बैंकॉक हादसा: परिजनों ने कहा- सुषमा स्वराज ने कुछ नहीं किया
उत्तर प्रदेश स्थित रामपुर निवासी रचित अग्रवाल की मां को बैंकॉक से गुड़गांव के मेदांता अस्पताल के लिए एयरलिफ्ट किया जा रहा था लेकिन प्लेन क्रैश हो गया।
नई दिल्ली। यूं तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ट्विटर के जरिए परेशान लोगों की मदद करने के लिए जानी जाती हैं लेकिन हाल ही में एक घटना के बाद पीड़ित उन पर मदद ना करने का आरोप लगा रहे हैं।
बता दें कि 6 मार्च को बैंकॉक में रहने वाली भारतीय गीतिका अग्रवाल की सास शशि अग्रवाल को इलाज के लिए हरियाणा स्थित गुड़गांव के मेदांता अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन सफर के दौरान प्लेन क्रैश हो गया और पायलट की मौके पर ही मौत हो गई। बताया गया था कि एयर एंबुलेंस में आग लग गई और बैंकॉक से 730 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नाखोन पाथोम हवाई अड्डे पर क्रैश लैंडिंग हुी थी।
बता दें कि गीतिका का परिवार बीते एक महीने से शशि को भारत लाने की कोशिश कर रहे थे। साथ ही आर्थिक मदद के लिए भारतीय दूतावास और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अपील की थी। गीतिका ने ट्वीटर पर सुषमा स्वराज से मदद की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद गीतिका ने मदद पोर्ट पर भी अपील की लेकिन वहां से सिर्फ एयर एंबुलेंस के खर्च की जानकारी मुहैया कराई गई।
गीतिका के मुताबिक वो अपनी सास शशि को भारत वापस लाना चाहती थी लेकिन ऐसा सामान्य हवाई जहाज में नहीं हो सकता था, क्योंकि उन्हें लगातार ऑक्सीजन की आवश्कता थी। गीतिक ने हादसे के बाद लिखा था कि वो लोग मेरी मां को एयरलिफ्ट करने आए थए लेकिन आप (सुषमा स्वराज) ने कुछ नहीं किया।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार गीतिका के पति रचित ने कहा कि बैंकॉक से भारत तर एयरएंबुलेंस का किराया 35 लाख रुपए से ज्यादा का था, फिर मदद के लिए हमने भारतीय दूतावास से संपर्क किया।
रचित ने बताया कि फिर उन्होंने भारत में अस्पतालों में बतचीत की तो गुड़गाव स्थित मेदांता 23 लाख रुपए में एयरलिफ्ट करने के लिए तैयार हो गया। इसका खर्चा उठाने के लिए हमने दोस्तों और अन्य रिश्तेदारों से उधार लिया था। उत्तर प्रदेश स्थित रामपुर के निवासी रचित ने कहा कि उन्हें इस बात की उम्मीद है जब मेदांता अपनी दिक्कतों से उबर जाएगा तो शशि को एयरलिफ्ट करेगा।
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