अफगानिस्तान-पाकिस्तान में बुरी तरह खराब हुए संबंध, जानिए क्यों पाकिस्तान से गुस्साए हैं अफगान नेता?
अफगानिस्तान-पाकिस्तान के संबंध काफी ज्यादा खराब हो चुके हैं और अब अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को तालिबान का एजेंट करार दिया है।
काबुल, जून 19: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच का रिश्ता काफी ज्यादा बिगड़ता जा रहा है। अफगानिस्तान के एनएसए ने अब सीधे तौर पर पाकिस्तान को तालिबान का एजेंट बता दिया है। अफगानिस्तान के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर ने सीधे तौर पर पाकिस्तान पर हमला बोला है और पाकिस्तान की सरकार को तालिबान का एजेंट बताया है। इसके साथ ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शब्दों की जंग काफी तेज हो गई है। इससे पहले अफगान एनएसए ने पाकिस्तान को चकलाघर कहा था, जिसके जवाब में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान को धमकी तक दे दी थी।
'तालिबान का एजेंट पाकिस्तान'
पाकिस्तान को चकलाघर बताने वाले अफगानिस्तान के एनएसए हमदुल्लाह मोहिब ने इस बार पाकिस्तान को तालिबान का एजेंट बताते हुए सीधे तौर पर अफगानिस्तान में हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है। अफगान एनएसए ने टोलो न्यूज पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री के इंटरव्यू पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूरे अफगानिस्तान में तालिबान हिंसा फैला रहा है और हम सबको पता है तालिबान ऐसा क्यों और किसके इशारे पर कर रहा है। अफगान एनएसए ने कहा कि 'तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान में हमला करना शुरू कर दिया है और हम सब जानते हैं वो किसके इशारे पर ऐसा कर रहा है। या तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री को बताया नहीं गया है, या वो इग्नोर कर रहे हैं और इसे मान रहे हैं। शायद शाह महमूद कुरैशी इस बात से भी इनकार कर दें कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान मिलिट्री हेडक्वार्टर के बगल में नहीं पाया गया था'। (फोटो- अफगान एनएसए)
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पाकिस्तान-अफगानिस्तान में ठनी
पिछले कुछ महीनों से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्ते बुरी तरह से खराब हो गये हैं। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी ने भी परोक्ष तौर पर अफगानिस्तान की शांति खराब करने का आरोप पाकिस्तान पर लगाया था। वहीं, अफगान एनएसए ने तो पाकिस्तान को चकलाघर ही बता दिया था। दरअसल, अफगानिस्तान सरकार का कहना है कि तालिबान को हथियारों के साथ साथ पाकिस्तान आर्थिक मदद भी करता है, ताकि अफगानिस्तान की चुनी हुई सरकार को तालिबान सत्ता से हटा सके और फिर पाकिस्तान डायरेक्ट अफगानिस्तान को कंट्रोल कर सके। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हालिया समय में अमेरिका के दौरे पर भी जाने वाले हैं, उससे पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान को सीधे तौर पर धमकाते हुए कहा कि अगर अफगान राष्ट्रपति ने अमेरिका में पाकिस्तान के खिलाफ कुछ कहा, तो फिर अगर अफगानिस्तान में कुछ होता है, तो उसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान नहीं लेगा।
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पख्तून नेताओं के निशाने पर कुरैशी
असल में टोलो न्यूज को इंटरव्यू देकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बुरी तरह से घिरे हुए हैं। पाकिस्तान के पख्तून नेता अफरासियाब खट्टक ने यहां तक कह दिया कि तालिबान को एक और प्रवक्ता की क्यों जरूरत है, वो काम तो शाह महमूद कुरैशी ही पूरा कर रहे हैं। टोलो न्यूज को दिए इंटरव्यू के दौरान शाह महमूद कुरैशी ने एक तरह से तालिबान को शांति का दूत बता दिया था। पख्तून नेता ने टोलो न्यूज पर शाह महमूद कुरैशी के एक इंटरव्यू क्लिक को शेयर करते हुए लिखा है कि 'तालिबान को एक और विदेश मंत्री की आवश्यकता क्यों होगी जब उनके पास पहले से ही एक है? अफगानिस्तान में पाकिस्तान की "तटस्थता" कभी विश्वसनीय नहीं थी, लेकिन उसने आखिरकार उस ढोंग को भी दूर कर दिया। अफगान संघर्ष को पूरी तरह से आंतरिक बताकर क्या पाकिस्तान को यकीन है कि उसने जो बोया है, वो उसे नहीं काटेगा?
तुर्की में मिले अफगान-पाकिस्तान नेता
दोनों देशों के नेताओं के बीच काफी खराब रिश्ते हो गये हैं और इसी कड़ी में तुर्की में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और अफगानिस्तान हाई काउंसिल फॉर नेशनल रिकंसिलेशन के चेयरमैन और अफगानिस्तान के वरिष्ठ नेता अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह के बीच में मुलाकात हुई है। जहां पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने अफगान एनएसए के पाकिस्तान को चकलाघर बताए जाने वाले बयान पर आपत्ति जताई है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रायल ने कहा है कि अफगानिस्तान की शांति में पाकिस्तान के योगदान की पूरी दुनिया सराहना करती है। लेकिन, माना जा रहा है कि अफगानिस्तान को अब पाकिस्तान पर जरा भी विश्वास नहीं रहा है। और इसीलिए अफगान के नेताओं ने सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम लेना शुरू कर दिया है और माना जा रहा है कि अमेरिका दौरे पर जाने वाले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पाकिस्तान के खिलाफ कई सबूत भी अमेरिका के सामने रखेंगे।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी की बोलती हुई बंद, अफगानिस्तान के पत्रकार ने इंटरव्यू में जमकर धोया