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16 December: आज के दिन पाकिस्तान को मिला था एक और घाव, खुद के बनाए शैतान ने स्कूल में घुसकर मार दिए 151 लोग

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इस्लामाबाद। Peshawar School Attack 16 दिसम्बर की तारीख पाकिस्तान के इतिहास में बहुत ही बुरी यादें लिए हुए दर्ज हो गया है। 16 दिसम्बर का ही वो दिन पर जब 1971 में भारत के साथ युद्ध (1971 War) में करारी हाल मिली और उसके 90 हजार सैनिकों ने भारत के सामने सरेंडर करना पड़ा था और उसके हाथ से पूर्वी पाकिस्तान भी निकल गया था। लेकिन 2014 को इसी 16 दिसम्बर के दिन पाकिस्तान को एक ऐसा जख्म मिला जिसे सोचकर सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि भारत में भी लोगों को तकलीफ होती। आज ही के दिन छह साल पहले पाकिस्तान द्वारा ही तैयार किए गए तालिबान के आतंकियों ने पाकिस्तान के पेशावर स्थित एक आर्मी पब्लिक स्कूल में घुसकर मासूमों पर बेरहमी से गोलियां बरसाई थीं।

16 दिसम्बर को स्कूल में हुआ नरसंहार

16 दिसम्बर को स्कूल में हुआ नरसंहार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत की राजधानी पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल है जिसमें ज्यादातर सेना के जवानों के बच्चे पढ़ाई करते हैं। यह पेशावर छावनी के किनारे की तरफ स्थित है। 16 दिसम्बर 2014 को इसी स्कूल कैंपस में ऐसा दिल दहला देने वाला भीषण नरसंहार (Peshawar School Massacae) हुआ था जिसे भुलाया नहीं जा सकता। इस हमले में 150 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर स्कूली छात्र ही थे।

16 दिसम्बर 2014 की सुबह स्कूल आम दिनों की तरह ही चल रहा था। सभी बच्चे अपनी-अपनी क्लास में पढ़ाई कर रहे थे। तभी पाकिस्तान के स्थानीय समय के मुताबिक करीब 10 बजे तालिबान के 7 आतंकी स्कूल में घुसे। ये सभी स्कूल की बाउंड्री वाल फांदकर कैंपस के अंदर पहुंचे थे। कहा जाता है कि गार्ड का ध्यान उन तक न पहुंचे इसलिए इन आतंकियों ने स्कूल के गेट की तरफ अपनी गाड़ी में हल्का विस्फोट किया था ध्यान भटकाया जा सके। इस दौरान उन्होंने अपने साथ लाई सीढ़ियों को बाउंड्री पर लगा दिया और स्कूल के अंदर घुस आए।

ये सभी अपने साथ अत्याधुनिक स्वचालित हथियार लिए हुए थे और इन्होंने अपने पास ग्रेनेड लेकर अंदर पहुंचे थे। यही नहीं आतंकियों ने आत्मघाती विस्फोटकों से भरी जैकेट पहन रखी थी। आतंकी सबसे पहले स्कूल के हॉल में पहुंचे वहां पर कुछ बच्चों को आपात स्थिति में फर्स्ट एड चिकित्सा के बारे में जानकारी दी जा रही थी। बच्चों को कुछ समझ आता तब तक आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी।

पाकिस्तान सेना ने शुरू की जवाबी कार्रवाई

पाकिस्तान सेना ने शुरू की जवाबी कार्रवाई

इसके बाद आतंकी बगल की क्लास में गए और वहां पर शिक्षक और छात्रों पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। बस फिर क्या था क्लास दर क्लास आतंकी जाते रहे और गोलियां चलाते रहे। इस दौरान गलियारों और कैंपस में जो भी दिखाई दिया उसे गोलियों से भून दिया।

इस बीच खबर बाहर निकली तो सूचना मिलते ही पाकिस्तान सेना के जवानों ने स्कूल को घेर लिया और जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। यहां सबसे बड़ा खतरा था कि स्कूल में बच्चे भी थे और आतंकियों के पास ग्रेनेड भी था। इसके चलते ऑपरेशन में बड़ी दिक्कत आ रही थी। आतंकियों ने स्कूल में जगह-जगह विस्फोटकर लगा रखे थे। सेना ऑपरेशन के दौरान इन विस्फोटकों को वहां से हटा भी रही थी। इस बीच आतंकियों ने सेना पर ग्रेनेड से भी हमला किया।

