रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के भारत पहुंचने से पहले मिसाइल डील पर अमेरिका की तरफ से आई प्रतिबंधों की धमकी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, भारत आ चुके हैं और उनके इस दौरे पर भारत और रूस के बीच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की डील साइन होगी। पांच बिलियन डॉलर की डील साइन होने से पहले अमेरिका की तरफ से अप्रत्यक्ष तौर पर नई दिल्ली को प्रतिबंधों की धमकी दी गई है।
वॉशिंगटन। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, भारत आज भारत पहुंचेंगे और उनके इस दौरे पर भारत और रूस के बीच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की डील साइन होगी। पांच बिलियन डॉलर की डील साइन होने से पहले अमेरिका की तरफ से अप्रत्यक्ष तौर पर नई दिल्ली को प्रतिबंधों की धमकी दी गई है। अमेरिका ने बुधवार को अपने साथियों से अपील की है कि वे रूस के साथ होने वाले व्यापारिक संबंधों से बचें। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो फिर उन पर अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा बढ़ सकता है। यह चेतावनी अमेरिका की ओर से ऐसे समय आई है जब रूस ने इस बात की पुष्टि की थी कि पुतिन के भारत दौरे पर एस-400 की डील साइन होगी।
चीन पर लग चुके हैं प्रतिबंध
पिछले माह ही अमेरिका ने काट्सा यानी काउंटरिंग अमेरिकाज एडवरसरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट के तहत प्रतिबंध लागू करने का नया नियम इसमें जोड़ा है। अगस्त में आए इस नियम के तहत ही व्हाइट हाउस की ओर से चीन पर रशियन मिसाइल डिफेंस और फाइटर जेट्स खरीदने के बाद प्रतिबंध लगाए गए हैं। काट्सा कानून के तहत दुनियाभर में रूस की गतिविधियों को नियंत्रित करना है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की ओर से न्यूज एजेंसी पीटीआई की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, 'हम अपने साथियों से अपील करते हैं कि वह रूस के साथ ऐसे व्यापार से बचें जिसकी वजह से उन पर काट्सा के तहत प्रतिबंध लगाए जा सकते हों।' पीटीआई की तरफ से भारत और रूस के बीच एस-400 एयर डिफेंस डील को लेकर एक सवाल पूछा गया था।
भारत और रूस के बीच होगी इस हफ्ते डील
प्रवक्ता ने आगे कहा कि ट्रंप प्रंशासन ने इस बात की तरफ इशारा कर दिया कि काटसा के सेक्शन 231 को क्षमताओं में क्वालिटेटिव अपग्रेड को ध्यान में रखकर लागू किया जिसमें एस-400 एयर एंड मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी शामिल है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत और रूस के बीच इसी हफ्ते एस-400 डील साइन होने वाली है। राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे पर इस डील पर अंतिम मोहर लगेगी। क्रेमलिन की ओर से इस बात की पुष्टि की जा चुकी है। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो की ओर से कहा गया था, 'राष्ट्रपति एक नई रिलेशनशिप डेवलप करना चाहते हैं और बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हमें अभी तक इसमें सफलता नहीं मिल सकी है।'
रूस पर नियंत्रण लगाना असली मकसद
ट्रंप प्रशासन के एक सीनियर ऑफिसर की ओर से कहा गया है कि कई बड़े मिलिट्री इक्विपमेंट्स जिसमें एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी शामिल है, उसे काटसा प्रतिबंधों के तहत एक बड़ा सौदा माना जाएगा। ऐसे में प्रतिबंधों की संभावना भी काफी बढ़ जाती है। एक अधिकारी की ओर से जोर देकर इस बात को कहा गया कि इन प्रतिबंधों का निशाना सिर्फ और सिर्फ रूस है। काटसा के प्रतिबंधों के तहत हालांकि किसी भी खास देश की रक्षा क्षमताओं को कम करने की कोशिश नहीं की जाएगी।