9/11 के 19 साल: कोरोना वायरस महामारी की तकलीफ में लोग याद कर रहे अपनों को
न्यूयॉर्क। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए सबसे बड़े आतंकी हमलों के आज 19 साल पूरे हो गए हैं। यह साल थोड़ा नहीं बहुत अलग है और इस बार कोरोना वायरस महामारी ने अमेरिका में उन आतंकी हमलों की तुलना में सबसे ज्यादा कहर मचाया है। महामारी का असर 11 सितंबर को होने वाले कार्यक्रमों पर भी नजर आ रहा है। मेमोरियल प्लाजा और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के करीब, इस वर्ष कोई भी आतंकी हमलों में मारे गए पीड़ितों को श्रद्धांजलि नहीं दे पाएगा।
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इस वर्ष नहीं होंगे कार्यक्रम
हर वर्ष हमलों में मारे गए लोगों के परिजन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के करीब मेमोरियल प्लाजा में आकर पर उनका नाम पढ़ते थे, लेकिन इस बार इस सर्विस को भी सस्पेंड कर दिया गया है। अब इस फैसले को लेकर लोगों में मतभेद उभर गए हैं। उप राष्ट्रपति माइक पेंस न्यूयॉर्क में मेमोरियल प्लाजा और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के करीब पीड़ितों को श्रद्धांजलि देंगे। इसके अलावा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इस बार डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडेन पेंसिलवेनिया स्थित फ्लाइट 93 नेशनल मेमोरियल पर जाकर श्रद्धांजलि दे सकते हैं। ट्रंप जहां सुबह के कार्यक्रम में जनता को संबोधित करेंगे तो वहीं बाइडेन दोपहर में अपना संबोधन दे सकते हैं। न्यूयॉर्क में फायर डिपार्टमेंट की तरफ से लोगों से अपील की गई है कि वह इस वर्ष कार्यक्रम से दूर रहे।
लोगों को सता रही एक आशंका
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टॉवर्स पर अल-कायदा के आतंकियों ने 11 सितंबर को दो प्लेन को ले जाकर टकरा दिया था। उन हमलों में करीब 3000 लोग मारे गए थे और उनमें 350 फायर फाइटर्स थे। कोरोना वायरस ने जब अमेरिका में दस्तक दी तो लोगों को अंदाजा नहीं था कि महामारी इतना विकराल रूप ले सकती है। अमेरिका में आज इस महामारी से जितने लोगों की मौत हुई है, उसका आंकड़ा 9/11 में मारे गए लोगों से कई गुना ज्यादा है। इस महामारी से अब तक अमेरिका में 196,331 लोगों की मौत हो गई है। पीड़ितों के रिश्तेदारों का कहना है कि इस वर्ष ग्राउंड जीरो पर बदलाव किया गया है और वह इस बात को समझते हैं। वहीं कुछ लोग मान रहे हैं कि महामारी की वजह से दुनिया उन लोगों को भूल जाएगी जिन्होंने आतंकी हमलों में अपनी जान गंवाई थी। वहीं, अथॉरिटीज के मुताबिक कार्यक्रम को कैंसिल नहीं किया गया बल्कि उसमें बदलाव किया गया है।