाउस का मानना है कि वक्त रहते अगर चीन को रोका नहीं गया तो फिर चीन पूरी दुनिया के लिए खतरनाक हो सकता है। अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) अपने सहयोगी (Allies) और मित्र देशों के साथ मिलकर एक टीम बनाने पर विचार कर रहे हैं।
दुनिया के लिए चीन खतरनाक
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस (Ned Price) ने व्हाइट हाइस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि जो बाइडेन प्रशासन का मानना है कि चीन को रोकने के लिए एक विश्वस्तरीय टीम बनाने की जरूरत है। नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (Antony Blinken) के बीच विश्वस्तरीय टीम बनाने को लेकर शुरूआती बातचीत हुई है। जिसमें तय किया गया है कि यूरोपीय देशों के साथ हिंद प्रशांत क्षेत्र के देशों को एक साथ लाया जाए। नेड प्राइस ने अपने बयान में कहा कि 'हम अमेरिका के गठबंधन वाले देशों के साथ मित्र और सहयोगी देशों को एक भागीदार के तौर पर देखते हैं और संख्याबल के हिसाब से ये चीन की चुनौतियों को सक्षम दबाव देने के लिए उपयुक्त है '
डोनाल्ड ट्रंप की राह पर जो बाइडेन
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ एक तरह का युद्ध का एलान कर रखा था। डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के ऊपर कई व्यापारिक प्रतिबंध लगाए। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना था कि चीन अमेरिका से व्यापारिक छूट तो हासिल करता ही है साथ ही टेक्नोलॉजी की भी चोरी करता है। साथ ही मानवाधिकार और रिजनल सिक्योरिटी के मुद्दे पर भी वाशिंगटन और बीजिंग के बीच काफी मनमुटाव बना रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस के मुताबिक फिलहाल अमेरिका और चीन के बीच के संबंध को प्रतिस्पर्धी और एक दूसरे के विरोधी के तौर पर देखा जाता है। उन्होंने कहा कि 'अमेरिका मानता है कि चीन कई तरह के उन गतिविधियों में शामिल है जो अमेरिका के खिलाफ है। चीन हमारी टेक्नोलॉजी को खराब कर रहा है। साथ ही चीन हमारे साथियों को धमकाने के साथ अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में दखलअंदाजी कर रहा है'
इसके साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि 'चीन जिस तरह से मानवाधिकारों को कुचलने की कोशिश कर रहा है, उससे पूरी दुनिया हैरान है, लिहाजा अमेरिका ने फैसला किया है की चीन को माकूल जबाव दिया जाए ताकि अमेरिकी मिलिट्री की ताकत को बरकरार रखा जाए, लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाया जाए, उन्नत टेक्नोलॉजी में निवेश किया जाए साथ ही अमेरिका के मित्र देशों की सुरक्षा को बचाया जाए'।
ताइवान पर चीन को धमकी
अमेरिका ने साफ और कड़े शब्दों में ताइवान को लेकर चीन को चेतावनी दी है। अमेरिका ने कड़े शब्दों में चीन से कहा है कि चीन अपनी सैन्य, डिप्लोमेटिक या आर्थिक शक्ति का डर ताइवान को दिखाना फौरन बंद करे। अमेरिका ने चीन को चेतावनी उस वक्त जारी की है जब जो बाइडेन के सत्ता संभालते ही चीन ने ताइवान को डराने के लिए उसके इलाके में परमाणु हथियारों से युक्त एयरक्राफ्ट को भेजना शुरू कर दिया। चीन ने ताइवान के इलाके में न्यूक्लियर एयरक्राफ्ट, H-6K बॉम्बर्स पिछले एक महीने में कई बार भेजा है। चीन की इस हरकत को अमेरिका के खिलाफ सीधी चेतावनी के तौर पर देखा गया। जिसे लेकर अमेरिका ने भी चीन को चेतावनी जारी कर दी है।
भारत होगा अमेरिकी टीम में शामिल?
अमेरिका ने कहा है कि हिंद प्रशांत महासागर में चीन लगातार अंतर्राष्ट्रीय नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहा है। और अमेरिका चीनी एग्रेशन को पूरी तरह से जबाव देने में सक्षम है। इसके लिए अमेरिका QUAD को फिर से मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है। अमेरिका ने कहा है कि QUAD को लेकर वो जल्दी ही भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ बात करेगा ताकि हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन को रोका जा सके।
आपको बता दें कि 2007 में QUAD का निर्माण किया गया था। जिसमें अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान हैं। QUAD के सदस्य देशों ने हिंद प्रशांत महासागर में पिछले कुछ सालों में कई बार संयुक्त युद्धाभ्यास किया है। अमेरिका के नये नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जैक सुलीविन (Jake Sullivan) ने भी कहा है कि अमेरिका हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन को रोकने के लिए पूरी शक्ति के साथ सामने आएगा। इसके लिए अमेरिका जल्द से जल्द अपने सहयोगी देशों के अलावा QUAD को मजबूत करने का काम करेगा।
चीन भारत के खिलाफ भी लगातार साजिशे रच रहा है। पिछले 2 सालों से भारत और चीन के बीच का सीमा विवाद काफी ज्यादा बढ़ चुका है। वहीं, जो बाइडेन ने राष्ट्पति बनने के बाद चीन के खिलाफ भारत का साथ देने का एलान भी कर दिया है। ऐसे में माना यही जा रहा है कि व्हाइट हाउस की टीम में भारत भी शामिल हो सकता है। भारत पहले से ही QUAD का हिस्सा है। ऐसे में आने वाले वक्त में भारत अपनी नौ-सेना को हिंद प्रशांत क्षेत्र में फिर से भेज सकता है।