इबोला के बाद अब जीका ग्लोबल इमरजेंसी घोषित
जेनेवा। मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जीका वायरस को लेकर ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दी है। डब्ल्यूएचओ ने मच्छर से फैलने वाले इस वायरस को एक असाधारण घटना करार दिया है। जीका वायरस अब तक ब्राजील के साथ लैटिन अमेरिका के 23 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है।
डब्ल्यूएचओने आशंका जताई है कि अगले साल तक सिर्फ अमेरिका महाद्वीप में ही इस वायरस की चपेट में 40 लाख लोग आ सकते हैं। इसके बावजूद बिजनेस और सफर से जुड़ी कोई गाइडलाइंस अभी तक जारी नहीं की गई है।
जीका वायरस से जुड़े कुछ खास तथ्य
लेकिन डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल मारग्रेट चान के मुताबिक जीका वायरस से बचने के लिए बचाव के कुछ नियमों का पालन गर्भवती महिलाओं को करना चाहिए। उन्हें अभी सफर और पब्लिक प्लेसेज पर नहीं जाना चाहिए।
अगर गर्भवती महिला के लिए सफर करना जरूरी है तो उन्हें अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए और निजी तौर पर भी बचाव के उपायों को अपनाना चाहिए।
जीका वायरस को लेकर भारत सरकार अलर्ट
जीका वायरस से पहले डब्ल्यूएचओ ने वर्ष 2014 में इबोला वायरस को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया था। पश्चिमी अफ्रीका में फैले इस वायरस से 11 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
आपको बता दें कि जीका वायरस 'एडीज' मच्छर से फैलता है। जीका वायरस का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को होता है। वायरस की वजह से बच्चे छोटे सिर के साथ पैदा होते हैं।
इसे माइक्रोसेफैली कहा जाता है जोकि एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इसमें बच्चे का दिमाग पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है। इसका पहला मामला वर्ष 1947 में अफ्रीकी देश युगांडा में सामने आया था।