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तो सिर्फ एक छोटी सी ट्यूब की वजह से क्रैश हो गया इंडोनेशिया के लॉयन एयर का जेट और चली गई 189 लोगों की जान

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जकार्ता। इंडोनेशिया में सोमवार को लो कॉस्‍ट एयरलाइन सर्विस लॉयन एयर का जेट क्रैश हो गया। इसमें सवार सभी 189 लोगों की मौत की खबर भी कुछ घंटों बाद आ गई। हादसे की जांच शुरू कर दी गई है और बताया जा रहा है कि एक खराब पायटॉट ट्यूब की वजह से यह हादसा हुआ था। विशेषज्ञों की ओर से यह अनुमान जेट का ब्‍लैक बॉक्‍स मिलने के बाद लगाया जा रहा है। लॉयन एयर की फ्लाइट 610 जकार्ता से टेक ऑफ करने के 13 मिनट बाद ही रडार से गायब हो गई थी। कुछ मिनटों बाद ही इसके क्रैश होने की खबरें आई थीं। पायटॉट ट्यूब एयरस्‍पीड को मापने के काम में आती है और माना जा रहा है कि इसमें खराबी आने की वजह से ही जेट क्रैश हो गया। यह भी पढ़ें-दिल्‍ली के भव्‍य सुनेजा उड़ा रहे थे इंडोनेशिया के लॉयन एयर जेट को

पायटॉट ट्यूब की वजह से बदली चाल

पायटॉट ट्यूब की वजह से बदली चाल

मंगलवार को गोताखोरों ने क्रैश की वजहों को तलाशने के लिए जावा सी में छलांग लगाई। वे यह तलाश रहे थे कि आखिर एकदम नया जेट ऐसे कैसे कुछ ही मिनटों के बाद क्रैश हो सकता है और 189 लोगों की मौत की वजह बन सकता है। सोमवार को जब एयरलाइन का संपर्क टूटा तो प्‍लेन की स्‍पीड में कुछ अनियमित बदलाव देखने को मिले थे। इसकी वजह से प्‍लेन का डायरेक्शन भी बदल गया। अब विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि एयरक्राफ्ट के उन उपकरणों में कुछ समस्‍या थी जिससे एयरस्‍पीड मापी जाती थी और शायद इन खराबियों की वजह से ही एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया। विशेषज्ञों की मानें तो इंडीकेटर्स या फिर पायटॉट ट्यूब्‍स से इस त्रासदी का पता लगाया जा सकता है। हालांकि एक्‍सपर्ट्स यह भी कह रहे हैं कि जब तक फ्लाइट डाटा रिकॉडर्स यानी ब्‍लैक बॉक्‍स नहीं मिल जाता तब तक ये सारी बातें महज अनुमान हैं।

गति में आए असाधारण परिवर्तन

गति में आए असाधारण परिवर्तन

सोमवार को इंडोनेशिया के स्‍थानीय समयानुसार सुबह 6:20 मिनट पर जकार्ता से टेक ऑफ करने के बाद यह जेट क्रैश हो गया था। प्लेन 2,100 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। सैटेलाइट डाटा की मानें तो क्रैश के समय यह 1,475 की ऊंचाई पर था। इसके कुछ ही पलों बाद 4,500 फीट और फिर 5,350 फीट की ऊंचाई तक वला गया था। इसके बाद सुबह 6:32 मिनट पर संपर्क खोने के बाद तेजी से नीचे गिरता गया। अमेरिकी अखबार न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने इंडोनेशियन एविएशन एक्‍सपर्ट के हवाले से लिखा है कि प्‍लेन की गति असाधारण थी और इस वजह से इसकी पायटॉट स्‍टैटिक सिस्‍टम में तकनीकी खामी का अंदाजा लगाया गया है।

क्या होती है पायटॉट ट्यूब

क्या होती है पायटॉट ट्यूब

पायटॉट ट्यूब एयरक्राफ्ट धड़ पर लगी होती हैं और इनसे प्‍लेन की स्‍पीड तय होती है। इसे प्‍लेन को कंट्रोल में करने में अहम माना जाता है। अगर एयरस्‍पीड कम है तो फिर एयरक्राफ्ट को रोका जा सकता है। हर ट्यूब में दो छेद होते हैं और इसका सामने का छेद हवा का दबाव अंदर भेजता है। इस ट्यूट को हेनरी पायटॉट के नाम पर पायटॉट ट्यूब कहा जाता है। 18वीं सदी के फ्रेंच वैज्ञानिक हेनरी पायटॉटा ने नदियों के बहाव की स्‍पीड को मापने के लिए इस मानक का आविष्‍कार किया था। पायटॉट ट्यूब में गड़बड़ी की वजह से ही साल 2009 में अटलांटिक के ऊपर एयरफ्रांस की फ्लाइट 447 गायब हो गई थी। जांचकर्ताओं की मानें तो यह फ्लाइट बर्फ में ही कहीं क्रैश हो गई थी।

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English summary
A small metal tube bring down Lion Air an Indonesian low cost airliner investigators believe.
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