आखिरकार 9 घंटे तक चली कार्रवाई के बाद जब आतंकियों की तरफ से फायरिंग बंद हुई तो सेना को 7 आतंकियों की लाशें मिली। वहीं आतंकियों ने खुद को उड़ा लिया या वे सेना की कार्रवाई में मारे गए इसका पता नहीं चल पाया। इसके बाद सेना ने ऑपरेशन खत्म होने की घोषणा की लेकिन तब तक उस स्कूल में इतना खून बह चुका था जिसके दाग पाकिस्तान के दिल पर लंबे वक्त तक रहने वाले थे।

पाकिस्तान तालिबान ने किया था हमला

पाकिस्तान तालिबान ने किया था हमला

इस नृशंस नरसंहार में स्कूल स्टॉफ समेत 151 लोग मारे गए थे इनमें 134 वहां पढ़ने वाले मासूम बच्चे थे। इस हमले में 100 के करीब लोग घायल हुए थे। इन बच्चों की मौत ने पूरे पाकिस्तान को हिला दिया था। हर कोई हैरान था कि कोई कैसे ऐसा कर सकता है। या फिर कौन है जो इस तरह की क्रूरता को अंजाम दे सकता है। कुछ हलकों में ये भी आवाज उठी कि इस कार्रवाई के पीछे भारत का हाथ है लेकिन जब सच सामने आया तो सेना तक हिल चुकी थी। हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली थी। ये संगठन उसी अफगान तालिबान की पाकिस्तानी शाखा था जिसे कभी पाकिस्तान की सेना ने खुद ही सोवियत रूस से अफगानिस्तान में लड़ने के लिए तैयार किया था। जिसे पाकिस्तान ने इस्लामिक हुकूमत की स्थापना के लिए तैयार किया था आज वही संगठन उसके लिए नासूर बन गया था और उसके अपने ही लोगों को मार रहा था। सिर्फ इतना ही नहीं इस बार तो मासूम बच्चों तक को निशाना बनाया गया जिनका दुनियादारी से कोई वास्ता भी नहीं था।

पाकिस्तान तालिबान और सेना में शुरू हुई थी जंग

पाकिस्तान तालिबान और सेना में शुरू हुई थी जंग

तहरीक-ए-तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इसकी वजह भी बताई। टीटीपी ने अपने बयान में कहा था कि उसने पाकिस्तान सेना से अपने लोगों की मौत का बदला लिया है। पाकिस्तान सेना अमेरिका के इशारे पर लोगों को मार रही है इसलिए हमने उन्हें संदेश दिया है कि अगर हमसे लड़ाई की तो अंजाम बुरा होगा।

दरअसल जब अफगानिस्तान में अमेरिकी हमले के बाद तालिबान सत्ता से बाहर हुआ तो उसके कई सारे लड़ाके भागकर पाकिस्तान में आ गए। इस बीच इन्होंने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) नाम का संगठन बनाया और उत्तरी वजीरिस्तान इलाके में अपनी समानांतर सरकार चलाने लगे। टीटीपी के लड़ाकों ने लोगों को मारना शुरू किया और हिंसा की घटनाओं की खबर इस्लामाबाद तक पहुंचने लगी। आखिरकार पाकिस्तान की सेना ने टीटीपी के खिलाफ एक चलाया जिसका नाम ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब रखा गया। इसके तहत सेना ने उत्तरी वजीरिस्तान में टीटीपी के खिलाफ कड़ा अभियान चलाया जिसमें दोनों तरफ और आम लोगों को मिलाकर 1 लाख से ऊपर लोग मारे गए थे। टीटीपी सेना के इस ऑपरेशन से नाराज था और बदले में उसने स्कूल में इस नरसंहार को अंजाम दिया।

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English summary
16 december 2014 peshawar school attack a huge wound for pakistan
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