Video: जब कृत्रिम पांव मिलने की खुशी में थिरक उठा पांच साल का नन्हा अहमद
काबुल। अफगानिस्तान के पांच वर्ष का नन्हा अहमद रहमान इन दिनों सोशल मीडिया मे छाया हुआ है। अहमद रहमान का एक वीडियो वायरल हो गया है और इस वायरल वीडियो को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं। कई लोग इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं और कई लोग इस वीडियो से प्रेरणा लेने की सलाह तक दे रहे हैं। दरअसल अहमद को कुछ दिनों पहले कृत्रिम पांव मिले हैं। इस खुशी का जश्न अहमद ने बड़े प्यारे अंदाज में नाचकर मनाया।
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आठ माह का था जब ब्लास्ट में गंवा दिया एक पैर
अहमद की उम्र बस आठ माह थी जब एक लैंडमाइन ब्लास्ट में उसने अपना दांया पैर गंवा दिया था। कुछ दिनों पहले काबुल के एक अस्पताल में उसकी सर्जरी हुई और उसे एक आर्टिफिशियल पांव लगाया गया। करीब पांच वर्षों से जो अहमद ठीक से चलने को तरस रहा था, पांव लगते ही थिरकने लगा। उसके चेहरे पर मुस्कान थी जो यह बताने के लिए काफी थी कि अब अहमद वह सबकुछ कर सकता है, जिसका सपना वह देखता आया है। अहमद का यह प्यार वीडियो इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस, अफगानिस्तान की ओर से रिलीज किया गया है। अहमद बड़ी सी मुस्कुराहट लेकर अफगानिस्तान के पारंपरिक म्यूजिक पर डांस कर रहा है। अस्तपाल की नर्सें भी उसे देखकर अपनी हंसी नहीं रोक पाईं।
Ahmad received artificial limb in @ICRC_af Orthopedic center, he shows his emotion with dance after getting limbs. He come from Logar and lost his leg in a landmine. This is how his life changed and made him smile. pic.twitter.com/Sg7jJbUD2V
— Roya Musawi (@roya_musawi) May 6, 2019
मां चाहती है अहमद बने डॉक्टर या टीचर
रेड क्रॉस की ओर से वीडियो पोस्ट करने के बाद लिखा गया, 'हमारे आर्थोपेडिक सेंटर में कृत्रिम पांव मिलने के बाद अहमद ने डांस और बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ अपनी भावनाओं को इजहार किया।' इस वीडियो को मंगलवार को पोस्ट किया गया था। इसे एक मिलियन से ज्यादा बार देखा गया है। अहमद का परिवार काबुल से कुछ ही घंटों की दूरी पर स्थित एक गांव में रहता है और उसकी मां को रोज अपने बेटे से मिलने के लिए घंटों का सफर तय करना पड़ा। लेकिन जब उसने अपने बच्चे को इस खुशी के साथ देखा तो उन्होंने कहा, 'मैं चाहती हूं कि यह स्कूल जाए और डॉक्टर या फिर टीचर बने। मैं बहुत खुश हूं, अहमद एक अच्छा बच्चा है।' काबुल के इस अस्पताल को साल 1988 में शुरू किया गया था। तब से लेकर अब तक यहां पर 100,000 से ज्यादा लोगों को कृत्रिम अंग दिए जा चुके हैं।
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