Year Ender 2018: तालिबान और आईएस ने सुलाया हजारों को मौत की नींद, जानिए इस साल के सबसे दर्दनाक आतंकी हमले
नई दिल्ली। अफगानिस्तान वह मु्ल्क है, जिसने खतरनाक आतंकी हमलों की लिस्ट में इराक को भी पीछे छोड़ चुका है। इसी माह दिसंबर में अमेरिका ने एक रिपोर्ट में कहा गया कि दुनियाभर में हुए कुल आतंकी हमलों में अकेले अफगानिस्तान में एक तिहाई हमले हुए और सैकड़ों लोगों की जान गई। दुनिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस), तालिबान और बोको हराम सबसे खतरनाक आतंकी संगठन है, जिन्होंने इस साल यूरोप से लेकर एशिया में हमले कर निर्दोष और बेगुनाह लोगों को निशाना बनाया। इस साल एक बार फिर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक और सीरिया सबसे अधिक आतंकी हमलों का गवाह बना है। मरने वालों में आम नागरिक, महिलाएं, बच्चे, सुरक्षाबलों के जवान और पत्रकारों से लेकर मानवाधिकार संगठनों के कार्यकर्ता भी शामिल है। इस साल 2018 में दुनिया भर में 100 से अधिक आतंकी हमले हुए और 1000 से ज्यादा की जाने गईं। एक नजर डालते हैं, इस साल के सबसे खतरनाक आतंकी हमलों पर...
अफगानिस्तान में गृह मंत्रालय को बनाया निशाना
इस साल 27 जनवरी को अफगानिस्तान में पहला और सबसे दर्दनाक आतंकी हमला हुआ, जिसमें कुल 103 लोगों की जान गई और 235 लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शक्तिशाली बम विस्फोट ने पूरे मुल्क को दहशत में डाल दिया था। यह हमला गृह मंत्रालय की इमारत को निशाना बनाकर किया गया था। हमलावर ने विस्फोटक से भरी एंबुलेंस को गृह मंत्रालय की पुरानी इमारत के पास उड़ा दिया, जिसके पास खड़ी लोगों की एक भीड़ चपेट में आ गई। यह हमला इतना खतरनाक था कि आसपास की दुकाने और इमारतें भी चकनाचूर हो गई थी। इस दौरान पूरा इलाका धमाके से दहल गया और चारों ओर लाशें बिछी हुई थी। इस आत्मघाती हमले के अगले दिन अफगानिस्तान में राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया। इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली थी।
चुनावी रैली में दहला पाकिस्तान
पाकिस्तान में इस साल जुलाई में आम चुनाव हुए, लेकिन आतंकवादियों ने माहौल खराब करने के लिए कई चुनावी रैलियों को निशाना बनाया। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक चुनावी रैली में 13 जुलाई को आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें कुल 149 लोगों की मौत हुई और 186 लोग घायल हुए। इस हमले में बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के नेता और चुनावी उम्मीदवार नवाबजादा मीर सिराज खान की भी मौत हो गई। पाकिस्तान में इस साल का यह सबसे दर्दनाक आंतकी हमलों में से एक था। बलूचिस्तान के मस्तुंग में यह हमला हुआ था। इस आतंकी हमले से पूरे पाकिस्तान के लोग सहम गये थे और चुनावी रैलियों में भाग लेना तक कम कर दिया था। इस्लामिक स्टेट ने इस दर्दनाक हमले को अंजाम दिया था।
आईएस के अटैक में सहमा सीरिया
इस साल का सबसे दर्दनाक आतंकी हमला सीरिया में हुआ, जिसमें इस्लामिक स्टेट (आईएस) के जिहादियों ने 200 से अधिक लोगों को मौत की नींद सुला दिया। 25 जुलाई को सीरिया के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र एस-सुवायदा में गन और सुसाइड अटैक में 258 लोगों की जान गई और 180 से अधिक लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए। एस-सुवायदा के आस पास के गावों से भी आईएस के आतंकियों ने सैकड़ों लोगों को बंधक बनाकर उनपर अंधाधुंध गोलियां चला दी थी। उसी दिन शहर में कई जगहों पर आत्मघाती हमले भी हुए थे। इस हमले में 140 नागिरकों और 60 से ज्यादा आतंकियों की मौत हुई थी। सीरिया में यह पूरा खून खराबा इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने किया था।
बोकोहराम ने नाइजीरिया सैनिकों को बनाया निशाना
इसी साल नाइजीरिया की सेना को आतंकी सगंठन बोको हराम ने निशाना बनाया। आईएस का दावा है कि बोको हराम ने नाइजीरिया का 118 सैनिकों को मार गिराया है। वहीं, 150 से ज्यादा अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। आईएस का दावा है कि उन्होंने नाइजीरिया और चाड सेना के खिलाफ 15 से 21 नवंबर के बीच पांच जगहों पर अटैक किये थे। उसी दौरान 18 नवंबर को नाइजीरियाई बोर्नो स्टेट के आर्मी बेस पर बोको हराम के आतंकियों ने अटैक कर दिया था। आतंकियों का कहना है कि उन्होंने 100 से अधिक नाइजीरियाई सैनिकों को मार दिया, वहीं नाइजीरिया की सेना ने इसका खंडन करते हुए कहा कि उनके सिर्फ 44 सैनिक मारे गए हैं। बता दें कि अफ्रीकी देश नाइजीरियाई सेना पिछले दस सालों से बोकोहराम के खिलाफ लड़ रही है। अफ्रीका में बोको हराम सबसे खतरनाक और सक्रीय आतंकी संगठन है, जिसे इस्लामिक स्टेट का साथ मिलता रहा है।
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