मलेशिया में 92 साल के एक बुजुर्ग ने सत्ता को ललकारा
मलेशिया में अगले पांच सालों तक शासन करने के लिए हो रहे चुनाव प्रचार अभियानों के बीच एक वीडियो आया है.
इस वीडियो में एक छोटी मलय लड़की अपने दादा के उम्र के एक बुजुर्ग की तरफ हसरत भरी निगाहों से देख रही है.
22 सालों तक मलेशिया की सत्ता संभालने और उसे आकार देने वाला यह बुजुर्ग एक बार फिर अपने 92वें साल में चुनावी मैदान में लोहा लेने को तैयार है.
आश्चर्य की बात ये है
मलेशिया में अगले पांच सालों तक शासन करने के लिए हो रहे चुनाव प्रचार अभियानों के बीच एक वीडियो आया है.
इस वीडियो में एक छोटी मलय लड़की अपने दादा के उम्र के एक बुजुर्ग की तरफ हसरत भरी निगाहों से देख रही है.
22 सालों तक मलेशिया की सत्ता संभालने और उसे आकार देने वाला यह बुजुर्ग एक बार फिर अपने 92वें साल में चुनावी मैदान में लोहा लेने को तैयार है.
आश्चर्य की बात ये है कि ये अपनी पुरानी पार्टी यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गनाइजेशन के ख़िलाफ खड़े हैं. पार्टी का सत्ता पर एकाधिकार है.
"मैं बुजुर्ग हो चुका हूं. मेरे पास बहुत कम वक्त बचा है." वीडियो में लड़की से यह कहते हुए डॉ. महातिर मोहम्मद की आंखें भर आती हैं.
"मुझे अपने देश के पुनर्निर्माण के लिए कुछ करना होगा; शायद यह मेरी ग़लतियों की वजह से है, जो मैंने पहले की थी."
दिलचस्प मुक़ाबला
डॉ. महातिर के चुनावी मैदान में उतरने से पूरा मुक़ाबला दिलचस्प हो गया है. उनके आने से एकबार फिर विपक्षी पार्टियों का गठबंधन मज़बूत होगा. अनवर इब्राहिम को दोबारा 2015 में जेल भेजे जाने के बाद ये गठबंधन कमज़ोर हो गया था.
इससे पहले चुनाव एकतरफा माना जा रहा था. विपक्षी गठबंधन के नेता अनवर इब्राहिम को डॉ. महातिर के निर्देश पर 1999 में जेल भेज दिया गया था.
साल 2004 में उनकी रिहाई हो गई. मलेशिया में साल 2013 में हुए चुनावों में यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गनाइजेशन को करीब से चुनौती देने पर उन्हें एक बार फिर अप्राकृतिक सेक्स के जुर्म में जेल भेज दिया गया.
उनके बिना वतर्मान में प्रधानमंत्री नजीब रजक विपक्षी चुनौती को दूर की कौड़ी समझ रहे थे.
अनवर इब्राहिम शायद एक ऐसे नेता थे, जिनमें डॉ. महातिर को चुनौती देने की क्षमता थी. वो 18 सालों तक उनके प्रतिद्वंदी रहे थे.
विरोध
एक समय में इब्राहिम महातिर की सरकार में नंबर दो के नेता थे. लेकिन 1997 में दक्षिण-पूर्व एशिया में आए वित्तीय संकट से निपटने के सरकारी तरीकों का उन्होंने विरोध किया, जिसकी वजह उन्हें सरकार से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
इसके बाद वो 18 सालों तक डॉ. महातिर के ख़िलाफ़ अभियान चलाते रहे. अंत में उन्हें यौन दुराचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि इब्राहिम हमेशा से इन आरोपों को ख़ारिज करते आए हैं.
2013 में मुझे दिए एक इंटरव्यू में डॉ. महातिर ने कहा था कि इब्राहिम एक अपरिपक्व नेता हैं जो देश का नेतृत्व नहीं कर सकते हैं.
लेकिन दो साल पहले अपनी पार्टी को छोड़ने और इब्राहिम से सुलह के बाद उन्होंने कहा कि "युवावस्था में उन्होंने गलतियां की थी और अब वो काफी सजा काट चुके हैं."
वो अब कहते हैं, "ज़रूरी ये है कि हमलोग साथ काम करें. इब्राहिम का परिवार मेरे साथ काम करता है, हमलोग काफी नजदीक हैं और प्रधानमंत्री नजीब से छुटकारा पाने के लिए एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं."
इब्राहिम के परिवार भी इस गठबंधन को ज़रूरी मानता है. उनकी बेटी नुरुल नूहा ने कहा, "निजी तौर पर यह मुश्किल है पर हमलोगों को उस भावना को किनारे रखना होगा. यह मलेशिया के भविष्य का सवाल है."
डॉ. महातिर अपने भाषण में कहते हैं, "देवियों और सज्जनों, मैं सभी से माफी मांगता हूं, अपनी उस ग़लती के लिए. मैं ही हूं जिसकी वजह से ही नजीब उभर कर सामने आए हैं. यह मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी ग़लती है. मैं इसे सुधारना चाहता हूं."
चुनाव से पहले छह विपक्षी उम्मीदवारों को तकनीक गलतियों के नाम पर देश के स्वतंत्र चुनाव आयोग ने आयोग्य करार दे दिया है.
आयोग पर पोस्टल वोट के गलत इस्तेमाल का भी आरोप है. यही नहीं, इस बार के चुनाव शनिवार-रविवार की जगह सप्ताह के बीच में कराने का फैसला किया गया है.
सरकार पर भ्रष्टाचार और जनता के पैसों के गलत इस्तेमाल के आरोप हैं. डॉ. महातिर चाहते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था सुधरे और सत्ता में एकाधिकार ख़त्म हो.