एक के बाद एक 3 भाइयों से हुआ निकाह, पढ़ें 18 वर्षीय खदीजा की दर्दभरी कहानी
काबुलः अफगानिस्तान में लड़कियों की जिंदगी का फैसला उनके पैदा होने से पहले ही कर दिया जाता है। अफगानिस्तान में लड़कियों के हालात के बारे में अंदाजा 18 साल की खदीजा की कहानी को पढ़कर लगाया जा सकता है। एक अंग्रेजी बेवसाइट की रिपोर्ट में खदीजा की जिंदगी की दर्दभरी और कष्टदायी कहानी के बारे में बताया गया है। 18 साल की खदीजा दो बार विधवा हो चुकी हैं, जिसके बाद तीसरी बार खदीजा का निकाह करा दिया गया। इसमें हैरान करने वाली बात है कि खदीजा के तीनों निकाह उसके परिवार के लड़कों के साथ किए गए, जो रिश्ते में उसके भाई लगते थे।
छह साल की खदीजा का कर दिया गया निकाह
खदीजा कहती हैं कि वो सपने भी नहीं देख सकती, क्योंकि उसे वैसा ही करना होता था जैसा उसे आदेश दिया जाता। खदीजा का पहला निकाह महज छह साल की उम्र में हुआ। ये निकाह हक नाम के लड़के के साथ हुआ, जो खदीजा से 15 साल बड़ा था। इस निकाह के बारे में परिवार का कहना था कि बाल विवाह गैरकानूनी है। लेकिन, अफगानिस्तान में बहुत से लोग बाल विवाह करते हैं।
दस साल की उम्र में हो गई विधवा
शादी के चार साल बाद एक अमेरिकी हमले में हक की बहन की मौत हो गई। बहन की इस मौत का बदला लेने के लिए खदीजा का पहला पति तालिबानी सेना में शामिल हो गया। तालिबान में शामिल होने के बाद हक अमेरिकी हमले में मारा गया। पहले पति की मौत के समय खदीजा की उम्र महज 10 साल थी। हक की मौत के बाद खदीजा विधवा हो गई, कुछ दिन बाद खदीजा की शादी 22 साल के अमिनुल्लाह से करा दी गई। ये फैसला खदीजा के पिता का था।
22 साल के अमिनुल्लाह से करा दिया गया निकाह
निकाह के चार साल बाद एक अमेरिकी हमले में हक की बहन की मौत हो गई। बहन की इस मौत का बदला लेने के लिए खदीजा का पहला पति तालिबानी सेना में शामिल हो गया। तालिबान में शामिल होने के बाद हक अमेरिकी हमले में मारा गया। पहले पति की मौत के समय खदीजा की उम्र महज 10 साल थी। हक की मौत के बाद खदीजा विधवा हो गई, कुछ दिन बाद खदीजा का निकाह 22 साल के अमिनुल्लाह से करा दिया गया। ये फैसला खदीजा के पिता का था।
हक का छोटा भाई था अमिनुल्लाह
अमिनुल्लाह, हक का छोटा भाई था। अमिनुल्लाह अफगानिस्तान पुलिस में जवान था। अमिनुल्लाह के बारे में खदीजा का कहना था कि वो हर तरह के हथियार चला सकता था। अमिनुल्लाह ने खदीजा को काफी आजादी थी। खदीजा इसके बारे में कहती हैं 'वो घर आने के बाद कहता था कि मैं बुर्का हटा सकती हूं।.. वो एक अच्छा पति था और अच्छा इंसान भी।'
तालिबान के हमले में मारा गया अमिनुल्लाह
लेकिन, एक दिन तालिबान के एक धमाके में अमिनुल्लाह की मौत हो गई। इस मौत के बार खदीजा काफी दुखी थी। खदीजा का कहना है कि ये भगवान का फैसला था मैं कुछ नहीं कर सकती थी। इस मौत के बाद अमिनुल्लाह का परिवार लश्कर गाह(अफगानिस्तान का एक शहर) चला गया।
14 साल की उम्र में मां बनी खदीजा
क्योंकि तालिबान ने इनके घर को जला दिया था। 14 साल की उम्र में खदीजा में एक बेटी को जन्म दिया। अमिलनुल्लाह की मौत के चार महीने और दस दिन बाद खदीजा का निकाह अमिनुल्लाह के भाई शमसुद्दीन के साथ कराना की बात चलने लगी। शमसुद्दीन ने निकाह के फैसले को खदीजा पर छोड़ दिया। खदीजा का कहना है कि वो चाहता तो मेरे साथ जबरदस्ती कर सकता था लेकिन उसने नहीं की। चाचा के बेटे ने उसके साथ जोर-जबरदस्ती नहीं की। लेकिन पोशतुन कल्चर के तहत मेरे पास को आजादी नहीं थी।'
अमेरिकी सेना के लिए काम करने लगा खदीजा का तीसरा पति
शमसुद्दीन अमेरिकी सेना के लिए काम करने लगा, उसे रोजाना 25 डॉलर मिलते थे। लेकिन, कुछ समय बाद अमेरिका सेना वहां से चली गई और दखीजा का तीसरा पति बेरोगजगार हो गया। अब वो रिक्शा चलाकर अपने परिवार को गुजारा करता है।
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