ताइवान और हॉन्गकॉन्ग की आजादी को कुचल रही है चायनीज कम्युनिस्ट पार्टी: माइक पोंपियो
वॉशिंगटन। अमेरिका और चीन के बीच आपसी संबंधों में हर रोज खटास बढ़ती ही जा रही है। कोरोना वायरस की महामारी दुनियाभर में फैलने के बाद अमेरिका लगातार चीन के खिलाफ हमलावर है और चीन को हर मौके पर घेरने से चूक नहीं रहा है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियों ने एक बार फिर से चीन पर हमला बोलते हुए कहा कि आज चीन की चायनीज कम्युनिस्ट पार्टी हॉन्गकॉन्ग की स्वतंत्रता को कुचल रही है, आजाद ताइवान को धमका रही है, ये लोग दुनियाभर के संचार नेटवर्क पर अधिपत्य जमाने की कोशिश कर रहे हैं।
पोंपियो ने कहा कि कुछ हफ्ते पहले मैंने चायनीज कम्युनिस्ट पार्टी को लेकर एक रिपोर्ट पढ़ी थी, जिसके अनुसार चायनीज कम्युनिस्ट पार्टी पश्चिमी चीन में चीनी मुसलमानों का सामूहिक गर्भपात और उन्हें नसबंदी के लिए मजबूर कर रहा है। मानवाधिकारों के खिलाफ यह अबतक के कुछ सबसे जघन्य उल्लंघन के मामले हैं, जिसे मैंने इस शताब्दी के दाग के रूप में संदर्भित किया था। बता दें कि इससे पहले अमेरिका ने हॉन्कगॉन्ग स्वायत्तता कानून को पास किया था।
गौरतलब है कि अमेरिका ने चीन को पड़ोसी देशों को लेकर साफ चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर चीन मित्र देशों को परेशान करेगा तो अमेरिका दक्षिण चीन सागर से हिमालय तक अपने मित्र देशों के साथ खड़ा रहेगा और उनके साथ रहेगा। ऐसे में अमेरिका ने साफ तौर पर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह हर हालात में भारत के साथ खड़ा रहेगा। अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जब दुनिया कोरोना से लड़ रही है तो चीन अपने गलत अभियान को आगे बढ़ाने में जुटा हुआ है। चीन को लगता है कि वह जो कुछ भी कर रहा है सही है, लेकिन ऐसा नहीं है। दक्षिण चीन सागर के मुद्दे का सीधे तौर पर आर्कटिक, हिंद महासागर, भूमध्यसागर के साथ अन्य जलमार्गों पर पड़ता है। दक्षिण चीन सागर मसले का असर हर देश और नागरिक पर पड़ता है जो समुद्र की स्वतंत्रता पर निर्भर है।
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