
‘अमेरिका हमारी अंतर्राष्ट्रीय मान्यता की राह में सबसे बड़ा बाधा’, बाइडेन प्रशासन पर भड़का तालिबान
काबुल, जून 20: पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान ने दावा किया है कि, उसे दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता नहीं मिलने के राह में अमेरिका सबसे बड़ा बाधा है। तालिबान ने अफगानिस्तान की एक स्थानीय मीडिया से बात करते हुए दावा किया, कि अमेरिका, तालिबान की नई सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने से रोक रहा है।

तालिबान का अमेरिका पर निशाना
अफगानिस्तान के खामा प्रेस ने बताया कि, लगभग 20 वर्षों के बाद, अमेरिका के नेतृत्व वाली विदेशी सेना ने युद्धग्रस्त देश छोड़ दिया और फिर तालिबान ने पिछले साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया और एक पुरुष प्रधान अंतरिम सरकार का गठन किया। अंतर्राष्ट्रीय मान्यता हासिल करने में देरी पर एक सवाल के जवाब में, तालिबान के वरिष्ठ प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने जवाब दिया कि, 'विदेशों से मान्यता के मामले में, मेरा मानना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे बड़ी बाधा है।" तालिबान के प्रवक्ता ने आगे कहा कि, तालिबान ने अपने प्रशासन की विदेशी मान्यता हासिल करने के लिए "सभी आवश्यक शर्तें" पूरी की हैं।

सभी के हित में है तालिबान से बातचीत
तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने दावा किया कि, अमेरिका सहित सभी देशों को यह समझना चाहिए कि तालिबान के साथ राजनीतिक बातचीत में शामिल होना "सभी के हित में है।" यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तालिबान के साथ औपचारिक रूप से "उनकी शिकायतों" पर चर्चा करने की अनुमति देगा। उन्होंने कहा, "यह (अमेरिका) अन्य देशों को इस दिशा में आगे बढ़ने की अनुमति नहीं देता है और खुद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।" आपको बता दें कि, तालिबान द्वारा अफगान महिलाओं और लड़कियों के साथ किए जा रहे गंभीर व्यवहार के कारण अभी तक दुनिया के किसी भी देश ने तालिबान को अफगानिस्तान के वैध शासकों के रूप में मान्यता नहीं दी है। तालिबान के अफगानिस्तान में आने के बाद से महिलाओं की स्थिति खराब हो गई है। हाल ही में हेरात प्रांत में तालिबानी सैनिकों ने दुकानदारों को चेतावनी दी थी कि वे बिना पुरुष अभिभावक के महिलाओं को अपनी दुकानों में न आने दें।

महिलाओं को प्रतिबंधों में जकड़ा
हालांकि, तालिबान ने दावा किया है कि, वो महिलाओं को अधिकार दे रहा है, लेकिन असलियत ये है, कि अफगानिस्तान में महिलाओं से शरिया कानून का हवाला देते हुए तमाम अधिकार छीन लिए गये हैं और महिलाओं को अपने सर से लेकर पैर तक ढंककर रखने की चेतावनी दी गई है। तालिबान ने पिछले साल अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद महिलाओं और लड़कियों पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। इससे पहले, मई में, तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने सार्वजनिक रूप से महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्य करने का एक फरमान जारी किया था। इस नियम को तोड़ने वाली सरकारी एजेंसियों में काम करने वाली महिलाओं को सजा दिया जाएगा, और पुरुषों पर भी यही उपाय लागू किया जाएगा यदि उनकी पत्नियां या बेटियां ड्रेस कोड का पालन नहीं करती हैं।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ फूट सकता है विद्रोह, CCP ने लाखों रिटायर्ड कैडर्स को फौरन बुलाया