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भारत के बाद अब अमेरिका में चीनी ऐप Tiktok के खिलाफ बजा बिगुल, बढ़ी कार्रवाई की अपील

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नई दिल्ली। लोकप्रिय टिक्टॉक (Tiktok) ऐप सहित 59 चीनी ऐप पर भारत के प्रतिबंध का अमेरिका में व्यापक रूप से असर होता दिख रहा है और लोगों ने अमेरिकी सरकार से शार्ट वी़डियो शेयरिंग वाले ऐप को एक बड़ा सुरक्षा खतरा बताते हुए कार्रवाई करने का आग्रह किया है। इस अपील में अमेरिका के प्रमुख सांसद भी शामिल हैं।

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गौरतलब है भारत ने गत सोमवार को शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप टिक्कॉक समेत कुल 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। इनमें यूसी ब्राउज़र भी शामिल है। चीनी एप्स को भारत सरकार ने देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए प्रतिबंधित किया है।

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हालांकि चीनी एप्स पर प्रतिबंध की पृष्ठभूमि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ भारत के मौजूदा गतिरोध को माना जा रहा है। यह प्रतिबंध ऐप चीनी वीचैट और बिगो लाइव के लिए भी लागू है।

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अमेरिका से भी टिक्टोक पर कार्रवाई करना चाहिएः रिपब्लिकन कांग्रेसी

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भारत द्वारा चीनी एप्स प्रतिबंध पर रिपब्लिकन सीनेटर जॉन कॉर्निन ने द वाशिंगटन पोस्ट में एक रिपोर्ट को टैग करते हुए कहा कि भारत ने घातक टकराव के मद्देनजर टिक्टॉक और दर्जनों अन्य चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाया है। रिपब्लिकन कांग्रेसी रिक क्रॉफोर्ड ने भी ट्वीट करके कहा कि अमेरिका से भी टिक्टॉक जाना चाहिए और इसे कल ही जाना चाहिए था। अभी पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ'ब्रायन ने कहा था कि चीन सरकार अपने खुद के प्रयोजनों के लिए टिक्टोक का उपयोग कर रही है।

चीनी कंपनी टिक्टॉक पर 4 करोड़ से अधिक अमेरिकी यूजर मौजूद हैं

चीनी कंपनी टिक्टॉक पर 4 करोड़ से अधिक अमेरिकी यूजर मौजूद हैं

ओ'ब्रायन ने अपनी एक सार्वजनिक टिप्पणी में कहा कि चीनी स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिक्टोक पर 4 करोड़ से अधिक अमेरिकी यूजर मौजूद है, जिनमें शायद अधिकतर बच्चे, और किशोर मौजदू हैं। टिक्टोक पर ऐसे एकाउंट्स को नियमित रूप से बंद या हटा दिया गया है, जो CCP (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी) और बीजिंग की नीतियों की आलोचना करते हैं।

ऐसे दो विधेयक अमेरिका कांग्रेस में लंबित हैं, जो प्रतिबंध से संबंधित हैं

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उन्होंने बताया कि ऐसे दो विधेयक अमेरिका कांग्रेस में लंबित हैं, जो संघीय सरकार के अधिकारियों को अपने मोबाइल फोन पर टिक्टॉक के उपयोग को प्रतिबंधित करने से संबंधित हैं, जो यह दर्शाता है कि भारत के फैसले के बाद अमेरिका में भी टिक्टोक समेत चीनी एप्स पर प्रतिबंध की भावना उमड़ रही है।

टुल्सा रैली में लोगों को इकट्ठा करने के लिए टिक्टॉक का इस्तेमाल किया गया

टुल्सा रैली में लोगों को इकट्ठा करने के लिए टिक्टॉक का इस्तेमाल किया गया

अमेरिकी राष्ट्रपति के व्यापार और विनिर्माण नीति के सहायक पीटर नवारो ने एक ट्वीट में कहा, क्या यह वही चीनी टिक्कॉक होगा,जो टुल्सा में आयोजित रैली में लोगों को इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किया गया था? पीटर नवारो ने ट्वीट के साथ चीनी सोशल मीडिया एप्स पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले पर द न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को टैग किया था।

 लेखक गॉर्डन चांग ने कहा, अमेरिका ऐसा क्यों नहीं कर सकता है?

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फॉक्स न्यूज की एंकर लॉरा इंग्राहम ने अमेरिका से भी ऐसा करने का आग्रह किया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, भारत ने टिक्टॉक सहित दर्जनों चीनी एप पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेखक गॉर्डन चांग ने कहा कि भारत ने सिर्फ 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें TikTok भी शामिल है। उसने पूछा, अमेरिका ऐसा क्यों नहीं कर सकता है?

US कांग्रेस में मूविंग फॉरवर्ड एक्ट में संशोधन को लेकर बहस हो रही है

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अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में इस सप्ताह "मूविंग फॉरवर्ड एक्ट" में एक संशोधन को लेकर बहस हो रही है, जो परिवहन परिवहन प्रशासन (टीएसए) के अधिकारियों को टिक्टोक को सेलफोन पर उपयोग करने से रोकता है। इससे पहले, रिपब्लिकन सीनेटर जोशुआ डेविड हॉले ने अप्रैल में एक कानून पेश किया था, जिसमें संघीय कर्मचारियों को सरकार द्वारा जारी किए गए उपकरणों पर सोशल मीडिया वीडियो एप्लिकेशन टिक्टॉक के उपयोग करने से रोक दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह अमेरिका की सुरक्षा की रक्षा के लिए एक आवश्यक कदम है। इसी तरह का एक कानून प्रतिनिधि सभा में कांग्रेसी केन बक द्वारा भी पेश किया गया है।

टिक्कॉक एक चीनी कंपनी है, जिसमें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग हैं

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हाल ही में कांग्रेस में बोलेते हुए अपराध और आतंकवाद पर सीनेट के न्यायपालिका उपसमिति के अध्यक्ष हॉले ने कहा कि टिक्कॉक एक चीनी कंपनी है, जिसमें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य शामिल है और चीनी कानून के तहत उसे बीजिंग के साथ यूजर्स का डेटा साझा करना जरूरी है। टीक्टॉक ने स्वीकार किया है कि उसने टिक्टॉक यूजर्स के डेटा को चीन को भेजा है, इसलिए यह ऐप अमेरिकी लोगों के लिए एक बड़ा सुरक्षा जोखिम है।

English summary
India's ban on 59 Chinese apps, including the popular Tiktok app, appears to be having a widespread effect in the US, and people have urged the US government to take action describing the short video sharing app as a major security threat. Prominent US lawmakers are also involved in this appeal. On Monday, India banned a total of 59 Chinese apps, including TickTalk.
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