UN में बोले PoK एक्टिविस्ट, पाकिस्तान-चीन के बीच सभी बेल्ट और सड़क प्रोजेक्ट को गैरकानूनी करार दिया जाए
UN में बोले PoK एक्टिविस्ट, पाकिस्तान-चीन के बीच सभी बेल्ट और सड़क प्रोजेक्ट को गैरकानूनी करार दिया जाए
नई दिल्ली। जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNGC) में पाक अधिकृत कश्मीर( POK) के राजनीतिक कार्यकर्ता ने पाकिस्तान की कलई खोल कर रख दी है। पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ता डॉक्टर अमजद ए मिर्जा ने यूएनजीसी के वैश्विक मंच पर कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा पाकिस्तान और चीन के बीच सभी बेल्ट और सड़क परियोजनाओं को अवैध घोषित किया जाना चाहिए। आज हम गिलगित बाल्टिस्तान के दोहरे उपनिवेश के साथ सामना कर रहे हैं, क्योंकि चीन इस पहल के तहत पाकिस्तान में अतिक्रमण कर रहा है।
जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ता डॉक्टर अमजद ए मिर्जा ने वैश्विक मंच पर ये मुद्दा उठाकर पाकिस्तान सरकार के फैसलों पर सवालिया निशान लगा दिया है
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रथम सचिव विमर्ष आर्यन ने जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNCC) में पाकिस्तान को पटखनी देते हुए कहा कि खरगोश के साथ दौड़ने और शिकारी दल के साथ शिकार करने के पाकिस्तानी शेनयांग को याद करना मुश्किल है इसके साथ ही इस वैश्विक मंच पर भारत ने पाकिस्तान से साफ साफ शब्दों में कहा दिया कि वह गिलगित बाल्टिस्तान पर कायराना हरकते बंद कर दे। पाकिस्तान को गिलगित बाल्टिस्तान की स्थिति बदलने का कोई भी अधिकार नहीं है। पाकिस्तान के पास कोई कानूनी आधार नहीं है कि वह सेना की बदौलत इलाके की स्थिति से छेड़छाड़ करे।
पाक सरकार पीओके के लोगों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार करती है
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की जिनेवा में चल रही बैठक के दौरान पाकिस्तानी पीओके से आए मुहम्मद सज्जाद राजा का अपनी पीड़ा सुनाते-सुनाते गला भर आया। राजा ने कहा कि कथित आज़ाद कश्मीर में राजनीतिक व्यव्स्था का विरोध करने वाले वालों के गले पर पाकिस्तानी बूट हैं। उन्होंने कहा कि पाक सरकार पीओके के लोगों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार करती है। हमारी आवाज दबाई जा रही है।
इमरान सरकार पीओके की जनता की आवाज नहीं सुन रही
बता दें चीन के मंसूबों को पूरा करने में पाकिस्तान की इमरान खान सरकार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की जनता की आवाज नहीं सुन रही । कुछ दिनों पहले ही पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में बड़ी संख्या में लोगों ने इलाके में चीनी की ओर से बनाए जा रहे विशाल बांधों का जमकर विरोध किया था। पीओके के लोगों ने टॉर्च रैली निकालकर नीलम-झेलम नदियों पर बनाए जा रहे बांधों का विरोध किया था।
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