नेपाल: सिमिकोट से 158 तीर्थयात्रियों को निकाला गया, दो तीर्थयात्रियों की मौत
काठमांडू। कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए जो तीर्थयात्री भारी बारिश की वजह से नेपाल और तिब्बत में फंस गए हैं, उनके लिए राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। बुधवार को 158 तीर्थयात्रियों को नेपाल के सिमिकोट लाया गया है तो वहीं 250 तीर्थयात्री सिमिकोट से हिल्सा लाए गए हैं। ये तीर्थयात्री भारी बारिश की वजह से नेपाल और तिब्बत के अलग-अलग जगहों पर फंस गए हैं। इस बीच जिन दो तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई थी उनके शव एक स्पेशल हेलीकॉप्टर से नेपालगंज और काठमांडू लाए गए हैं।
जारी हुए हॉटलाइन और हेल्पलाइन नंबर
कुछ तीर्थयात्री तिब्बत में फंसे हुए हैं लेकिन ये तीर्थयात्री पूरी तरह से सुरक्षित हैं और अभी वहीं पर हैं। बताया जा रहा है कि इन तीर्थयात्रियों को निकाले जाने का काम तब होगा जब नेपाल में राहत और बचाव कार्य पूरा हो जाएगा। नेपाल स्थित भारतीय दूतावास की ओर से हॉटलाइन नंबर जारी किए गए हैं। इन नंबरों पर नेपाल में फंसे तीर्थयात्रियों के परिजन उनसे संपर्क कर सकते हैं। ये नंबर इस तरह से हैं-
हेल्पलाइन
नंबर
9851107006
9851155007
9851107021
9818832398
हॉटलाइन
नंबर
कन्नड़-
9823672371
तेलगु-
9808082292
तमिल-
9808500642
मलयालम-
9808500644
दूतावास कैलाश मानसरोवर की यात्रा के रास्ते में पड़ने वाले नेपालगंज-सिमिकोट-हिल्सा मार्ग पर लगातार नजर बनाए हुए है। हर वर्ष भारत से हजारों की संख्या में तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाते हैं। ये यात्री नेपाल और तिब्बत के रास्ते होते हुए यात्रा पूरी करते हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा का प्रबंध हर वर्ष विदेश मंत्रालय की ओर से जून और सितंबर के बीच किया जाता है। इस यात्रा में चीन की सरकार का सहयोग भी मिलता है। चीन की ओर से उत्तराखंड के लिपुलेख पास और सिक्किम में नाथूला पास को यात्रियों के लिए खोला जाता है।