रूस को अलग-थलग करने की कोशिश, US और यूरोप के बाद नाटो ने निकाले 7 डिप्लोमेट्स
ब्रसेल्स। ब्रिटेन में खतरनाक नर्व एजेंट से हमला करवाकर रूस की मुश्किलें अब लगातार बढ़ती जा रही है। यूएस-यूके और यूरोप ने रूस के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और इस बीच नाटो (North Atlantic Treaty Organization) ने भी रूस से 7 डिप्लोमेट्स को निकाल दिया है। नाटो सेक्रेटरी-जनरल जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने रुस मिशन में काम कर रहे कई अधिकारियों को भी निकाल दिया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रिटेन को कई देशों के साथ मिल रहा है, जिससे रूस को अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है।
नाटो ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि यह रूसी मिशन के सात कर्मचारी सदस्यों के लिए मान्यता वापस लेगा और तीन अन्य के लिए लंबित मान्यता को अस्वीकार कर देगा। ब्रसेल्स में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान स्टोल्टनबर्ग ने कहा, 'हम मास्को के साथ महत्वपूर्ण वार्ता जारी रखेंगे।' उन्होंने कहा कि इस कदम से रूस को एक स्पष्ट मैसेज देना था कि जो आपने किया है, इसका खामियाजा भूगतना होगा।
स्टोल्टनबर्ग ने कहा, 'मुझे लगता है कि रूस ने नाटो सहयोगियों की एकता को कम आंका है।' इससे पहले मंगलवार को सात देशों ने ब्रिटेन के साथ सहानुभूति दिखाते हुए रूस में होने जा रहे फीफा वर्ल्ड कप के बहिष्कार की योजना बनाई थी। वहीं, अमेरिका भी रूस के 60 डिप्लोमेट्स को निकालकर पुतिन को सख्त संदेश दे चुका है।
बता दें कि इसी माह 4 मार्च को पूर्व जासूस सर्गेई स्किर्पल और उनकी बेटी को ब्रिटेन के सैलिसबरी में एक शॉपिंग सेंटर के पास गंभीर हालत में पाए गए थे। लंदन से करीब 145 किमी दूर सैलिसबरी में स्किर्पल और उनकी बेटी को घायल अवस्था में देखा गया था। उन्हें जहर दिए जाने की आशंका है और अस्पताल में भर्ती कराया गया है। थेरेसा मे ने कहा है कि इस अटैक ने दोनों को ही कोमा में पहुंचा दिया है और अब उनकी पूरी तरह से ठीक होने की संभावनाएं बहुत कम है। यह जानना जरूरी है कि खतरनाक रासायनिक हथियार नर्व एजेंट को शीत युद्ध के दौरान सोवियत यूनियन ने 1980 में बनाया था।