हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज करने वाले तीनों वैज्ञानिकों को दिया जाएगा साल 2020 का नोबेल पुरस्कार
नई दिल्ली। साल 2020 में अलग-अलग क्षेत्रों में नोबेल पुस्कार दिए जाने के नामों का ऐलान कर दिया गया है। इस बार चिकित्सा के क्षेत्र का नोबल प्राइज हारवे जे अल्टर, माइकल हॉटन और चार्ल्स एम राइस को दिया जाएगा। हैपटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए उन्हें यह पुरस्कार मिलेगा।
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नोबेल
पुरस्कार
के
आधिकारिक
ट्विटर
हैंडल
से
लिखा
गया,
'इतिहास
में
पहली
बार
अब
हेपेटाइटिस
सी
वायरस
का
इलाज
संभव
है।
दि
2020
मेडिसिन
लॉरेट्स
की
खोजें
क्रोनिक
हेपेटाइटिस
के
बाकी
मामलों
का
कारण
सामने
लाईं
और
रक्त
परीक्षण
और
नई
दवाओं
का
निर्माण
संभव
किया,
जिससे
लाखों
लोगों
की
जान
बची।'
इस संबंध में नोबेल पुरस्कार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि इस साल के पुरस्कार विजेता वैज्ञानिकों ने रक्त-जनित हेपेटाइटिस के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक योगदान दिया है। यह एक प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है जो दुनिया भर के लोगों में सिरोसिस और यकृत कैंसर का कारण बनती है।
नोबेल पुरस्कार में क्या मिलता है?
नोबेल पुरस्कार के हर विजेता को करीब साढ़े चार करोड़ रुपए की राशि दी जाती है। इसके साथ 23 कैरेट सोने से बना 200 ग्राम का पदक और प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है। पदक के एक ओर नोबेल पुरस्कार के जनक अल्फ्रेड नोबेल की छवि, उनके जन्म तथा मृत्यु की तारीख लिखी होती है। पदक की दूसरी तरफ यूनानी देवी आइसिस का चित्र, रॉयल एकेडमी ऑफ साइंस स्टॉकहोम तथा पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति की जानकारी होती है।
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