सूडान में तख़्तापलट के बाद अब रक्षामंत्री अवाद इब्न औफ़ ने दिया इस्तीफ़ा
अवाद ने पद छोड़ने के अपने फ़ैसले का ऐलान सरकारी टीवी चैनल पर किया. उन्होंने लेफ़्टिनेंट जनरल अब्दुल फ़तह अब्दुर्रहमान बुरहान को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया है.
अफ़्रीकी देश सूडान में तेज़ी से बदलते सियासी हालात के बीच यहां के रक्षामंत्री (सेना प्रमुख) अवाद इब्न औफ़ ने अपना पद छोड़ दिया है. अवाद 'सूडान मिलिट्री काउंसिल' के प्रमुख थे और उनकी अगुवाई में बुधवार को तख़्तापलट हुआ था.
अवाद ने पद छोड़ने के अपने फ़ैसले का ऐलान सरकारी टीवी चैनल पर किया. उन्होंने लेफ़्टिनेंट जनरल अब्दुल फ़तह अब्दुर्रहमान बुरहान को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया है.
अवाद का यह फ़ैसला ऐसे वक़्त में आया है जब तख़्तापलट और उमर अल बशीर के राष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा देने के बाद भी लोगों ने प्रदर्शन करना बंद नहीं किया. सूडान के लोगों का कहना है कि उन्हें यह तख़्तापलट मंज़ूर नहीं है क्योंकि इसकी अगुवाई करने वाले नेता बशीर के क़रीबी हैं.
तख़्तापलट के बाद सेना ने देश में आपातकाल घोषित करने के साथ ही रातोंरात कर्फ़्यू भी लगा दिया था लेकिन कर्फ़्यू के बावजूद लोग सूडान की राजधानी ख़ार्तूम में सेना के मुख्यालय पर प्रदर्शन करते रहे.
तख़्तापलट के बाद उन्होंने कहा था कि सेना दो साल बाद चुनाव कराने पर विचार कर रही है. चुनाव से पहले तक सूडान की कमान सेना के हाथ में रहेगी और सूडान की आम जनता ऐसा नहीं चाहती.
लोगों का कहना है कि वो देश में नागरिक शासन चाहते हैं, न कि सैन्य शासन. वहीं सेना ने साफ़ कह दिया है कि वो किसी भी तरह की 'अराजकता' बर्दाश्त नहीं करेगी.
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शुक्रवार को मिलिट्री काउंसिल के एक प्रवक्ता ने कहा कि सेना सूडान की सत्ता नहीं चाहती और देश का भविष्य प्रदर्शनकारी ही तय करेंगे.
हालांकि, प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सेना क़ानून-व्यवस्था भंग नहीं होने देगी और न ही किसी तरह की अशांति को बर्दाश्त करेगी.
प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति उमर अल बशीर और रक्षामंत्री अवाद इब्न औफ़ के इस्तीफ़े को अपनी जीत मान रहे हैं.
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