क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Video: 210 किलो के गोरिल्ला का किया गया CT स्कैन, एयरलिफ्ट करके अस्पताल लाने में छूटे पसीने

210 kg gorilla airlifted from zoo and brought to hospital for CT scan,Watch video

Google Oneindia News

नई दिल्ली। जानवरों की बेहतर देखभाल और उनकी जान बचाने की चिंता का एक बेहतरीन उदाहरण एक चिडि़याघर ने पेश किया हैं। दरअसल जोहांसबर्ग चिड़ियाघर का एक गोरिल्‍ला जिसका जिसका वजन 210 किलो हैं उसकी तबियत खराब होने पर जू प्रशासन ने बड़ी ही जद्दोजहेद करके उसकी बीमारी की वजह जानने के लिए सिटी स्‍कैन करवाया। आश्‍चर्यचकित कर देने वाली फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं और लोग इसे शेयर कर कमेंट कर रहे हैं।

Video: वफा-प्यार या दोस्ती: मालिक ने नदी में कूद कर दे दी जान, 4 दिन तक पुल पर इंतजार करता रहा कुत्ताVideo: वफा-प्यार या दोस्ती: मालिक ने नदी में कूद कर दे दी जान, 4 दिन तक पुल पर इंतजार करता रहा कुत्ता

210 kg के गोरिल्ला का किया गया CT स्कैन,

210 kg के गोरिल्ला का किया गया CT स्कैन,

इस वजनी गौरिल्‍लें का सिटी स्‍कैन को कैसे अस्‍पताल लाया गया और अस्‍पताल में स्‍ट्रेचर पर लिटा कर कैसे सिटी स्‍कैन किए जाने का फोटो zoo प्रशासन ने फेस बुक पर शेयर किया गया हैं। जिसे देख आप स्‍वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि इस भारी-भरकम गोरिल्‍लें का सिटी स्‍कैन करवाने में कितनी मस्‍सकत करनी पड़ी। आइए जानते हैं कि इस गोरिल्‍लें को किस बीमारी का पता लगाने के लिए सिटी स्‍कैन करने की जरुरत पड़ी और कैसे zoo से अस्‍पताल तक इसे अस्‍पताल तक पहुंचाया गया?

गोरिल्‍लें का इसलिए करवाना पड़ा सिटी स्‍कैन

गोरिल्‍लें का इसलिए करवाना पड़ा सिटी स्‍कैन

जोहांसबर्ग चिड़ियाघर के इस मेल गोरिल्‍लें की उम्र 34 वर्ष हैं। 210 किलो के इस गोरिल्लें का नाम मकोको हैं जो एक क्रोनिक नाक से होने वाले डिस्चार्ज से पीड़ित था। लंबे इलाज के बावजूद इसकी ये बीमारी ठीक नहीं हो रही थी। जिसके बाद गोरिल्‍लें की इस बीमारी की वजह जानने के लिए डाक्‍टरों ने उसका सिटी स्‍कैन कराने की सलाह दी थी।

इसलिए करना पड़ा एयरलिफ्ट

इसलिए करना पड़ा एयरलिफ्ट

जिस अस्‍पताल में इसका सिटी स्‍कैन करवाया जाना था वो अस्‍पताल चि‍डि़या घर 64 किलोमीटर दूर था इसलिए इसे सड़क मार्ग से ले जाने में लंबा समय लगता। इतनी देर तक गोरिल्‍ला को बेहोश रखना उचति नहीं था। इसलिए गोरिल्ले को बेहोश करके चिड़ियाघर में इसके बाड़े से एरोप्‍लेन पर एयरलिफ्ट करके सीटी स्कैन और पूर्ण इलाज और जांच के लिए एक अस्पताल में भेजा गया। मकोको को शनिवार को एक हेलीकॉप्टर में ओन्डेरस्टेपोर्ट पशु चिकित्सा शैक्षणिक अस्पताल में भेजा गया। ये अस्‍पताल इसलिए चुना गया क्योंकि इसमें सीटी स्कैनर काफी मजबूत है जो इसका वजनदार गोरिल्‍लें का वजन सहन कर सकता था।

सिटी स्‍कैन करवाने में लोगों से छूट गए पसीने

सिटी स्‍कैन करवाने में लोगों से छूट गए पसीने

इसका आकार बड़ा होने के कारण zoo कर्मचारियों और अस्‍पताल के स्‍टॉफ को इसे पहले हेलीकाप्‍टर में चढ़ाना और फिर उससे उतारकर स्‍ट्रैचर से अस्‍पताल के सिटीस्‍कैन मशीन पर लिफ्ट करके रखने में काफी कठिन और जोखिम भरा था। लेकिन 5 लोगों ने मिलकर बड़ी मुश्किल से इस गोरिल्‍लें को जोखिम के बीच सिटीस्‍कैन मशीन पर रखा। अस्पताल से एक घंटे की ड्राइव के दौरान बड़ा जोखिम उठाते हुए आखिरकार सिटी स्‍कैन करने में सफलता हासिल की।

गोरिल्लें के सिटी स्‍कैन में आई ये रिपोर्ट

ओन्डेरस्टेपोर्ट हॉस्पिटल ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, "प्रो गेरहार्ड स्टीनकैंप ने मकोको के नाक के मार्ग की जांच की। उन्होंने पाया कि वे लगभग पूरी तरह से अवरुद्ध थे, जो कई ट्यूमर की तरह दिखते थे।" "कुछ राहत थी कि बायोप्सी किए गए ऊतक में कोई कैंसर कोशिकाएं नहीं मिलीं।" सीटी स्कैन के बाद माकोको को स्ट्रेचर से उठाने के लिए पांच लोगों ने बड़ी मेहनत की। अस्पताल द्वारा फेसबुक पर साझा किए गए गोरिल्ला के एक वीडियो को 15,000 से अधिक बार देखा गया है और कई लोगों ने उसके बेहरत सेहत की प्रार्थना भी की।

Comments
English summary
210 kg gorilla airlifted from zoo and brought to hospital for CT scan, see video
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X