पाकिस्तानी 'शाहजहां' ने पत्नी की याद में बनवाया 'ताजमहल', दिलचस्प है प्यार की कहानी
इस्लामाबाद। दुनिया के आठ अजूबों में शुमार सच्चे प्यार की निशानी ताजमहल को देखने दूर-दूर से लोग भारत आते हैं। ताजमहल का दीदार करने वाले कुछ लोगों की ख्वाहिश होती है कि वह भी अपने जीवनसाथी की याद में ऐसी ही एक निशानी तैयार करें, हालांकि इसके लिए मजबूत हौसले की जरूरत होती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी एक ताजमहल बनकर तैयार हुआ है, जिसे शख्स ने अपनी पत्नी की याद में बनवाया है।
पाकिस्तान में भी बन गया ताजमहल
अपने जीवनसाथी की याद में ताजमहल की कॉपी बनाने को लेकर कई खबरें सामने आ चुकी हैं, लेकिन इस बार विदेशी सरजमीं पर कुछ ऐसा देखने को मिला है। पाकिस्तान के उमरकोट में रहने वाले अब्दुल रसूल अपनी पत्नी से बेहद मुहब्बत करते थे। पत्नी की मौत के बाद उन्होंने ताजमहल बनवाया, जिसके बाद अब उनकी पहचान 21वीं सदी के शाहजहां के तौर पर होने लगी है।
यहीं पर हुआ था शाहंशाह अकबर का जन्म
अब्दुल रसूल द्वारा बनवाए गए ताजमहल की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आई हैं, जिसके देखने के बाद यूजर्स उनकी काफी प्रशंसा कर रहे हैं। अब्दुल रसूल के प्यार की निशानी को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं। आपको बता दें कि उमरकोट में ही मुगल शाहंशाह अकबर का जन्म हुआ था, अब लगभग 400 साल बाद एक बार फिर यह जगह मुगल निशानी को लेकर चर्चा में है।
दो बार भारत आ चुके हैं अब्दुल रसूल
अब्दुल रसूल कहते हैं कि मुहब्बत आपको खुद-ब-खुद सबकुछ सिखा देती है, आपको किसी से कुछ सीखने की जरूरत नहीं। इसलिए मुहब्बत की निशानी है ताजमहल। अब्दुल रसूल ने बताया कि उनकी पत्नी का नाम मरियम था, उनकी शादी परिवार की मर्जी से हुई थी। मरियम और अब्दुल पहले से ही रिश्तेदार थे। रसूल और मरियम ने एक-दूसरे के साथ 40 साल बिताए। अब्दुल रसूल दो बार भारत की यात्रा पर आ चुके हैं, और उन्होंने हर बार ताजमहल के दीदार किए।
15 से 20 लाख रुपए आया खर्च
साल 2015 में मरियम को अचानक एक स्ट्रोक आया जिसके बाद वह कई दिनों तक बिस्तर पर ही रहीं। इस दौरान रसूल ने उनकी खूब देखभाल की लेकिन मरियम को बचाया नहीं जा सका। पत्नी को खोने के बाद रसूल को उनकी कमी महसूस होने लगी, इस बीच उन्होंने पत्नी की याद में ताजमहल बनवा दिया। अब्दुल रसूल के मुताबिक ताजमहल बनाने में 15 से 20 लाख रुपए का खर्च आया। आज दूर-दूर से लोग पाकिस्तान में बने इस प्यार की निशानी को देखने के लिए उमरकोट आ रहे हैं।
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