Coronavirus: अफ्रीकी देशों में चीन के लिए बढ़ा गुस्सा, तंजानिया ने खत्म की 10 बिलियन डॉलर की डील
नैरोबी। कोरोना वायरस महामारी के बीच ही अफ्रीकी देशों ने चीन के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। अफ्रीकी देश इस समय इस बात की करीब से जांच कर रहे हैं कि उनके यहां पर चीन जो निवेश कर रहा है, उसका उन्हें कितना फायदा मिल रहा है। वह इस बात को भी जांच रहे हैं कि इस कर्ज के साथ कौन सी शर्ते जुड़ी है। आपको बता दें कि अफ्रीका दुनिया का वह क्षेत्र है जहां पर चीन ने भारी मात्रा में निवेश किया हुआ है। अब कोविड-19 के बाद यहां पर चीन के लिए मुश्किलें खड़ी होती जा रही हैं।
अफ्रीका में पहुंचा कोरोना वायरस
अफ्रीका के कई देशों में भी अब कोरोना वायरस ने दस्तक दी है। इसकी नतीजा है कि यहां की स्थानीय आबादी चीनी मजदूरों को दुश्मनी की नजर से देख रही है। पूरे अफ्रीका में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और मांग की जा रही है कि चीन से हर तरह के संबंध खत्म किए जाएं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि चीन के साथ रिश्ते बहुत महंगे होते जा रहे हैं। पिछले दिनों चीन में कई अफ्रीकी नागरिकों जिनमें से कई छात्र हैं, उन्हें जिनपिंग के देश में परेशान किया गया है।
चीन में अफ्रीकी छात्रों को बनाया गया निशाना
कई अफ्रीकी नागरिकों को जबरन कोरोना टेस्ट कराया गया और उन्हें संक्रमित मानकर जबरदस्ती क्वारंटाइन में भेज दिया गया। चीन के गुआनझोउ शहर में पिछले दिनों अफ्रीकी छात्रों और विशेषज्ञों के साथ बुरा बर्ताव किया गया था। चीन के गुआनझोउ शहर में कई अफ्रीकी नागरिकों को उनके मकान मालिकों ने घरों से निकाल दिया है। इसकी वजह से चीन और अफ्रीका के बीच रिश्तों में काफी तनाव हो गया है। चीन और अफ्रीका के बीच व्यापारिक रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में काफी मजबूत हुए हैं।
208 बिलियन डॉलर का चीनी निवेश
चीन के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स के मुताबिक साल 2019 में अफ्रीका में करीब 208 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। चीन ने अफ्रीका में कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर निवेश किया है। लेकिन अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीन की कर्ज नीति कुछ देशों को मजबूर कर रही है कि वो कुछ सर्विसेज को कर्ज अदा न करने की सूरत में चीन के हाथों सौंप दे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तंजानिया अब अफ्रीकी देशों में आगे बढ़ रहा है और इस देश ने चीनी निवेश पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है।
तंजानिया ने लिए बड़ा फैसला
कुछ ऐसी रिपोर्ट्स भी हैं जिसमें कहा गया है कि तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन मागूफुली ने 10 बिलियन डॉलर वाले चीनी कर्ज को कैंसिल कर दिया है। इस निवेश पर उनसे पहले राष्ट्रपति रहे जाकाया किकिवेते ने साइन किए थे। चीनी निवेशकों ने पूर्व राष्ट्रपति के साथ बागामोयो में मेब्गानी क्रीक में बंदरगाह बनाने के निर्माण के लिए समझौता किया था। पिछले दिनों एक और अफ्रीकी देश नाइजीरिया ने चीन को वॉर्निंग दी थी। नाइजीरिया में चीनी दूतावास को ऑफिस में बुलाकर देश के निचले सदन के स्पीकर ने फटकारा है।