क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अफ़ग़ानिस्तान के पत्रकार ने भारत के मुद्दे पर क़ुरैशी को यूं घेरा

अफ़ग़ानिस्तान के न्यूज़ चैनल टोलो न्यूज़ के प्रमुख लोतफ़ुल्लाह नजफ़िज़ादा ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी से कई ऐसे सवाल पूछे जिनसे वो पूरी तरह से असहज दिखे.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
पाकिस्तानी विदेश मंत्री
Getty Images
पाकिस्तानी विदेश मंत्री

अफ़ग़ानिस्तान के न्यूज़ चैनल टोलो न्यूज़ को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी का दिया इंटरव्यू काफ़ी चर्चा में है. यह इंटरव्यू टोलो न्यूज़ के प्रमुख लोतफ़ुल्लाह नजफ़िज़ादा ने किया है.

टोलो न्यूज़ ने इसके कई वीडियो क्लिप ट्विटर पर शेयर किए हैं. कई सवालों के जवाब में पाकिस्तानी विदेश मंत्री फँसते दिखे.

इस इंटरव्यू में क़ुरैशी ने अफ़ग़ानिस्तान में भारत की मौजूदगी पर भी सवाल उठाए.

टोलो न्यूज़ ने क़ुरैशी से पूछा कि अफ़ग़ानिस्तान में भारत के कितने काउंसलेट हैं? इस पर क़ुरैशी ने कहा, ''आधिकारिक रूप से तो चार हैं लेकिन अनाधिकारिक रूप से कितने हैं, ये आप बाताएंगे. मुझे लगता है कि अफ़ग़ानिस्तान की सरहद भारत से नहीं मिलती है. ज़ाहिर है कि अफ़ग़ानिस्तान का भारत से एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में संबंध है.''

https://twitter.com/TOLOnews/status/1405589994861907979

''दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध हैं. ये आपका अधिकार है कि भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध रखें. दोनों देशों के बीच कारोबार भी है और इसमें हमें कोई दिक़्क़त नहीं है. लेकिन मुझे लगता है कि अफ़ग़ानिस्तान में भारत की मौजदूगी जितनी होनी चाहिए उससे ज़्यादा है क्योंकि दोनों देशों के बीच कोई सीमा भी नहीं लगती है.''

लोतफ़ुल्लाह ने पूछा कि क्या आपको भारत की मौजूदगी परेशान करती है? इस पर क़ुरैशी ने कहा कि अगर अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के ख़िलाफ़ होगा तो दिक़्क़त वाली बात है.

पाकिस्तानी विदेश मंत्री
Getty Images
पाकिस्तानी विदेश मंत्री

फँसे पाकिस्तानी विदेश मंत्री

लोतफ़ुल्लाह के एक सवाल पर क़ुरैशी असहज दिखे. लोतफ़ुल्लाह ने पूछा कि क्या तालिबान नेता हैबतुल्लाह अखुंदज़ादा, मुल्ला याक़ूब या सिराजुद्दीन हक़्क़ानी पाकिस्तान में नहीं हैं? इस पर क़ुरैशी ने कहा, ''आप अपनी सरकार से पूछिए. आप आरोप लगाना जारी रखें.''

क़ुरैशी को बीच में टोकते हुए लोतफ़ुल्लाह ने कहा, ''पिछले महीने तालिबान नेता शेख अब्दुल हक़ीम अफ़ग़ानिस्तान में, अपने नेताओं से बात करने आए थे. उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि वे पाकिस्तान से आए हैं.''

इस पर क़ुरैशी ने मुस्कुराते हुए कहा कि उन्होंने संपर्क नहीं किया था, इसलिए उनको पता नहीं है. क़ुरैशी ने कहा कि तालिबान भी अफ़ग़ानिस्तान में शांति चाहता है. इस पर लोतफ़ुल्लाह ने पूछा कि आपको कैसे पता है कि तालिबान शांति चाहता है?

क़ुरैशी ने कहा कि उनसे बात होती रही है, ''मैं तालिबान और अफ़ग़ान सरकार की वार्ता में शामिल नहीं हो सकता.''

https://twitter.com/TOLOnews/status/1405589344694550531

इस पर लोतफ़ुल्लाह ने कहा कि ऐसी कोई वार्ता हुई ही नहीं है. क़ुरैशी इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए और कहा कि अफ़ग़ानिस्तान फिर से एक और गृह युद्ध नहीं झेल सकता है.

लोतफ़ुल्लाह ने पूछा कि क्या डूरंड लाइन (पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के अलग करने वाल सरहद) को अंतरराष्ट्रीय सीमा मान लेना चाहिए? इस सवाल के जवाब में क़ुरैशी ने कहा, ''अगर आप आगे बढ़ना चाहते हैं और अच्छे पड़ोसी की तरह सहअस्तित्व की भावना रखते हैं तो डूरंड लाइन को अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के रूप में स्वीकार कर लेना चाहिए.''

