9/11 हमले के समय न्यूयॉर्क के इस रेलवे स्टेशन पर गिरे थे ट्विन टॉवर्स, 17 बाद फिर से गुजरी यहां से रेलगाड़ी
11 सितंबर 2001 को अमेरिका और दुनिया पर सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था। इस हमले को 17 वर्ष पूरे हो रहे हैं और 17 वर्ष बाद न्यूयॉर्क सिटी के एक सबवे रेलवे स्टेशन को फिर से खोला गया है। यह वह स्टेशन है जो हमले के दौरान पूरी तरह से जमीन में समा गया था।
न्यूयॉर्क। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका और दुनिया पर सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था। इस हमले को 17 वर्ष पूरे हो रहे हैं और 17 वर्ष बाद न्यूयॉर्क सिटी के एक सबवे रेलवे स्टेशन को फिर से खोला गया है। यह वह स्टेशन है जो हमले के दौरान पूरी तरह से जमीन में समा गया था। इसी स्टेशन पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टावर्स गिरे थे। 17 वर्ष बाद यहां पर फिर से ट्रेन की आवाज सुनी जा सकती है और लोगों की चहलकदमी को महसूस किया जा सकता है। सबवे के दोबारा खुलने पर एक वीडियो जारी किया गया है। इस वीडियो में लोगों को मुस्कुरात, ताली बजाते और इवेंट को फोन पर रिकॉर्ड करते हुए देखा जा सकता है।
पूरी तरह से तबाह हो गया था स्टेशन
11 सितंबर 2001 को जब न्यूयॉर्क स्थित ट्विन टॉवर्स को निशाना बनाया गया तो यह स्टेशन पूरी तरह से नष्ट हो गया। इस स्टेशन का नाम कॉर्टलैंडेट स्टॉप है। इसे यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इसी गली में ट्विन टॉवर्स स्थित थे। शनिवार को इस स्टेशन को खोला गया और 17 वर्ष बाद यहां से कोई ट्रेन गुजरी। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस घटना पर लिखा है, 'शहर ने जो कुछ खो दिया था, उसे फिर से बनाने की तैयारी में शहर का एक बड़ा हिस्सा है।' स्टेशन अब नंबर वन स्टॉप होगा और इसे डब्लूटीसी कॉर्टलैंडेट स्टॉप नाम दिया गया है। इसी गली पर अब डब्लूटीसी को बनाया गया है।
181 मिलियन की लागत से तीन वर्ष में हुआ तैयार
इस स्टेशन के निर्माण में काफी समय लग गया क्योंकि मलबा साफ नहीं हो सका था और निर्माण कार्य जमीन के अंदर चल रहा था जिसके आसपास कई बिल्डिंग्स हैं। ट्वीट टॉवर्स जब इस स्टेशन पर गिरे तो उन्होंने स्टेशन की छत को पूरी तरह से नष्ट कर दिया था। इसके अलावा 1200 फीट का ट्रैक भी दोनों तरफ से तबाह हो गया था। यह पूरा प्रोजेक्ट 181 मिलियन डॉलर का था और इस पर कई लोगों की नजरें टिकी थीं। आपको बता दें कि आतंकी हमले के समय अल कायदा के आतंकियों ने दो पैसेंजर्स प्लेंस को हाईजैक करके टावर्स में टकरा गया थसा। इस स्टेशन का निर्माण कार्य साल 2015 में शुरू हुआ था।
3,000 लोगों की हुई मौत
9/11 हमलों में करीब 3,000 लोगों की मौत हो गई थी और हमले को अल कायदा के आतंकियों ने अंजाम दिया था। इन हमलों के बाद इराक और अफगानिस्तान में खतरनाक और कई वर्षों तक चलने वाले युद्धों का आगाज हुआ। इन युद्धों की वजह से इराक और अफगानिस्तान में कई दिनों तक हिंसा का दौर चला और दोनों ही देश अस्थिरता का सामना करने को मजबूर हुए।