COVID-19: एस्ट्राजेनेका की एंटीबॉडी को अमेरिका ने दी मंजूरी, जानिए किन्हें दी जाएगी ये दवा?
वाशिंगटन, 9 दिसम्बर। अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित सिंथेटिक एंटीबॉडी के उपयोग को मंजूरी दी है। एंटीबॉडी कोविड-19 से संक्रमित उन मरीजों को दी जाएगी जिनका इम्यून सिस्टम टीकों को लेकर खराब प्रतिक्रिया दिखाता है।
Recommended Video
एफडीए ने हिदायत जारी की है जिसमें कहा है कि एवुशेल्ड दवा उन लोगों को नहीं दी जाएगी जो कोविड-19 टीकाकरण के लिए योग्य हैं। यह केवल उन लोगों को दी जा सकती है जिनके पास कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली है या फिर जिन्हें चिकित्सा कारणों या एलर्जी के चलते टीका नहीं लगाया जा सकता। ऐसे मामलों में 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को यह दवा दी जा सकती है।
क्या
है
एवुशेल्ड
दवा?
एवुशेल्ड
दो
प्रकार
के
सिंथेटिक
एंटीबॉडी
(टिक्सेजविमब
और
सिल्गाविमैब)
को
जोड़ती
है।
इसे
एक
के
बाद
एक,
सीधे
दो
मांसपेशियों
में
इंजेक्शन
के
रूप
में
दिया
जाता
है।
ये
एंटीबॉडी
प्रतिरक्षा
प्रणाली
को
इसके
स्पाइक
प्रोटीन
को
लक्षित
करके
वायरस
से
लड़ने
में
मदद
करती
है
जो
इसे
कोशिकाओं
में
प्रवेश
करने
और
उन्हें
संक्रमित
करने
की
अनुमति
देता
है।
एफडीए ने जारी निर्देश में कहा कि उपचार "छह महीने के लिए पूर्व-जोखिम की रोकथाम के लिए प्रभावी हो सकता है।"
साथ ही एफडीए ने यह भी कहा है कि यह किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं दी जा सकती है जो पहले से ही वायरस से संक्रमित है। हालांकि एस्ट्राजेनेका इस तरह के इलाज के लिए इसका परीक्षण कर रही है।
ICMR और NIV ने मिलकर विकसित की नई कोरोना किट, आधा घंटे में बताएगी रिजल्ट
इस दवा के साइड इफेक्ट्स में एलर्जिक रिएक्शन, इंजेक्शन लगने वाली जगह से खून आना, सिरदर्द और थकान शामिल हो सकते हैं।
77
प्रतिशत
तक
कम
होता
है
खतरा
एफडीए
का
यह
निष्कर्ष
59
वर्ष
से
अधिक
उम्र
के,
एक
पुरानी
बीमारी
के
साथ
या
संक्रमण
के
उच्च
जोखिम
वाले
लोगों
पर
किए
गए
नैदानिक
परीक्षण
पर
आधारित
था।
परीक्षण
के
दौरान
3500
लोगों
को
यह
दवा
दी
गई
जबकि
1700
लोगों
को
प्लेसबो
दिया
गया।
परीक्षण
से
पता
चला
कि
उपचार
ने
कोविड-19
के
जोखिम
को
77
प्रतिशत
तक
कम
कर
दिया।