जिस एंटीफ़ा को ट्रंप 'आतंकवादी' गुट कह रहे हैं, उसके बारे में 7 बातें
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि फ़ासीवादी-विरोधी ग्रुप एंटीफ़ा को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाएगा.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि फ़ासीवादी-विरोधी समूह एंटीफ़ा (एंटी फ़ासिस्ट) को 'आतंकवादी' संगठन घोषित किया जाएगा.
ट्रंप ने आरोप लगाया है कि अमरीकी नागरिक जॉर्ज फ़्लायड की मौत को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों में एंटीफ़ा ने दंगे भड़काए हैं.
अमरीका में सोमवार को लगातार छठी रात एक गोरे पुलिस अधिकारी के हाथों हुई काले नागरिक जॉर्ज फ़्लायड की मौत को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी हैं.
विरोध प्रदर्शनों के कारण कम से कम 40 शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है, लेकिन इसके बाद भी लोग सड़कों पर उतर रहे हैं.
The United States of America will be designating ANTIFA as a Terrorist Organization.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 31, 2020
न्यूयॉर्क, शिकागो, फिलाडेल्फिया और लॉस एंजेलेस में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई हैं.
प्रदर्शनकरियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े हैं. कई जगह लोगों ने पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है और दुकानों को लूट लिया है.
सोमवार को अमरीका के मिनेसोटा में 46 साल के निहत्थे काले नागरिक जॉर्ज फ़्लॉयड की मौत हो गई थी.
उनकी मौत का एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक पुलिसकर्मी डेरेक चौविन आठ मिनट से अधिक वक्त तक उनकी गर्दन पर घुटना टेककर दबाते हुए देखे गए थे.
It’s ANTIFA and the Radical Left. Don’t lay the blame on others!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 30, 2020
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि "इस हिंसा के लिए 'एंटीफ़ा के नेतृत्व वाले अराजक तत्व' और 'कट्टर वामपंथ के झुकाव वाले अराजक तत्व' ज़िम्मेदार हैं."
हालाँकि उन्होंने इसके बारे में और अधिक जानकारी नहीं दी है. उन्होंने ये भी नहीं बताया है कि वो कब और कैसे एंटीफ़ा को आतंकवादी संगठन घोषित करने वाले हैं.
एंटीफ़ा के बारे में वो 7 बातें जो आप नहीं जानते
धुर-दक्षिणपंथी समूह और फासीवादी-विरोधी समूह एंटीफ़ा के बीच जो लड़ाई इंटरनेट पर चल रही थी वो अब अमरीका की सड़कों तक पहुँचने लगी है.
लेकिन एंटीफ़ा में कौन लोग सदस्य हैं और ये समूह किस बात का प्रतिनिधित्व करता है? इस समूह के बारे में और जानकरी के लिए अनीसा सूबेदार और माइक वेन्डलिंग ने अमरीका के वेस्ट कोस्ट का दौरा किया.
1. कब से अस्तित्व में है एंटीफ़ा
ग्रुप से जुड़े कई लोगों का मानना है कि 1920 और 1930 के दशक में यूरोपीय फासीवादी ताक़तों के ख़िलाफ़ मूवमेंट के साथ उनका समूह अस्तित्व में आया.
"एंटीफ़ा: द एंटी फ़ासिस्ट हैंडबुक" के लेखक मार्क ब्रे कहते हैं कि आधुनिक अमरीकी एंटीफ़ा मूवमेंट की शुरुआत 1980 के दशक से हुई थी. और इसकी शुरुआत हुई थी एंटी-रेसिस्ट एक्शन नाम के एक समूह से.
इस समूह के सदस्यों ने अमरीका की कुछ जगहों पर नव-नाज़ीवाद का विरोध किया. लेकिन 2000 के दशक की शुरुआत तक ये मूवमेंट लगभग ख़त्म हो गया. हाल के दिनों में डोनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने और रूढ़िवादियों के उभार के बाद से एक बार फिर ये मूवमेंट सिर उठा रहा है.
2. एंटीफ़ा का उच्चारण कैसे होता है?
मार्क ब्रे के अनुसार इस एक शब्द को कई तरीके से कहा जाता है. अमरीका में अधिकतर लोग इसे एंटीफ़ा कहते हैं.
यूरोप में इसे कई बार इसे एंटी-फार कहा जाता है. ब्रे मानते हैं कि इसका उच्चारण इतालवी शब्द एंटी-फासिस्मो से प्रेरित हो सकता है.
3. किसका विरोध करती है एंटीफ़ा
इस समूह के लोग या इस विचारधारा से जुड़े लोग नव-नाज़ीवाद, नव-फ़ासीवाद, व्हाइट सुप्रिमेसिस्ट (गोरे लोगों को श्रेष्ठ मानने वाली विचारधारा) और नस्लीय भेदभाव जैसे रूढ़िवादी धुर-दक्षिणपंथी विचारधारा के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते हैं. हाल के दिनों में ये समूह धुर-दक्षिणपंथी विचारधारा का विरोध करता भी दिखा है.
