100 साल बाद दिखा काला तेंदुआ, अफ्रीका के जंगल से फोटोग्राफर ने क्लिक की फोटो
सैन फ्रांसिस्को। महीनों तक इंतजार करने और अफ्रीकी देश केन्या के जंगलों में सैकड़ों कैमरे लगाने के बाद आखिरकार काले रंग का तेंदुआ को कैमरे में कैद हुआ है। अफ्रीका के जंगलों में इससे पहले 1909 में पहली बार काले रंग का यह जानवर था। सैन फ्रांसिस्को में निक पिलफोल्ड ने कहा कि आज से 100 साल पहले काला तेंदुआ दिखा था। उन्होंने कहा उनकी टीम ने महीनों तक इंतजार करने और तेदुओं की आबादी वाले क्षेत्रों में कैमरे सेटअप कर नजर बनाए जाने के बाद आखिरकार यह दुर्लभ जानवर दिखा है।
सैन फ्रांसिस्को में पिलफोल्ड ने कहा कि इस मादा तेंदुए के कोट का रंग मेलानिज्म के परिणामस्वरूप काला होता है, एक जीन उत्परिवर्तन होता है, जिसके परिणामस्वरूप वर्णक का उत्पादन अधिक होता है। रात के वक्त अगर यह तेंदुआ सामने आ जाए तो इस जानवर को देखने की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। पिलफोल्ड सैन डिएगो जू में एक वैज्ञानिक हैं, जिसने केन्या के लाइकिया काउंटी में कैमरे स्थापित किए थे।
उन्होंने कहा कि जहां काले तेंदुए के देखे जाने की खबरें आई हैं, उन्हें ब्लैक पैंथर्स के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि काले तेंदुए केन्या में सभी जगह पर रह रहे हैं और केवल केवल कल्पना की जा रही है कि वे अब गायब हो चुके हैं।
हालांकि, केन्या के डेली नेशन अखबार ने मंगलवार को कहा कि 2013 में फोटोग्राफर फोइबे ओकाल ने काले तेंदुए की पहचान की थी, हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि वह फोटो पब्लिश हुआ था या नहीं।