भारत में फर्जी कॉल सेंटरों ने अमेरिकियों को लगाया अरबों का चूना, 21 भारतीयों को 20 साल की सजा
वॉशिंगटन। कॉल सेंटर स्कैम में अमेरिकी सरकार ने 21 भारतीयों को 20 साल की सजा सुनाई है। अमेरिका ने कहा कि भारत में स्थित कॉल सेंटरों ने हजारों अमेरिकियों को चुना लगाया है। कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि सभी भारतीयों को 20 की सजा खत्म होने के बाद उन्हें भारत पहुंचा दिया जाएगा। अमेरिका में बैठकर काम कर रहे सभी भारतीयों के कॉल सेंटरों का लिंक गुजरात के अहमबाद से था।
अमेरिका के उसी टेक्सास फेडरल कोर्ट ने शुक्रवार को 5 लोगों को सजा सुनाई गई थी, जिन्हें इसी सप्ताह बाकि लोगों को आरोपी घोषित किया था। इस केस में तीन अन्य लोगों को भी सजा सुनाई और कुल 24 लोग को जेल भेजा गया है। अमेरिका में भारतीयों की यह अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी है।
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सजा सुनाते वक्त अमेरिकी कोर्ट ने कहा कि 32 अन्य भारतीयो को षड़यंत्र के रूप में देखा गया है, जिन पर फिलहाल दोष साबित नहीं हो पाया है। साथ ही कोर्ट ने भारत में स्थित पांच कॉल सेंटरों को भी इसी गुनाह में दोषी में पाया है। अमेरिकी कार्रवाई के बाद, भारतीय अथॉरिटी भी इस केस में सहयोग कर रही है और कॉल सेंटर्स को बंद कर रही है। मुंबई पुलिस ने मुख्य षड़यंत्रकारी सागर 'शैग्गी' ठक्कर को पिछले साल अप्रैल 2017 में गिरफ्तार किया था। शैग्गी उन कोल सेंटरों का को-ऑनर हार्दिक पटेल के संपर्क में था, जिसे 15 साल की सजा हो चुकी है।
कोर्ट ने इसी सप्ताह जिन भारतीयों को सजा सुनाई है, उनमें सनी जोशी, मितेश कुमार पटेल, फहाद अली, जगदीश कुमार चौधरी, दिलीप आर पटेल, वीराज पटेल, हर्ष पटेल, राजेश भट्ट और भावेश पटेल, जेरी नॉरिस, निसार पटेल, मोंटू बरोट, प्रफुल पटेल, दिलीप ए पटेल, नीलेश पांड्य और राजेश कुमार, और हार्दिक पटेल, राजभाई पटेल, अश्विनभाई चौधरी, भरतकुमार पटेल और निलम परीख का नाम शामिल है।
अमेरिकी पुलिस के अनुसार, कॉल सेंटरों के कर्मचारी पहले तो टैक्स न चुका पाने वाले अमेरिकियों की जानकारी हासिल करते थे और उसके बाद अमेरिकन एक्सेंट में इंग्लिश बोलकर लोगों को फंसाते थे। कॉल सेंटरों से उन्हें अमेरिकी अफसरों के नाम से फर्जी फोन लगाया जाता था। उनसे पैसा मांगते थे। भुगतान नहीं करने पर गिरफ्तारी या जुर्माने की धमकी देते थे। इनमें ज्यादातर बुजुर्गां को निशाना बनाया जाता था।
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