भारत पहुंचे अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ अतमार, भारत को मिला सबसे विश्वनसनीय दोस्त की उपाधि
नई दिल्ली: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ अतमार भारत पहुंच गये हैं। जहां आज वो भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से हैदराबाद हाउस में शाम 6 बजे मुलाकात करेंगे। नई दिल्ली पहुंचने के बाद इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भारतीय राजनयिक ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का स्वागत किया।

सबसे विश्वसनीय दोस्त भारत
भारत ने वैक्सीन मैत्री इनिशिएटिव के तहत अफगानिस्तान में भी कोरोना वैक्सीन की मुफ्त में सप्लाई की है। भारत का मकसद अफगानिस्तान को कोरोना वायरस से लड़ाई में मदद करना था। जिसके बाद भारत स्थिति अफगानिस्तान एंबेसी के एंबेसडर फरीद ममूजा ने कहा कि भारत अफगानिस्तान का सबसे विश्वसनीय पार्टनर है और भारत क्षेत्रीय विकास के लिए सबसे बड़ा भागीदार है। उन्होंने अफगानिस्तान को कोविड वैक्सीन की मदद देने के लिए भारत सरकार को शुक्रिया कहा है। इसके साथ ही अफगानिस्तान ने भारत सरकार को डिफेंस सिक्योरिटी प्रदान करने के लिए और मिलिट्री हार्डवेयर देने के लिए भी भारत सरकार को धन्यवाद कहा है। अफगानिस्तान और भारत के बीच लंबे वक्त से अच्छे संबंध रहे हैं। वहीं, भारत ने अफगानिस्तान की आर्मी को मिलिट्री ट्रेनिंग भी मुहैया करवाई है, जिसे अफगानिस्कान की तरफ से 'काफी ज्यादा मदद' बताया गया है।
भारतीय विदेशमंत्री से होगी बात
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ अतमार भारत दौरे के दौरान भारतीय विदेशमंत्री एस. जयशंकर से व्यापक मुलाकात और बातचीत करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक बातचीत होगी। खासतौर पर अफगानिस्तान में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और अफगानिस्तान की सरकार को अस्थिर करने की पाकिस्तानी कोशिशों पर कैसे अंकुश लगाएं, इस बात की चर्चा दोनों देशों के विदेशमंत्रियों के बीच हो सकती है। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच आर्थिक और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने को लेकर भी बातचीत होने की पूरी संभावना है।
भारत का संघर्ष विराम का आह्वान
पिछले महीने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच वर्चुअल बातचीत हुई थी। जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान की शांति और संघर्ष विराम का आह्वान किया था। वहीं, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पीएम मोदी के सामने बिना नाम लिए पाकिस्तान की जमकर आलोचना की थी और पाकिस्तान पर अफगानिस्तान की शांति खराब करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान का पड़ोसी देश ही आतंकवादियों को आर्थिक और सामरिक मदद दे रहा है और चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने दुनिया की शक्तियों से बगैर पाकिस्तान का नाम लिए पाकिस्तान को रोकने और समझाने की अपील की थी। वहीं, भारत के लिए अफगानिस्तान की शांति बेहद जरूरी है, लिहाजा भारत अफगानिस्तान में अपनी सक्रियता बनाए हुए है। अगर अफगानिस्तान में चुनी हुई सरकार को खतरा होता है तो इसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा।
Special Report: क्या भारत और पाकिस्तान 'दोस्ती' का ऐलान कर दुनिया को बड़ा सरप्राइज देने वाले हैं?