मसूद अजहर पर बैन के फैसले से पहले, चीन ने कहा हमें अपनी जिम्मेदारी का मालूम है
बीजिंग। यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की सिक्योरिटी काउंसिल यानी यूएनएससी में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर पर अहम फैसला लिया जाना है। अजहर पर बैन लगेगा या नहीं यह सब चीन पर निर्भर करता है। आज देर रात तक इस बात से पर्दा उठ जाएगा कि यूएन में मसूद अजहर पर बैन लगेगा या नहीं। इससे पहले चीन की ओर से एक अहम बयान दिया है। चीन की ओर से कहा गया है कि वह पूरी जिम्मेदारी समझता है और इस तरफ भी उसका रवैया जिम्मेदारी भरा ही रहेगा। चीन की ओर से तीन बार भारत के मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव को ब्लॉक किया जा चुका है।
10 दिनों की समय सीमा आज खत्म
चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से इस पर बयान जारी किया गया है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव को सभी नियमों और प्रक्रियाओं के तहत आगे बढ़ाया जाना चाहिए। यूएनएससी की 1267 सैंक्शन कमेटी ने प्रस्ताव के विरोध के लिए 10 दिनों की अनिवार्य समय सीमा बुधवार को बंद कर दिया है। अमेरिका, फ्रांस और यूके की ओर से अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने वाला प्रस्ताव यूएन में पेश किया है। अगर यूएन की तरफ से अजहर को आतंकी घोषित किया जाता है तो फिर कोई यूएन सदस्य देश उस अजहर की न तो मेजबानी करेगा न उसे हथियार देगा और न ही उसे किसी तरह की कोई आर्थिक मदद मिल पाएगी। 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद अजहर पर प्रतिबंध की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी है। अजहर के संगठन जैश ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
अमेरिका ने चीन को दी नसीहत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग की ओर से कहा गया है, 'चीन चर्चा में भाग लेगा और एक जिम्मेदारी भरा रवैया अपनाएगा।' लू ने यह बात उस समय कही जब मीडिया ने उनसे अजहर को प्रतिबंधित सूची में डालने से जुड़ा सवाल पूछा था। उन्होंने आगे कहा, 'इस मुद्दे पर मैं बताना चाहता हूं कि चीन ने हमेशा से एक जिम्मेदारी भरा रवैया अपनाया है और इससे निबटने के लिए अलग-अलग पक्षों से हमेशा सलाह मशविरा भी करता रहा है। जो भी चर्चा अब हो वह पूरी तरह से नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करने वाली होनी चाहिए।' चीन के बयान ने पहले अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से कहा गया है कि क्षेत्रीय स्थिरता और शांति अमेरिका और चीन दोनों के हित में हैं। विदेश विभाग के मुताबिक जैश नेता मसूद अजहर पर को आतंकी घोषित करने में असफलता इस लक्ष्य को हासिल करने से रोकती है।
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