अल्लाह हू अकबर...सुनते ही तालिबान क्यों हो जाता है आगबबूला? जानिए कैसे बना अफगानियों का नया अचूक हथियार
अफगानिस्तान में इन दिनों राष्ट्रीय एकता दिखाने के लिए हजारों की संख्या में लोग एक जगह इकट्ठा होकर 'अल्लाह हू अकबर' का नारा बुलंद करते हैं और बताने की कोशिश करते हैं कि वो तालिबान के खिलाफ एकजुट हैं और सेना के साथ हैं।
काबुल, अगस्त 06: अफगानिस्तान की सेना और सेना का साथ देने वाले आम अफगानियों का नया नारा 'अल्लाह हू अकबर' बन गया है। हालांकि, अल्लाह हू अकबर सुनकर भला कोई मुसलमान गुस्सा क्यों होगा, लेकिन तालिबान के लड़ाके इन दिनों 'अल्लाह हू अकबर' सुनते ही आग-बबूला हो उठते हैं और अफगानिस्तान के राष्ट्रवादियों के लिए 'अल्लाह हू अकबर' का नारा एक तरह से नया हथियार बन गया है और तालिबान के खिलाफ इस हथियार का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है।
''अल्लाह हमारे साथ हैं''
अफगानिस्तान में इन दिनों राष्ट्रीय एकता दिखाने के लिए हजारों की संख्या में लोग एक जगह इकट्ठा होकर 'अल्लाह हू अकबर' का नारा बुलंद करते हैं और बताने की कोशिश करते हैं कि वो तालिबान के खिलाफ एकजुट हैं और सेना का साथ दे रहे हैं। अफगानिस्तानी न्यूज चैनल टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान के लाखों लोगों ने बुधवार रात एक साथ अलग अलग राज्यों में 'अल्लाह हू अकबर' के नारे जोर जोर से लगाए और तालिबान को चुनौती देने की कोशिश की है। बलखाब के लोगों ने भी तालिबान के खिलाफ जमकर नारे लगाए हैं। एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि ''हम हर तरह के आतंक से लड़ने के लिए हमेशा तैयार हैं और हम तालिबान के खिलाफ भी तैयार हैं''।
|
हैरात शहर से शुरूआत
टोलो न्यूज के मुताबिक, अफगानिस्तान सेना का समर्थन दिखाने के लिए 'अल्लाह हू अकबर' का नारा एक तरह से बहुत बड़ा संकेत बन गया है। अगर किसी आम अफगान को देश की सरकार और सेना का समर्थन में अपना हाथ उठाना है तो वो 'अल्लाह हू अकबर' का नारा लगाता है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक हैरात शहर के छोटे से जगह में सबसे पहले सेना के समर्थन में 'अल्लाह हू अकबर' का नारा लगाया गया और फिर देखते ही देखते पिछले कुछ दिनों में अफगान राष्ट्रवादियों ने इसे तालिबान के खिलाफ इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब करीब पूरे अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ ये मुहिम शुरू हो गया है।
|
कई प्रांतों में लोगों की आवाज
अफगानिस्तान के कई प्रांत, जैसे कपिसा, बलगान, नूरिस्तान और सर-ए-पुल में हजारों-हजार लोगों के ग्रुप्स एक जगह इकट्ठा होकर अल्लाह हू अकबर के नारे लगातार लगा रहे हैं और अफगान सुरक्षा बलों के प्रति अपना समर्थन जता रहे हैं। अफगानिस्तान के एक धार्मिक गुरु ने टोलो न्यूज को कहा कि ''अल्लाह हू अकबर का नारा आज अफगानिस्तान के लिए बेहद जरूरी बन गया है। यह नाम हमें समाज में आ चुके बुरे लोगों को अच्छे लोगों से बांटने में मदद करता है।'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ''जब हम अल्लाह हू अकबर का नारा लगाते हैं तो देश की सुरक्षा बलों को जोश मिलता है, उनमें नई ऊर्जा का संचार होता है और उनके दिल में भावना आता है कि अफगानिस्तान के आम लोग हमारे साथ हैं''। वहीं, एक और स्थानीय नागरिक ने कहा कि ''हम किसी भी कीमत पर अफगानिस्तान और अपने देश की संविधान की रक्षा करेंगे।
|
अफगानिस्तान में सामाजिक आंदोलन
वैसे तो 'अल्लाह हू अकबर' एक धार्मिक नारा है, लेकिन अफगान के लोगों का कहना है कि अब अफगानिस्तान के उन लोगों के लिए ये एक सामाजिक आंदोलन बन गया है, जो देश और देश की संविधान के साथ हैं। काबुल के रहने वाले फवाद बताते हैं कि ''तालिबान से लड़ते लड़ते जब हमारे जवान थकने लगते हैं, तो हम उनका जोश इस नारे से बढ़ाते हैं और वो एक बार फिर से तालिबान का मुकाबला करने के लिए तैयार हो जाते हैं। वहीं, मीर सईद नाम के एक मौलाना ने कहा कि '''अल्लाह हू अकबर' के नारे से सैनिकों की मानसिक स्थिति पर काफी प्रभाव पड़ा है और देश के लोग भी बुरी शक्तियों के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं और जो 'अल्लाह हू अकबर' का नारा तालिबान के खिलाफ लगा रहे हैं, वो सच्चे मुसलमान हैं और देश के साथ हैं''।
हेरात में फूटी चिंगारी पूरे देश में फैली
टोलो न्यूज के मुताबिक सुरक्षा बलों के लिए समर्थन का यह सिलसिला सोमवार की रात पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरात शहर में शुरू हुआ था। जिसने पिछले कुछ हफ्तों में भयंकर लड़ाई देखी है और पिछले एक हफ्ते में हेरात शहर में तालिबान को भारी नुकसान हुआ है। टोलो की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक हफ्ते में हेरात शहर में सैकड़ों तालिबानी मारे गये हैं। यह अभियान तब शुरू हुआ है जब अफगान सुरक्षा बल देश भर के कई क्षेत्रों में तालिबान से लड़ रहे हैं।
तालिबान का फूटा गुस्सा
तालिबान का सबसे बड़ा हथियार मजहबी उन्माद है और वो इस्लाम के नाम पर बर्गलाकर लोगों की आजादी और चैन-ओ-सुकून छीन रहा है। ऐसे में अगर अल्लाह के नाम का सबसे बड़ा नारा ही उसके खिलाफ हो जाए, तो उसका आग-बबूला होना स्वाभाविक ही है। टोलो न्यूज के मुताबिक, तालिबान ने 'अल्लाह हू अकबर' के नाम के सामूहिक नारे पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए हुए कहा है कि ''जो लोग 'अल्लाह हू अकबर' का नाम सामूहिक तौर पर ले रहे हैं, वो अल्लाह का अपमान कर रहे हैं और अल्लाह के खिलाफ अपशब्द बोल रहे हैं, ऐसे लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।'' वहीं, टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी काबुल में जब अफगान सरकार के कार्यवाहक रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह मोहम्मदी ने 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगाए, तो उनके आवास पर भयानक बम विस्फोट किया गया, जिसमें एक महिला समेत कम से कम आठ लोग मारे गये हैं।