26/11 मुंबई आतंकी हमला: अमेरिकी विदेश मंत्री पोंपेयो बोले, शर्म की बात गुनाहगारों को अब तक नहीं मिली सजा
वॉशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों की बरसी पर बड़ा बयान दिया है। पोंपेयो ने कहा यह काफी शर्म की बात है कि जिन लोगों ने मुंबई आतंकी हमलों को अंजाम दिया, उन्हें आज तक सजा नहीं मिली है। मंगलवार को पोंपेयो ने यह बात हमलों की 11वीं बरसी पर कही। पाकिस्तान से आए आतंकियों की तरफ से अंजाम दिए गए इन हमलों में कुल 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे जिनमें छह अमेरिकी भी शामिल थे।
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विदेश मंत्री का इशारा किस तरफ
माइक पोंपेयो विदेश विभाग के हेडक्वार्ट्स फॉगी बॉटम पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने इन हमलों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'पीड़ितों और उनके परिवार के लिए यह काफी शर्मनाक बात है कि जिन लोगों नें मुंबई हमलों की साजिश रची, उन्हें अभी तक दोषी नहीं ठहराया गया।' अमेरिकी विदेश मंत्री के बयान से यह साफ नहीं है कि उनका इशारा किस की तरफ था।
कराची में कंट्रोल रूम से मिल रहे थे निर्देश
पाकिस्तान स्थित आंतकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी कराची से समंदर के रास्ते नाव पर सवार होकर मुंबई पहुंचे थे। उनके लीडर्स और हैंडलर्स कराची में बने कंट्रोल रूम ये हमलों के दौरान उन्हें निर्देश दे रहे थे। हमले में जहां नौ आतंकियों को जवाबी कार्रवाई में ढेर कर दिया गया था तो वहीं अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया। कसाब पर केस चला और फिर से फांसी पर लटका दिया गया था। आतंकियों के हैडलर्स और इनके साजिशकर्ता आज भी पाकिस्तान में आजाद घूम रहे हैं। पाक हमेशा इन्हें सजा देने में आनाकानी करता आया है।
अमेरिकी दबाव में कार्रवाई
पाकिस्तान ने जो भी कार्रवाई अभी तक इस केस में की है, वह बस अमेरिका के दबाव में ही की हैं। लश्कर का आका और इन हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद जुलाई से हिरासत में है। पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान की पहली अमेरिका यात्र से कुछ ही दिन पहले उसे हिरासत में लिया गया था। लेकिन उसे जिसे तरह की स्थितियों में रखा गया है वह साधारण जेल से एकदम अलग है। उसे सारी सुविधाएं दी गईं हैं और वह सारी सुविधाओं के साथ जेल में है।
टीवी, इंटरनेट और मोबाइल फोन के साथ आतंकी
एक और लीड प्लानर और लश्कर में नंबर दो जकी-उर-रहमान लखवी के साथ छह और आतंकियों को रावलपिंडी में जेल के ऑफिसर के कमरे के करीब बने कमरों में रखा गया है। इन आतंकियों के पास टीवी सेट से लेकर मोबाइल फोन तक है। साथ ही यह इंटरनेट की सुविधा भी इन्हें मिली है। सिर्फ इतना ही नहीं आतंकी उन मेहमानों से मिलने के लिए भी आजाद हैं जिन्हें अपनी पहचान अथॉरिटीज से कराने की जरूरत नहीं है। लखवी को अक्सर जमानत पर रिहा कर दिया जाता है।