अमेरिका ने रूस पर लगाए कड़े प्रतिबंध, व्यापारिक और राजनीतिक रिश्ते सस्पेंड, विश्व राजनीति में मचा बवाल
अमेरिका ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है। अमेरिका ने रूस सरकार के कई अधिकारियों के साथ रूस पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाया है।
वाशिंगटन: जो बाइडेन के शासनकाल में अमेरिका और रूस के बीच बवाल बढ़ता जा रहा है। एलेक्सी नवेलनी को सजा मिलने के बाद अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया है। मंगलवार को अमेरिका की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका ने रूस के खिलाफ व्यापारिक और आधिकारिक प्रतिबंध लगा दिए हैं।
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रूस पर प्रतिबंध की घोषणा
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन मानवाधिकार को लेकर काफी सख्त माने जाते हैं और रूस में राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिने के विरोधी नेता एलेक्सी नवेलनी की गिरफ्तारी और सजा मिलने के बाद अमेरिका ने रूस को कड़ी चेतावनी दी थी। अमेरिका ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर रूस एलेक्सी नवेलनी को रिहा नहीं करता है कि अमेरिका रूस पर प्रतिबंध लगा देगा और अब अमेरिका ने रूस पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया है। अमेरिका की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका पर व्यापारिक और आधिकारिक प्रतिबंध लगाया गया है। यानि, एलेक्सी नवेलनी की गिरफ्तारी में जो भी अधिकारी शामिल रहे हैं, उनपर भी अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका ने रूस सरकार सात सदस्यों के खिलाफ भी प्रतिबंधों की घोषणा की है।
विपक्षी नेताओं को दिया जहर!
अमेरिका ने कहा है कि अमेरिकी रसायम और जैविक शस्त्र नियंत्रण और युद्ध उन्मूलन अधिनियम के तहत 14 व्यापार और अन्य उद्यमों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें से ज्यादातर जैविक रसायन जहर बनाते हैं। अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक अमेरिकी खुफिया विभाग का आंकलन है कि रूस की खुफिया एजेंसी ने पिछले साल विपक्षी नेताओं के खिलाफ खतरनाक जहर नर्व एजेंट का इस्तेमाल किया है। जिनमें एलेक्सी नवेलनी भी शामिल हैं। जो बाइडेन ने पहली बार रूस पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 'सोलर विंड' हैंकिंग को लेकर भी रूस से काफी नाराज हैं।
दरअसल, रूस पर आरोप है कि उसने अमेरिका की कई सरकारी एजेंसियों और प्राइवेट कंपनियों पर साइबर हमला किया और कई सारे गोपनीय जानकारियां चुरा लीं। रूसी हैकर्स ने क्या क्या डेटा चोरी की हैं, इसको लेकर अभी भी जांच चल रही है मगर जो बाइडेन प्रशासन इसके लिए रूस को जिम्मेदार मानते हुए उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना चाहता है।
विश्व राजनीति में बढ़ेगा बवाल
पिछले हफ्ते अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) जैक सुलीवेन ने सीएनन से बात करते हुए कहा था कि सोलर विंड साइबर हमला को लेकर अमेरिका रूस के खिलाफ कार्रवाई करेगा और ये कार्रवाई कुछ महीनों के बाद नहीं बल्कि कुछ ही हफ्तों में होने वाली है। अमेरिका के एनएसए ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में भी उनकी एडमिनिस्ट्रेशन टीम ने रूस पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था और बकायदा ड्राफ्ट भी तैयार किया गया था मगर दबाव की वजह से उस वक्त रूस पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया था मगर अब हम रूस के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने वाले हैं। वहीं, यूरोपीय यूनियन के फॉरेन अफेयर्स काउंसिल (FAC) की कॉन्फ्रेंस में शामिल अमेरिकी विदेश मंत्री ने रूस पर लगाए गये प्रतिबंध का स्वागत किया है।
दरअसल, अमेरिका मानता है कि रूस ने पुतिन के विरोधी नेता एलेक्सी नवेलनी को कैमिकल जहर देकर मारने की कोशिश की साथ ही रूस ने अफगानिस्तान में रहने वाले अमेरिकन सैनिकों के खिलाफ भी नर्व सिस्टम जहर का इस्तेमाल किया है लिहाजा वो रूस से काफी गुस्से में है और फिर रूस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया। साथ ही सोलर विंड साइबर क्राइम ने तो अमेरिका की नींद अबतक उड़ा रखी है और जांच एजेसियों को अब तक पता नहीं चल पाया है कि हैकर्स ने क्या क्या चोरियां की हैं।
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