36 ब्रिटिश सांसदों ने किया किसान आंदोलन का समर्थन, कृषि बिल को लेकर राष्ट्रमंडल सचिव को लिखी चिट्ठी
नई दिल्ली। कृषि बिल को लेकर भारत में जारी किसान आंदोलन का असर ब्रिटेन में भी देखने को मिला है। यहां के 36 सांसदों ने आंदोलन का समर्थन किया है। ब्रिटेन के लेबर पार्टी के सांसद तन्मनजीत सिंह धेसी के नेतृत्व में 36 ब्रिटिश सांसदों ने राष्ट्रमंडल सचिव डोमिनिक राब को चिट्ठी लिखी है। सांसदों के गुट ने डोमिनिक रॉब से कहा है कि वे पंजाब के सिख किसानों के समर्थन विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालकों के जरिए पीएम मोदी से बातचीत करें।

तन्मनजीत सिंह द्वारा समन्वित पत्र में डोमिनिक राब के साथ एक तत्काल बैठक की मांग की गई है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में लेबर, कंजरवेटिव और स्कॉटिश नेशनल पार्टी के पूर्व श्रम नेता जेरेमी कॉर्बिन, वीरेंद्र शर्मा, सीमा मल्होत्रा, वैलेरी वाज़, नादिया व्हिटोम, पीटर बॉटमली, जॉन मैककॉनेल, मार्टिन डॉकर्टी-ह्यूजेस और एलिसन थेवलिस शामिल हैं। पत्र में कहा गया है, "पंजाबी समुदाय को राज्य की आर्थिक संरचना की रीढ़ माना जाता है," इसमें पंजाब में 'बिगड़ती' स्थिति और केंद्र सरकार के साथ इसके संबंधों पर चर्चा करने के लिए भी रैब से आग्रह किया, धेसी ने एक ट्वीट में कहा, "कई राज्यों विशेष रूप से पंजाब से आने वाले लोगों ने, भारत में कृषि कानून 2020 का विरोध कर रहे किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए सांसदों से संपर्क किया है।
Farmers from the Punjab and across India are peacefully protesting against #FarmersBill2020.
Following our October meet, further discussions and given strong sense of injustice felt by many constituents, cross-party letter from British MPs has been sent to the Foreign Secretary. pic.twitter.com/l8aZWiekor
— Tanmanjeet Singh Dhesi MP (@TanDhesi) December 4, 2020
दर्जनों सांसदों ने इसके लिए विधिवत रूप से क्रॉस-पार्टी पत्र पर हस्ताक्षर किए और शांतिपूर्वक विरोध कर रहे किसानों के लिए न्याय की मांग की।" आपको बता दें कि इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो किसान आंदोलन को लेकर अपना बयान दे चुके हैं। हालांकि बाद में कनाडा के पीएम के बयान पर भारत की ओर से तीखी आपत्ति जताई गई थी। विदेश मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को कनाडा के हाई कमिश्नर को इस बाबत तलब किया गया था।
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