हिल्सा से निकाले गए 250 तीर्थयात्री, चार्टर्ड हेलीकॉप्टरों की ली जा रही मदद
नेपाल के हिल्सा से करीब 250 से ज्यादा कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला गया है। तिब्बत में कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा से लौटते समय भारी बारिश के कारण नेपाल के में फंसे बाकी तीर्थयात्रियों को निकालने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं।
काठमांडू। नेपाल के हिल्सा से करीब 250 से ज्यादा कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला गया है। तिब्बत में कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा से लौटते समय भारी बारिश के कारण नेपाल के में फंसे बाकी तीर्थयात्रियों को निकालने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। भारतीय दूतावास ने एक बयान में बताया कि बाकी 336 लोगों को सिमिकोट से सुरखेत और नेपालगंज पहुंचाया गया है। भारतीय मिशन नेपालगंज-सिमिकोट-हिल्सा सेक्टर पर स्थिति पर नजर रख रहा है और इलाके से फंसे भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों को निकालने के लिए सभी मुमकिन उपाय कर रहा है।
अभी
भी
फंसे
हैं
कई
लोग
भारतीय दूतावास की ओर से कहा गया है कि हिल्सा-सिमिकोट सेक्टर में हेलीकॉप्टरों ने 50 उड़ानें भरीं और करीब 250 लोगों को हिल्सा से निकाला गया। उन्होंने बताया कि हिल्सा में अब 350 लोग फंसे हैं जबकि सिमिकोट में 643 लोग फंसे हुए हैं। हिल्सा में आधारभूत सुविधाएं नहीं है जबकि सिमीकोट में यात्रियों को उतारने, कम्यूनिकेशन और मेडिकल की सुविधाएं मौजूद हैं। अधिकारी ने बताया कि 17 वाणिज्यिक उड़ानों और नेपाल सेना के तीन हेलीकॉप्टरों और एक छोटे चार्टर्ड हेलीकॉप्टर ने आज दिन में उड़ानें भरीं और 336 लोगों को सिमिकोट से सुरखेत और नेपालगंज पहुंचाया। सुरखेत पहुंचाए गए लोगों को नेपालगंज जाने के लिए बसें मुहैया कराई गईं हैं। नेपालगंज आधुनिक सुविधाओं से लैस बड़ा शहर है और सड़क मार्ग से वहां से लखनऊ तीन घंटे में पहुंचा जा सकता है। दूतावास ने बताया था कि कल 1500 तीर्थयात्रियों में से करीब 250 को हिल्सा से सुरक्षित निकाला गया। उसने बताया कि कल कुल 158 लोगों को सिमीकोट से निकालकर नेपालगंज लाया गया।
अलग-अलग भाषा में दी जा रही मदद
दूतावास ने बयान में बताया है कि फंसे हुए लोगों को निकालने की प्रक्रिया को तेज करने के मद्देनजर दूतावास चार्टर्ड हेलीकॉप्टरों की सेवा लेने की भी संभावना तलाश रहा है। ये मौसम की स्थिति और हेलीकॉप्टरों की इन मार्गों पर उड़ने की क्षमता पर निर्भर करेगा। दूतावास ने तीर्थयात्रियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए पहले ही हॉटलाइन बना दी है जिसमें तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषी कर्मचारी भी हैं। चीन के तिब्बत स्वायत्त इलाके में स्थित कैलाश मानसरोवर हिन्दुओं, बौद्ध एवं जैन धर्म के लोगों के लिये पवित्र स्थान माना जाता है और हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में तीर्थयात्री वहां जाते हैं।