ECT डील टूटने के बाद श्रीलंका ने इस कदम से भारत को चौकाया, क्या चीन का है दबाव?
नई दिल्ली। कुछ समय पहले ईस्टर्न कंटेनर टर्मिनल प्रोजेक्ट से श्रीलंका ने खुद को बाहर कर लिया था। श्रीलंका के इस कदम से भारत और जापान को करारा झटका लगा था। लेकिन अब श्रीलंका ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। देश के सेंट्रल बैंक ने कहा है कि श्रीलंका ने भारत से लिए 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी कि करीब 29 सौ करोड़ रुपए वापस कर दिए हैं। बैंक ने अपने बयान में यह भी साफ किया है कि इसके लिए भारत की तरफ से श्रीलंका पर कोई दबाव नहीं बनाया गया था।
आपको बता दें कि ईस्टर्न कंटेनर टर्मिनल प्रोजेक्ट (ECT Project) से बाहर होने के बाद श्रीलंका में कुछ खबरें छपी थीं कि भारत ने कर्जवापसी के लिए दबाव बनाया है। सेंट्रल बैंक ने अब इसे लेकर ट्वीट पर जानकारी दी है। विदेशी मामलों के जानकारों की मानें तो श्रीलंका ये कदम चीन की दवाब में उठा रहा है। उधर श्रीलंका के प्रमुख अर्थशास्त्री और विपक्षी सांसद ने हर्ष डिसिल्वा ने कहा है कि श्रीलंका का फॉरेन रिजर्व गिर रहा है और उसके पास पैसे वापस करने के लिए पर्याप्त फंड नहीं है। इसके बाद भारत सरकार ने भी एक स्टेटमेंट जारी कर रहा है कि श्रीलंका द्वारा पैसा वापस किया जाना पहले से तय था।
जानकारों की मानें तो श्रीलंका के विदेश मंत्रालय और सेंट्रल बैंक दोनों की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि ये एक रूटीन प्रक्रिया थी और इसका ईसीटी डील टूटने से कोई लेना देना नहीं है। गौरतलब है कि तेजी के साथ बेहतर दिशा में बढ़ते भारत और श्रीलंका के संबंधों को पिछले कुछ हफ्तों में झटका लगा है। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक इस पूरे घटनाक्रम के पीछे चीन का हाथ है। अपने दो परंपरागत प्रतिद्वंद्वियों भारत और जापान को झटका देने की नियत से चीन ने श्रीलंकाई सरकार पर जबरदस्त दबाव बनाया है। इसी का नतीजा था कि श्रीलंका महत्वपूर्ण ईसीटी डील से पीछे हट गया।