एक महिला जो व्हाट्सऐप के ज़रिए करवाती है गुप्त तरीके से गर्भपात
एबिगेल 23 साल की हैं और उनका चार साल का एक बेटा है. पहचान छिपाने के लिए उनका नाम बदल दिया गया है.
वो एक गोपनीय व्हाट्सऐप ग्रुप चलाती हैं, जो ब्राज़ील की सैकड़ों महिलाओं को अनचाहे गर्भ से छुटकारा दिलाने में मदद कर रहा है.
ब्राज़ील में गर्भपात क़ानून काफी सख्त है. यहां बलात्कार की शिकार महिलाओं के लिए भी गर्भ गिराना आसान नहीं है.
ऐसे में इस व्हाट्सऐप ग्रुप की मदद से महिलाएं गैरक़ानूनी तरीके से गर्भपात के लिए गोलियां ख़रीद सकती हैं.
एबिगेल 23 साल की हैं और उनका चार साल का एक बेटा है. पहचान छिपाने के लिए उनका नाम बदल दिया गया है.
वो एक गोपनीय व्हाट्सऐप ग्रुप चलाती हैं, जो ब्राज़ील की सैकड़ों महिलाओं को अनचाहे गर्भ से छुटकारा दिलाने में मदद कर रहा है.
ब्राज़ील में गर्भपात क़ानून काफी सख्त है. यहां बलात्कार की शिकार महिलाओं के लिए भी गर्भ गिराना आसान नहीं है.
ऐसे में इस व्हाट्सऐप ग्रुप की मदद से महिलाएं गैरक़ानूनी तरीके से गर्भपात के लिए गोलियां ख़रीद सकती हैं.
एबिगेल और तीन दूसरी महिलाएं गर्भपात की पूरी प्रक्रिया में महिलाओं की मदद करती हैं. हालांकि एबिगेल या उनकी साथी महिलाएं डॉक्टर या नर्स नहीं हैं.
गर्भपात के दौरान होने वाली पीड़ा के वक्त टेक्स्ट या ऑडियो के ज़रिए महिलाओं की मदद की जाती है.
ग्रुप चलाने वाली एबिगेन और उनकी दूसरी महिला साथियों को पता है कि वो क़ानून तोड़ रही हैं और इसके लिए उन्हें सज़ा मिल सकती है.
लेकिन उनका मानना है कि अगर गर्भपात कराने की इच्छुक महिलाओं को सही मदद ना मिले तो वो गैरक़ानूनी क्लिनिकों में जाकर खुद को और ज़्यादा ख़तरे में डाल लेंगी.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक असुरक्षित गर्भपात की वजह से होने वाली जटिलताओं के चलते ब्राज़ील में हर दिन कम से कम चार महिलाओं की मौत हो जाती है.
एक अनुमान के मुताबिक ब्राज़ील में हर साल करीब पांच लाख गर्भपात गैरक़ानूनी तरीके से किए जाते हैं. इनमें से आधे मामलों में महिलाओं की जान ख़तरे में पड़ जाती है और उन्हें अस्पताल जाना पड़ता है.
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सुरक्षित जगह
इस ग्रुप में शामिल एक महिला कहती हैं, ''मैं अपनी पहचान छिपाकर व्हाट्सऐप ग्रुप की सदस्य बन गई. मैंने उनसे कहा कि मैं गर्भवती हूं और बच्चा गिराना चाहती हूँ ''
''पांच महीने तक मैंने व्हाट्सऐप पर चल रही बातचीत को देखा. इसके बाद मैंने ग्रुप की संस्थापक से संपर्क किया और उन्हें बताया कि मैं बीबीसी के साथ काम करती हूँ.''
ग्रुप में फ़िलहाल 80 से ज़्यादा महिलाएं हैं, हर महीने 20 नई महिलाएं इस ग्रुप से जुड़ जाती हैं. जैसे ही किसी महिला का गर्भपात हो जाता है वो ग्रुप छोड़ देती है.
इनमें से एक-आध महिला बच्चा रखने का फ़ैसला भी कर लेती हैं और गर्भपात नहीं कराती.
इस ग्रुप से जुड़ी कई लड़कियां नाबालिग हैं. ये ग्रुप एक ऐसी सुरक्षित जगह है जहाँ महिलाओं को मदद मिल जाती है.
ग्रुप चलाने वाली एक महिला की माने तो तीन सालों में उन्होंने तीन सौ महिलाओं के गर्भपात में मदद की है.
एबिगेल ने बीबीसी से कहा, "कभी-कभी मैं ये सब बंद करने का सोचती हूं, लेकिन फिर लगता है कि इस ग्रुप की वजह से कई महिलाओं को वो मौका मिल रहा है जो मुझे नहीं मिला. ये सब सोचकर मुझे अच्छा लगता है."
वो कहती हैं, "मुझे अच्छा लगता है जब मैं किसी महिला को अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ते हुए देखती हूं."
