गज़ा में 'मौत के खेल' के बाद फिर हिंसा की आशंका
सोमवार को इसराइली सेना ने अमरीकी दूतावास खुलने का विरोध कर रहे 55 लोगों को मार दिया था. मंगलवार को फ़लस्तीनी इलाक़ों में इसराइल के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों का एक और दौर शुरू हो सकता है.
आज फ़लस्तीनी लोग नकबा की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं.
70 वर्ष पहले 1948 में इसराइल के निर्माण के वक्त आज ही के दिन लाखों फ़लस्तीनी अपना घर बार छोड़ कर भागे थे.
सोमवार को इसराइली सेना ने अमरीकी दूतावास खुलने का विरोध कर रहे 55 लोगों को मार दिया था. मंगलवार को फ़लस्तीनी इलाक़ों में इसराइल के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों का एक और दौर शुरू हो सकता है.
आज फ़लस्तीनी लोग नकबा की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं.
70 वर्ष पहले 1948 में इसराइल के निर्माण के वक्त आज ही के दिन लाखों फ़लस्तीनी अपना घर बार छोड़ कर भागे थे.
गज़ा में हालात बेहद तनावग्रस्त रह सकते हैं क्योंकि वहां सोमवार को मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के लिए भारी भीड़ जुटने का अंदेशा है.
विरोध का कारण
कल हुई इस हिंसा की वजह अमरीकी दूतावास को तेल अवीव से हटाकर यरूशलम में स्थापित करना था.
फ़लस्तीनी इसका विरोध करते हैं क्योंकि वो पूर्वी यरूशलम को भविष्य में बनने वाले 'फ़लस्तीनी राष्ट्र' की राजधानी के रूप में देखते हैं.
फ़लस्तीनी अमरीका के इस क़दम को खुलेआम इसराइल का समर्थन मान रहे हैं.
फ़लस्तीनी प्रशासन का कहना है कि 55 की मौत के अलावा सोमवार को क़रीब 2,700 लोग घायल भी हुए हैं. ये गज़ा में 2014 के युद्ध के बाद सबसे हिंसक दिन था.
इसराइली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि सेना की कार्रवाई आत्मरक्षा में की गई है और उन्हें फ़लस्तीनी क्षेत्र पर शासन करने वाले इस्लामी गुट हमास से ख़तरा था क्योंकि वो इसराइल को तबाह करना चाहता है.
फ़लस्तीनी प्रशासन ने सोमवार के घटनाक्रम को नरसंहार बताया है जबकि संयुक्त राष्ट्र ने इसे मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन कहा है.
कब से चल रहा है विरोध
गज़ा पर शासन करने वाले मुस्लिम संगठन हमास पिछले छह हफ़्तों से इसे लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है. इसराइल का कहना है कि प्रदर्शनकारी सीमा पर लगे बाड़ को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे. इसराइल इस बाड़ की कड़ाई से सुरक्षा करता है.
हमास के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सोमवार को हुई हिंसा में मारे गए लोगों में बच्चे भी हैं. गज़ा से मिल रही रिपोर्टों के मुताबिक़ वहां फ़लस्तीनियों ने पत्थर फेंके और आग लगाने के काम आने वाले बम चलाए.
इसके जवाब में इसराइल की ओर से स्नाइपरों ने गोलियां चलाईं. इसराइल की सेना का कहना है कि 35 हज़ार फ़लस्तीनी सीमा पर लगी बाड़ के पास दंगा कर रहे थे.
इसराइल का कहना है कि इस विरोध प्रदर्शन का मक़सद सीमा पर लगी बाड़ को तोड़ना और इससे लगे उसके रिहायशी इलाकों पर हमला करना था.
इसराइल की सेना ने बताया कि रफ़ा में सुरक्षा बाड़ के पास विस्फोटक लगाने की कोशिश कर रहे तीन लोगों को उसने मार दिया. यहां तक कि इसराइल ने जबालिया में हमास की सैनिक चौकियों पर भी हवाई हमले किए हैं.
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