ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में अब गर्भपात अपराध के दायरे से बाहर, पांच दशकों से चल रहा था आंदोलन
सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में करीब एक दशक से जारी मुहिम रंग लाई है और यहां पर अब गर्भपात को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया गया है। क्वींसलैंड के सांसदों ने यहां के कई सदियों से चले आ रहे कानून को खत्म कराने में सफलता हासिल की है। क्वींसलैंड में गर्भपात कराने वाली महिलाओं के लिए कड़ी सजा का प्रावधान था। यहां पर पिछले 50 वर्षों से रुढि़वादी नैतिकता कानून को खत्म करने के लिए आंदोलन चल रहा था।
क्या कहता है नया कानून
क्वींसलैंड के स्वास्थ्य मंत्री स्टीवन माइल्स और उप प्रधानमंत्री जैकी ट्राड ने इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। 14 अक्टूबर को कानून को खत्म करने के मकसद से एक रैली भी निकाली गई थी। बुधवार को नैतिकता कानून को खत्म करने के पक्ष में 50 वोट पड़े तो विरोध में 41 वोट मिले। क्वींसलैंड में गर्भपात के नए कानून के तहत अब कोई भी महिला 22 हफ्तों के भ्रूण का गर्भपात करा सकेगी। हालांकि इसके बाद गर्भपात कराने के लिए उसे दो डॉक्टरों से अनुमति लेनी होगी। नए कानून के तहत गर्भपात की मेडिकल सुविधा मुहैया कराने वाले अस्पतालो के आसपास 150 मीटर तक के क्षेत्र को सिक्योर जोन के तहत रखता है। अगर कोई डॉक्टर खुद महिला का गर्भपात नहीं करना चाहता है तो उसे महिला को किसी दूसरे डॉक्टर के पास रेफर करना होगा।
सन 70 से चल रहा था आंदोलन
सन् 1970 के दशक से महिलाओं को चुनने की आजादी देने के पक्ष में यहां पर आंदोलन चल रहा था। आंदोलन में शामिल कार्यकर्ता ब्रिटिश शासन के दौरान 1899 में बने गर्भपात कानून को बदलने की मांग कर रहे थे।सन् 1899 का यह कानून गर्भपात को 'नैतिकता के खिलाफ अपराध' करार देता था। क्वींसलैंड में महिलाओं के पक्ष में यह कानून ऐसे समय में बना है जब यहां सरकार के पक्ष और विपक्ष दोनों ही में महिलाएं शीर्ष नेतृत्व में हैं। लेबर पार्टी की नेता और प्रोविंस की पीएम एनास्तासिया पलासुक और डिप्टी पीएम जैकी ट्रैड लंबे समय से इस अभियान से जुड़े हुई थी।