नासा ने अपोलो मिशन के बाद पहली बार जारी की 19000 घंटे की रिकॉर्डिंग
नई दिल्ली। जब 20 जुलाई 1969 को अपोलो चांद पर पहुंचा था तो तीन लोगों को आज भी कोई नहीं भूल सकता है जिन्होंने अपने अदम्य साहस की बदौलत दुनियाभर लोगों के दिल में अपनी जगह बना ली थी। इस स्पेस शटल में नील ऑर्मस्ट्रॉग जोकि चांद पर कदम रखने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति हैं सवार थे। उनके अलावा इस स्पेश शटल पर बज एल्ड्रिन और माइकल कॉलिन भी थे। यूं तो हम नील ऑर्मस्ट्रॉग को चांद पर कदम रखने वाला दुनिया के पहले व्यक्ति के रूप में जानते हैं लेकिन उनकी इस सफलता के पीछे कई इंजीनियर, विश्लेषक, सुपरवाइजर्स और विशेषज्ञों का हाथ था, जिसकी वजह से वह चांद पर कदम रख पाएं थे।
नासा ने इस अभियान के इतने वर्ष बीत जाने के बाद पहली बार 19000 घंटों की ऑडियों रिकॉर्डिंग को रीलीज किया है। इस रिकॉर्डिंग को डिजिटल वर्जन में रीलीज किया गया है, जिसमे नील ऑर्मस्ट्रॉग की विख्यात लाइन भी शामिल है जिसमे उन्होंने कहा था कि यह आम आदमी की एक छोटा कदम है, लेकिन मानव इतिहास में यह एक बहुत बड़ा कदम है। नासा ने इस बातचीत का 19000 घंटे की रिकॉर्डिंग को रीलीज किया है, जिसे पूरा सुनने में तकरीबन 2 साल का समय लग सकता है। इस ऑडियो को नासा के ऑर्काइवल पेज पर देखा जा सकता है।
यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) और नासा (NASA) ने पृथ्वी की आकाशगंगा 'मिल्की वे' की समानताओं वाली NGC 6744 आकाशगंगा की एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें कई तारे दिखाई दे रहे हैं। पहली नजर में यह हमारे आकाशगंगा की 1,00,000-प्रकाश-वर्ष व्यास की तुलना में 2,00,000 से अधिक प्रकाश-वर्ष मापने के बावजूद हमारे आकाशगंगा जैसा दिखाई देता है। ESA के मुताबिक, इस तस्वीर में पीले, नीले और गुलाबी रंग के तारों को देखा जा सकता है।
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