A Promised Land: बराक ओबामा बोले-भ्रष्टाचार के बाद भी आधुनिक भारत है सफलता की कहानी
वॉशिंगटन। अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति बराक ओबामा की किताब 'ए प्रॉमिस्ड लैंड' इस समय सुर्खियों में हैं। किताब में उन्होंने तमाम बातों के बारे में लिखा है तो भारत की राजनीतिक व्यवस्था पर भी कई अहम टिप्पणियां की हैं तो वहीं ओबामा ने किताब में लिखा है कि आधुनिक भारत को कई वजहों से आज सफलता की कहानी के तौर पर गिना जा सकता है। ओबामा के मुताबिक राजनीतिक पार्टियों के बीच कड़वे मतभेद हैं, विभिन्न हथियारबंद अलगाववादी आंदोलन और भ्रष्टाचार के कई मामलों के बाद भी भारत दुनिया के सामने सफलता की नजीर है।
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दो बार किया भारत का दौरा
डेमोक्रेटिक पार्टी के बराक ओबामा साल 2009 से 2017 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे हैं। उनकी किताब में लिखा है कि सन् 1990 में भारत ने बाजार आधारित अर्थव्यवस्था की तरफ कदम बढ़ाए और भारतीयों में असाधारण उद्यमशीलता का कौशल सामने आया, इसकी वजह से तरक्की हुई, एक बड़ा टेक्नोलॉजी सेक्टर खुला और मध्यम वर्ग में विस्तार हुआ। 'ए प्रॉमिस्ड लैंड' दो वॉल्यूम में रिलीज होगी और इसका पहला वॉल्यूम मंगलवार को बाजार में लॉन्च हो गया है। ओबामा ने लिखा है, 'बहुत सी बातों में आज का आधुनिक भारत सफलता की कहानी है, सरकार में लगातार होने वाले बदलाव के साथ खुद को बचाते हुए आगे बढ़ाना, राजनीतिक पार्टियों के बीच कड़वे मतभेद, विभिन्न अलगाववादी आंदोलनों और भ्रष्टाचार के बाद भी यह सफलता की कहानी है।' ओबामा ने राष्ट्रपति रहते हुए दो बार भारत का दौरा किया था। वह पहली बार साल 2010 में उस समय भारत आए जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी। इसके बाद साल 2015 में केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए की सरकार के समय उन्होंने भारत का दौरा किया था।
मनमोहन सिंह को दिया सफलता का श्रेय
ओबामा ने भारत की सफलता का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दिया है और उनहोंने लिखा है कि वह इस तरक्की के सही मायनों हकदार हैं। ओबामा ने लिखा है कि मनमोहन सिंह जो सिख अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं, वह सर्वोच्च पद तक पहुंचे और उन्होंने लोगों का भरोसा जीता। ओबामा ने कहा है कि मनमोहन सिंह ने भ्रष्ट न होने की वजह से प्रतिष्ठा हासिल हुई। ओबामा कहते हैं कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने भारत में लोगों का जीवन स्तर ऊंचा किया। ओबामा ने नवंबर 2010 में अपने भारत दौरे को याद किया है। उन्होंने लिखा है कि उनके और मनमोहन सिंह के बीच एक अच्छी और बेहतर रिलेशनशिप बनी। उन्होंने लिखा है, 'वह विदेश नीति को लेकर सतर्क थे, भारतीय ब्यूरोक्रेसी में वह बहुत ज्यादा दूर तक नहीं जाना चाहते थे और एतिहासिक तौर पर अमेरिकी इरादों को लेकर आशंकित थे।' ओबामा के मुताबिक शुरुआती क्षणों में मनमोहन सिंह ने एक विलक्षण ज्ञानवान व्यक्ति के तौर पर अपना प्रभाव छोड़ा था। ओबामा ने अपनी किताब में लिखा है कि जिस समय वह मनमोहन सिंह से भारत दौरे पर मिले थे वह भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित थे।