टोलो न्यूज़ ने पूछा कि क्या आप इसके लिए अफ़ग़ानिस्तान के प्रशासन से बात करेंगे? इस पर क़ुरैशी ने कहा, ''मेरा मानना है कि आप भले घरेलू राजनीति की मजबूरियों के तहत इसे नहीं मानें लेकिन ये सीमा तो है. और मेरा मानना है कि डूरंड लाइन इंटरनेशनल सीमा है. इस पर कोई बातचीत करने की ज़रूरत नहीं है.''

टोलो न्यूज़ का यह पूरा इंटरव्यू शनिवार रात नौ बजे प्रसारित किया जाएगा.

अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से क्या बढ़ जाएंगी पाकिस्तान की मुश्किलें

भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का 'रिस्क' क्यों ले रहा है यूएई

तालिबान और पाकिस्तान की दोस्ती

जब तक अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान प्रभावी रहा तब उसका दख़ल काफ़ी रहा लेकिन 9/11 के हमले के बाद स्थिति बदली और अफ़ग़ानिस्तान में चुनी हुई सरकार आई. चुनी हुई सरकार आने के बाद से पाकिस्तान की स्थिति अफ़ग़ानिस्तान में कमज़ोर हुई और वो भारत की मौजूदगी को लेकर सवाल खड़ा करता रहा है. अफ़ग़ानिस्तान की सरकार की ओर से पाकिस्तान पर चरमपंथियों को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है.

पिछले महीने ही अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब की टिप्पणियों को लेकर पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कड़ा ऐतराज जताया था. क़ुरैशी ने यहाँ तक कह दिया था कि उनका ख़ून खौल रहा है. मोहिब ने पाकिस्तान पर अफ़ग़ानिस्तान में अस्थिरता फैलाने का आरोप लगाते रहे हैं.

https://twitter.com/TOLOnews/status/1405583184251830275

अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिका अपने सैनिकों को वापस बुलाने जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि 11 सितंबर को अफ़ग़ानिस्तान से सारे अमेरिकी सैनिक वापस आ जाएंगे. 11 सितंबर ही अमेरिका में अल-क़ायदा के हमले की बरसी है. इधर तालिबान के एक कमांडर ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान की सरकार बहुत दिनों तक नहीं टिकने वाली है.

बीस साल यहाँ रहने के बाद अमेरिकी और ब्रिटिश सेना अफ़ग़ानिस्तान छोड़ रहीं हैं. अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने घोषणा की थी कि बचे हुए 2,500-3,500 अमेरिकी सैनिक 11 सितंबर तक वापस चले जाएंगे. ब्रिटेन भी अपने बचे हुए 750 सैनिकों को वापस बुला रहा है.

अमेरिका का मानना है कि अल-क़ायदा ने ही उसपर, 9/11 के हमले अफ़ग़ानिस्तान की धरती से किए थे. उसके बाद अमेरिका के नेतृत्व में योजनाबद्ध तरीक़े से वहां से तालिबान को सत्ता से हटाया गया और अस्थायी रूप से अल-क़ायदा को बाहर किया गया.

डूरंड लाइन
Getty Images
डूरंड लाइन

डूरंड लाइन

अफ़ग़ानिस्तान ने डूरंड लाइन को अंतरराष्ट्रीय सीमा के तौर पर मान्यता नहीं दी है. अफ़ग़ानिस्तान पाकिस्तान से लगी सीमा और सिंधु नदी तक के कुछ इलाक़ों पर अपना दावा करता रहा है.

अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद की जड़ 19वीं सदी से ही है. ब्रिटिश सरकार ने भारत की उत्तरी हिस्सों पर नियंत्रण मज़बूत करने के लिए 1893 में अफ़ग़ानिस्तान के साथ 2640 किलोमीटर की सीमा रेखा खींची थी. ये समझौता ब्रिटिश इंडिया के तत्कालीन विदेश सचिव सर मॉरिटमर डूरंड और अमिर अब्दुर रहमान ख़ान के बीच काबुल में हुआ था. इसी लाइन को डूरंड लाइन कहा जाता है. यह पश्तून इलाक़े से गुज़रती है.

https://twitter.com/TOLOnews/status/1405575345131212802

डूरंड लाइन समझौते के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान को कुछ ज़िले छोड़ने थे, इनमें स्वात, चित्राल और चागेह शामिल थे. इसके बदले उसे दूसरे इलाक़े नुरिस्तान और अस्मार मिलने थे, जिस पर ऐतिहासिक रूप से अफ़ग़ानिस्तान का नियंत्रण नहीं था.

इस समझौते की वजह से पहली बार अफ़ग़ानिस्तान और भारत के बीच सीमा रेखा खींची गई. डूरंड लाइन समझौते के पहले भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच कोई सीमा नहीं थी.

कॉपी - रजनीश कुमार

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
afghanistan lotfullah najafizada interview of pakistan foreign minister shah mahmood qureshi
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X