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रेप के बाद गर्भपात नहीं करा पाईं
एबिगेल ने बताया कि 19 साल की उम्र में एक पुलिसवाले ने उन्हें अगवा कर बलात्कार किया.
शारीरिक और मानसिक तौर से आहत एबिगेल ने इसके बाद दो दिन अपनी एक दोस्त के यहां बिताए. तब जाकर वो पुलिस में शिकायत करने की हिम्मत जुटा पाईं.
लेकिन महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले देखने वाले एक पुलिस स्टेशन के जांचकर्ताओं ने उनके आरोप मानने से इनकार कर दिया.
उन्होंने बताया, "मेरे आरोपों को ख़ारिज कर दिया गया. जिस वक्त मैं महिला पुलिस थाना गई, मैं ज़ख्मी थी लेकिन वहां मुझे हर तरह के अपमान से गुज़रना पड़ा."
"जब मैंने पुलिस प्रमुख को रेप करने वाले का नाम बताया तो उन्होंने कहा कि वो मेरी कोई मदद नहीं कर सकतीं."
तीन महीने बाद एबिगेल को पता चला कि वो गर्भवती हैं.
"बलात्कार होने के बाद मैं अवसाद में चली गई थी. मैंने कई बार आत्महत्या करने की सोची. लेकिन तभी मैंने सोचा कि कम से कम मैं ज़िंदा तो हूं. मैंने खुद को समझाया कि सबकुछ ठीक हो जाएगा."
"तभी मुझे पता चला कि मैं गर्भवती हो गई हूं. मैंने सोचा की अब मेरी ज़िंदगी में कुछ नहीं बचा."
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कोई विकल्प नहीं था
वो इस अनचाहे बच्चे को गिरा देना चाहती थीं. वो मदद के लिए एक अस्पताल में गईं.
बलात्कार के मामले में ब्राज़ील का क़ानून गर्भपात की इजाज़त तो देता है, लेकिन तभी जब मां की जान को ख़तरा हो या भ्रूण ठीक से विकसित ना हुआ हो.
ब्राज़ील में गर्भपात कराने के लिए पुलिस में अपराध की रिपोर्ट करने की अनिवार्यता नहीं है. लेकिन फिर भी कई अस्पताल गर्भपात की प्रक्रिया शुरू करने से पहले पुलिस रिपोर्ट की मांग करते हैं.
एबिगेल ने कहा, "उन्होंने मुझसे पुलिस की रिपोर्ट मांगी, लेकिन मेरे पास रिपोर्ट नहीं थी."
वो कहती हैं कि उस वक्त उन्हें अपने अधिकारों के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी.
"उस वक्त मैं कमज़ोर थी. उनकी मांग को चुनौती देने जितनी ताक़त मुझमें नहीं थी."
उन्होंने बेटे को जन्म दिया और अब वो चार साल का है. एबिगेल बताती हैं कि सिंगल मदर होने की वजह से उन्हें आज भी भेदभाव झेलना पड़ता है.
"ज़्यादातर लोगों को बलात्कार के बारे में पता नहीं है इसलिए उन्हें लगता है कि मैं अपने बच्चे के पिता को नहीं जानती."
"मैं अपने बेटे से बहुत प्यार करती हूं, लेकिन मैं कभी भी गर्भवती नहीं होना चाहती थी. मैं मां नहीं बनना चाहती थी. इस सब ने मेरी पूरी ज़िंदगी बदलकर रख दी."
"मुझे ऐसा लगता है जैसे मेरे सामने एक पूरी ज़िंदगी थी जिसे मुझसे छीन लिया गया."
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'अन्याय'
वो कहती हैं कि उनका व्हाट्सऐप ग्रुप उन महिलाओं की मदद करता है जो ब्राज़ील के सख्त गर्भपात क़ानून की वजह से अस्पताल में सुरक्षित रूप से गर्भपात नहीं करवा पातीं.
एबिगेल कहती हैं वो महिलाओं को गैरक़ानूनी और ख़तरे में डालने वाले गर्भपात क्लिनिक में जाने से रोकना चाहती हैं. साथ ही वो ये भी चाहती हैं कि कोई महिला अकेली गर्भपात के दर्द से ना गुज़रे.
"मुझे लगता है कि किसी भी महिला को अनचाही मां बनने पर मजबूर करना अन्यायपूर्ण है."
अगर एबिगेल या उनकी कोई साथी पकड़ी जाती है, तो उन्हें गर्भवती महिला की मर्ज़ी से गर्भपात करने के जुर्म में चार साल की सज़ा भुगतनी पड़ सकती है.
इसके अलावा गैरक़ानूनी तरीके से गर्भपात की गोलियां बेचने और एक आपराधिक गैंग बनाने के लिए भी उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
वो कहती हैं, "हो सकता है किसी दिन पुलिस मुझ तक पहुंच जाए."
"मैं उम्मीद करती हूं कि ऐसा कभी ना हो. अगर दुर्भाग्य से मैं पकड़ी जाती हूं तो मैं इस क़ानूनी कार्रवाई से निपट नहीं पाऊंगी."
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