ओरेगॉन में ख़ुफ़िया तौर पर काम कर रहे एंटीफ़ा समूहों से बात करने पर उन्होंने बताया कि वो कई तरह के राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित हैं लेकिन फ़ासीवाद का विरोध करने के मामले में ये समूह एकजुट हैं और सरकार-विरोधी विचारधारा रखते हैं.
इनका कहना है कि हाल में अमरीकी प्रशासन अधिनायकवाद की तरफ बढ़ी है और वो एक ऐसा मूवमेंट खड़ा करना चाहते हैं जो "राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के ख़िलाफ़ हमें और मज़बूत करे."
समूह के एक सदस्य का कहना है , "ये केवल फेडेरल सरकार का विरोध करना भर नहीं हैं लेकिन ये उन क़दमों का विरोध करना भी है जो देश को फ़ासीवाद की तरफ ले जा सकते हैं. और इस तरह के क़दम स्थानीय स्तर पर भी अधिकारी उठा सकते हैं या स्थानीय धुर-दक्षिणपंथी मूवमेंट भी कर सकते हैं."
4. ये सभी लो हमेशा काले कपड़े क्यों पहनते हैं?
पश्चिम जर्मनी के अराजकतावादियों से लेकर शीत युद्ध के दौर तक एंटीफ़ा की विचाराधारा में यक़ीन रखने वाले सभी विरोध प्रदर्शनों में काले कपड़े पहनते हैं.
पुलिस या विरोधी उन्हें न पहचानें इसके लिए कई बार ये लोग अपने चेहरे मास्क से ढँक कर रखते हैं या फिर हैलमेट पहनते हैं.
एक तरह से ये डराने वाला तरीक़ा भी है जिसे "ब्लैक ब्लॉक" कहा जाता है. इस तरीक़े से वो अनजानों का एक समूह बन कर एक साथ रह सकते हैं.
हालाँकि एंटीफ़ा समूह से ही कई और समूह भी निकले हैं. ओरेगॉन में "स्नैक ब्लॉक" नाम का एक समूह है जो विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था करता है.
5. ये समूह क्या तरीक़ा अपनाता है?
एंटीफ़ा प्रदर्शनकारियों की कोशिश होती है कि वो रूढ़िवादी धुर-दक्षिणपंथी कार्यक्रमों और नेताओं के कार्यक्रमों में मुश्किलें पैदा करें.
इसके लिए वो कई तरह के तरीक़े अपनाते हैं- शोर मचाते हैं, गीत गातें हैं और दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मानव शृंखला बनाते हैं. कुछ लोग सोशल मीडिया पर धुर-दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े पोस्ट्स पर भी नज़र रखते हैं.
ये लोग इंटरनेट पर अपने विरोधियों की निजी जानकरी रिलीज़ कर देते हैं. ऐसे कर के ये लोग कई बार धुर-दक्षिणपंथी समर्थकों को नौकरियों से निकलवाने में भी कामयाब हुए हैं.
एंटीफ़ा समूह रैली और विरोध मार्च का भी आयोजन करते हैं. इसी समूह में शामिल कुछ हिंसक तत्व विरोध प्रदर्शनों के दौरान पेपर स्रे, चाकू, ईंट और चेन भी अपने साथ रखते हैं.
6. कितने हिंसक हो सकते हैं इस समूह के लोग?
विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के इस्तेमाल के लिए तैयार रहने की एंटीफ़ा समूहों की सोच उन्हें दूसरे वामपंथी कार्यकर्ताओं से अलग करती है. हालाँकि एंटीफ़ा समूह के कई लोगों का कहना है कि वो हिंसा की निंदा करते हैं.
वो कहते हैं कि अगर कभी हिंसा होती भी है तो ये केवल आत्मरक्षा के लिए होनी चाहिए.
अपनी दलील को सही ठहराने के लिए वो ये तर्क देते हैं कि अगर जर्मन नाज़ी पार्टी के विरोधी 1930 के दशक में अधिक ताक़त का इस्तेमाल करते तो क्या वो द्वितीय विश्व युद्ध और होलोकॉस्ट को रोक सकते थे.
कई बार ऐसे वाकये सामने आए हैं, जब एंटीफ़ा समूह के लोगों ने सीधे तौर पर धुर-दक्षिणपंथियों का सामना किया है. कुछ मामलों में वो रैलियाँ रद्द कराने, टलवाने और बीच में ही आयोजन रोकने में कामयाब हुए हैं.
7. क्या एंटीफ़ा समूह में महिलाएँ भी हैं ?
परंपरागत रूप से सड़कों पर विरोध प्रदर्शन में अधिकतर पुरुष शामिल होते हैं लेकिन कैलिफोर्निया और दूसरी जगहों पर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान बड़ी संख्या में एंटीफ़ा से जुड़ी महिलाओं को गिरफ़्तार किया गया है.
इनका कहना है कि आप्रवासन, सस्ती सवास्थ्य सेवा, गर्भपात के अधिकारों और मतदान के अधिकारों से जुड़ी सरकार की नीतियों से महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं.
रिफ्यूज़ फासिज़्म नाम के एंटीफ़ा समूह से जुड़ी सनसारा टेलर कहती हैं कि महिलाएँ इसमें अधिक शामिल हो रही हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि "इन मुद्दों का असर उन पर होता है."